माँ बनना हर महिला के जीवन का सबसे अलग और खास अनुभव होता है। और जितना यह अनुभव खास होता है उतना ही महिला को प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद दिक्कत का अनुभव करना पड़ता है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान पूरे नौ महीने तक महिला किसी न किसी दिक्कत का सामना करती है। वहीँ बच्चे के जन्म के बाद भी बच्चा छोटा होता है इसीलिए अपने मन की बात को कह नहीं पाता है।
ऐसे में बच्चे के ज्यादा रोने पर, ज्यादा सोने पर, महिला को के मन में तरह तरह के सवाल आने लगते हैं की आखिर बच्चा ऐसा क्यों कर रहा है। क्योंकि बच्चा तो उस समय बोल नहीं पाता है। वैसे ही बच्चे के जन्म के बाद बच्चे की केयर को लेकर महिला के मन में बहुत सवाल भी होते हैं। और उन सवालों में से एक सवाल यह होता है की स्तनपान करवाने वाले शिशु को पानी पिलाना सही है या नहीं।
क्या स्तनपान करने वाले शिशु को दूध पिलाना चाहिए?
यह प्रश्न किसी भी नई माँ के मन में आना स्वाभाविक होता है। क्योंकि पानी हर किसी के लिए जरुरी होता है। लेकिन जब बात नवजात शिशु की आती है तो इसका जवाब न होता है। क्योंकि बच्चे के जन्म के छह महीने तक बच्चे के लिए माँ का दूध ही पर्याप्त होता है और बच्चे के विकास के लिए जरुरी सभी पोषक तत्व शिशु को दूध से ही मिल जाते हैं। ऐसे में बच्चे को पानी की जरुरत नहीं होती है साथ ही माँ के दूध का आधे से ज्यादा हिस्सा पानी से भरपूर होता है।
इसके अलावा यदि जन्म के बाद बच्चे को यदि छह महीने तक केवल माँ का दूध ही पिलाया जाता है तो इससे बच्चे का शारीरिक व् मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है। इसके अलावा दूध पिलाने वाली माँ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वो खुद भरपूर पानी का सेवन करें जिससे माँ और बच्चा दोनों हाइड्रेट रह सकें। साथ ही जब बच्चा छह महीने से ज्यादा का होता है और धीरे धीरे अन्न खाना शुरू करता है तो उसके बाद बच्चे को पानी की जरुरत होती है और तब आप बच्चे को पानी पिला सकते हैं।
बच्चे को माँ का दूध पिलाने के फायदे
- माँ का दूध पीने से बच्चे का शारीरिक व् मानसिक विकास तेजी से होता है।
- बच्चे की इम्युनिटी मजबूत होती है जिससे बच्चे को बीमारियों से बचे रहने में मदद मिलती है।
- बच्चे के विकास के लिए जितने जरूरी पोषक तत्व चाहिए होते हैं वो बच्चे को दूध से भरपूर मात्रा में मिलते हैं।
नवजात शिशु को दिन में कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
कोई भी महिला जब नवजात को दूध पिलाती है तो महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बच्चा जब तक स्तन को खुद नहीं छोड़ता है तब तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। उसके बाद जैसे ही बच्चे का पेट भर जाता है तो बच्चा अपने आप ही दूध पीना बंद कर देता है।
और एक बार दूध पीने के बाद बच्चे को दो से ढाई घंटे तक भूख नहीं लगती है ऐसे में महिला को हर दो से ढाई घंटे के बाद बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। इसके अलावा ध्यान रखें की बच्चे को दूध पिलाने के बाद कंधे से जरूर लगाएं क्योंकि इससे बच्चा डकार ले लेता है जिससे दूध को हज़म होने में मदद मिलती है।
तो यह है नवजात शिशु को दूध के साथ पानी पिलाना चाहिए या नहीं उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी नई माँ बनी है तो आपको भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए ताकि माँ व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें।