हर गर्भवती महिला यही चाहती है की उसका होने वाला शिशु गोरा, सूंदर, हष्ट, पुष्ट व् दिमाग से तेज हो। ऐसे में जिस तरह स्वस्थ रहने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान खान पान का अच्छे से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। वैसे ही ऐसा माना जाता है की प्रेगनेंसी के दौरान कुछ ऐसी चीजे होती है जिसे खाने से शिशु का रंग काला या गोरा होता है। क्या आप भी जानना चाहती है की प्रेगनेंसी में क्या खाने से शिशु गोरा होता है और क्या खाने से शिशु काला होता है? यदि हाँ तो आइये अब इस आर्टिकल में उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रेगनेंसी में क्या खाने से शिशु गोरा होता है?
गर्भावस्था के दौरान ऐसा एक नहीं बल्कि कई खाद्य पदार्थ होते हैं जिन्हे खाने से शिशु की रंगत पर असर पड़ता है। जिससे आपका होने शिशु गोरा व् सूंदर होता है। जैसे की:
संतरा
संतरे में विटामिन सी मौजूद होता है जो शिशु की रंगत को निखारने में मदद करता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान यदि संतरों का सेवन करती है तो इससे आपका शिशु गोरा होता है।
नारियल
ऐसा भी माना जाता है की प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला नारियल का सेवन करती है तो इससे भी शिशु की रंगत निखरती है। क्योंकि नारियल में पोटैशियम होता है जिससे शिशु की स्किन और बालों को फायदा मिलता है। जिससे आपकी गोरा व् क्यूट बेबी पाने की चाहत को पूरा होने में मदद मिलती है।
हरी सब्जियां
हरी सब्जियां आयरन का बेहतरीन स्त्रोत होती है साथ ही इसमें विटामिन सी, पोटैशियम व् अन्य ऐसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। जो शिशु की स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं और जिससे शिशु की त्वचा में निखार आता है।
केसर मिल्क
पुराने समय से ही गर्भवती महिला को केसर वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है की केसर मिल्क पीने से आपके होने वाले बच्चे को गोरा होने में मदद मिलती है।
अनार
अनार का सेवन करने से गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी पूरी होती है जिससे शिशु तक भी ब्लड फ्लो अच्छे से होता है। और शिशु के शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होने से भी शिशु की रंगत को निखारने में मदद मिलती है। अनार के अलावा गाजर, चुकंदर आदि का सेवन करने से भी आपको गोरा व् क्यूट बेबी को जन्म देने में मदद मिलती है।
बादाम
प्रेगनेंसी के दौरान बादाम का सेवन करना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही बादाम का सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु की रंगत को निखारने में भी मदद मिलती है। इसके लिए महिला भीगे हुए बादाम, बादाम मिल्क, बादाम का छिलका उतारकर उन्हें पीसकर और दूध में मिलाकर उनका सेवन कर सकती है।
अंडा
गर्भावस्था के दौरान अंडे का सेवन माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही अंडे का सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु की रंगत को निखारने में भी मदद मिलती है।
आंवले का मुरब्बा
गर्भावस्था के दौरान आंवलें के मुरब्बे का सेवन करना गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि आंवले के मुरब्बे में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। साथ ही ऐसा भी माना जाता है की आंवलें के मुरब्बे का सेवन करने से गर्भ में शिशु की रंगत को निखारने में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी में क्या खाने से बच्चा काला होता है?
वैसे तो बच्चे का काला होना या गोरा होने उसके जीन्स पर निर्भर करता है लेकिन फिर भी पुराने समय से ही ऐसा माना जाता है की शिशु की रंगत पर महिला के खान पान का असर भी पड़ता है। ऐसे में कुछ ऐसी चीजें भी है जिनका सेवन महिला को करने की मनाही होती है क्योंकि उनका सेवन करने से आपका शिशु काला होता है। जैसे की:
बैंगन
ऐसा माना जाता है की प्रेग्नेंट महिला को बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि बैंगन का सेवन करने से आपका शिशु का रंग काला होता है।
सुबह उठकर कोई भी काली चीज नहीं खाएं
प्रेग्नेंट महिला को सुबह उठकर ऐसी कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए जिसका रंग काला हो क्योंकि ऐसा माना जाता है की सुबह उठकर महिला यदि काले रंग की चीजों का सेवन करती है तो इससे शिशु का रंग काला होता है।
आयरन युक्त डाइट
गर्भावस्था के दौरान जरुरत से ज्यादा महिला को आयरन युक्त डाइट भी नहीं लेनी चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है की आयरन युक्त ज्यादा डाइट लेने की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु का रंग काला होता है।
काले अंगूर
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को काले अंगूर का सेवन भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा भी माना जाता है की काले अंगूर का सेवन करने से आपका होने वाला बच्चा भी काला होता है।
धूप में बैठना
खान पान के अलावा ऐसा भी माना जाता है जो गर्भवती महिलाएं धूप में ज्यादा बैठती है उसके कारण भी शिशु की रंगत पर असर पड़ता है जिसकी वजह से आपका होने वाला शिशु काला होता है।
तो यह है कुछ खाद्य पदार्थ जिन्हे प्रेगनेंसी के दौरान सेवन करने से आपका होने वाला शिशु गोरा या काला होता है। ऐसे में आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा यह केवल एक अनुमान है इसमें पूरी तरह सच्चाई है या नहीं इसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। बस पुराने समय से ही लोग इन बातों को हमे बताते आ रहे हैं।