प्रेगनेंसी के शुरुआती समय महिला के लिए बहुत ही नाजुक होता है और इस दौरान महिला की स्थिति बहुत ही मुश्किलों से भरी हो सकती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में तेजी से हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं। जिसकी वजह से महिला को शारीरिक परेशानियां अधिक हो सकती है इसके अलावा जो महिलाएं पहली बार माँ बनने का अनुभव कर रही होती है उन्हें और भी ज्यादा दिक्कत महसूस हो सकती है। क्योंकि उनके शरीर में हो रहे बदलाव को समझने में उनको दिक्कत हो सकती है।
साथ ही प्रेगनेंसी की शुरुआत में महिला उल्टियां, जी मिचलाना, बॉडी पेन, सिर दर्द, पेट में हल्का दर्द, स्पॉटिंग, भूख में कमी, थकान, कमजोरी, तनाव, ब्लड प्रैशर से जुडी समस्या, जैसी परेशानी का अनुभव कर सकती है। ऐसे में महिला के लिए जरुरी होता है की महिला अपना अच्छे से ध्यान रखें। क्योंकि महिला की थोड़ी सी लापरवाही गर्भपात जैसी समस्या का समस्या करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को अपना ध्यान रखने के साथ कुछ काम करने से भी बचना चाहिए।
गर्भावस्था के पहले चार महीने में क्या काम नहीं करें?
यदि आपकी पहली प्रेगनेंसी है और अभी आपने कंसीव किया है तो आपको पहली तिमाही में बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत है। क्योंकि प्रेगनेंसी के पहले चार महीनों में गर्भ में शिशु के अंगों की आकृतियां बन रही होती है यानी की शिशु का शुरूआती विकास हो रहा होता है। ऐसे में महिला यदि अपना ध्यान नहीं रखती है तो इससे महिला को तो दिक्कत तो होती है साथ ही शिशु पर भी इसका गलत असर पड़ता है। तो आइये अब जानते हैं प्रेगनेंसी के पहले चार महीने में महिला को किन कामों को करने से बचना चाहिए।
महिला को बिल्कुल भूखे नहीं रहना चाहिए
प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण जीभ के स्वाद में बदलाव आना आम बात होती है। ऐसे में महिला को कुछ खाने का मन नहीं करता है साथ ही शारीरिक परेशानियों के कारण भी महिला की खाने की इच्छा में कमी आ सकती है। लेकिन महिला को बिल्कुल भी भूखे नहीं रहना चाहिए चाहे महिला को भूख हो या न हो महिला को हर दो से तीन घंटे में कुछ न कुछ हेल्दी जरूर खाना चाहिए। ताकि महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं हो।
गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाएं
गर्भावस्था के शुरूआती चार में महीनों में महिला को उन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए जिनकी तासीर गर्म होती है क्योंकि इनकी वजह से महिला के शरीर के तापमान बढ़ जाता है और महिला को ब्लीडिंग हो सकती है। जैसे की महिला को तिल, अधिक मात्रा में ड्राई फ्रूट्स, अंडा, ज्यादा मिर्च मसालें, आदि खाने से बचना बचना चाहिए।
ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी चाहिए
प्रेगनेंसी की खबर कन्फर्म होने के बाद महिला को शुरूआती समय में ज्यादा भाग दौड़ करने से बचना चाहिए क्योंकि इसका हानिकारक प्रभाव बच्चे पर पड़ सकता है। ऐसे में जितना हो सके प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में महिला को आराम ही करना चाहिए।
सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए
गर्भावस्था के शुरूआती चार महीनों के साथ प्रेगनेंसी के आखिर तक महिला को सीढ़ियां चढ़ने से बचना चाहिए खासकर पहले चार महीनों में तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे पेट के निचले हिस्से पर जोर पड़ता है जिसकी वजह से स्पॉटिंग हो सकती है। इसके अलावा यदि आप ऊपर रहते हैं तो आप या तो लिफ्ट का इस्तेमाल करें या फिर केवल जरुरत पड़ने पर सीढ़ियों का इस्तेमाल करें साथ ही इस बात का ध्यान रखें की सीढ़ियां बहुत ही आराम से चढ़े या उतरें ज्यादा तेजी नहीं करें।
सम्बन्ध बनाने से बचें
प्रेगनेंसी के शुरुआती समय में सम्बन्ध बनाना सेफ नहीं माना जाता है क्योंकि इस दौरान सम्बन्ध बनाने में यदि गलती हो जाये तो ब्लीडिंग होने का खतरा अधिक होता है ऐसे में जितना हो सकें पहली तिमाही में तो बिल्कुल भी सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए।
गैस के पास खड़े रहकर काम नहीं करें
प्रेगनेंसी के पहले चार महीनों के अलावा पूरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला को गैस के पास खड़े रहकर काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे शरीर में गर्माहट अधिक हो सकती है यानी की शरीर के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। जिससे महिला व् बच्चे दोनों को दिक्कत महसूस हो सकती है।
पेट पर दबाव पड़ने वाले काम नहीं करें
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में महिला उन कामों को करने से भी बचना चाहिए जिन्हे करने से पेट पर दबाव पड़े। क्योंकि प्रेगनेंसी की शुरुआत में पेट पर दबाव पड़ना अच्छी बात नहीं होती है ऐसा करने शिशु के लिए बिल्कुल सेफ नहीं होता है। जैसे की महिला को बाथरूम साफ नहीं करना चाहिए, झाड़ू पोछा करने से बचना चाहिए, झुककर कोई चीज उठाने से बचना चाहिए, आदि।
यात्रा करने से बचना चाहिए
गर्भावस्था के शुरूआती समय में गर्भवती महिला को यात्रा करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि यात्रा करने के कारण झटका आदि लगने का डर रहता है जिसकी वजह से महिला को दिक्कत हो सकती है। यहां तक की महिला का गर्भपात होने खतरा भी अधिक होता है।
भारी सामान नहीं उठाना चाहिए
गर्भवती महिला को भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। क्योंकि भारी सामान उठाने से पेट पर दबाव पड़ने का खतरा रहता है जिसकी वजह से महिला को दिक्कत महसूस हो सकती है।
स्टूल या सीढ़ी पर चढ़कर काम नहीं करें
गर्भवती महिला का किसी मेज या सीढ़ी पर चढ़कर काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे काम करने की वजह से गिरने का खतरा होता है जिसके कारण गर्भ में शिशु को चोट पहुँच सकती है साथ ही महिला को चोट लगने का खतरा भी होता है।
नशे का सेवन
यदि गर्भवती महिला पहले धूम्रपान या शराब का सेवन करती थी तो अब महिला को गलती से भी किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि नशे का सेवन करने की वजह से गर्भ में शिशु का शुरूआती विकास रुक सकता है।
दवाइयों का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इन दवाइयों का असर गर्भनाल के रास्ते शिशु पर पड़ सकता है। और शिशु के विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
टाइट कपडे या ऊँचे जूते चप्पल पहनने से बचें
प्रेग्नेंट महिला को टाइट कपडे या ऊँचे जूते चप्पल नहीं पहनने चाहिए क्योंकि इनकी वजह से महिला को दिक्कत होने का खतरा होता है जहां टाइट कपडे पहनने की वजह से महिला असहज महसूस कर सकती है वहीँ ऊँचे जूते चप्पल पहनने के कारण महिला के गिरने का खतरा होता है।
व्यायाम नहीं करें
प्रेगनेंसी के पहले चार महीनों में महिला को जरुरत से ज्यादा व्यायाम नहीं करना चाहिए और हो सके तो वाक के अलावा महिला को अन्य कोई व्यायाम नहीं करना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में अधिक व्यायाम करने के कारण गर्भ पर बुरा असर पड़ने का खतरा रहता है।
मालिश
प्रेगनेंसी के दौरान मालिश करने से महिला आरामदायक महसूस कर सकती है लेकिन पहली तिमाही में महिला को पेट की मालिश नहीं करवानी चाहिए क्योंकि इसकी वजह से पेट पर दबाव पड़ सकता है जिसकी वजह से महिला दिक्कत का अनुभव कर सकती है।
गर्म पानी से नहीं नहाएं
गर्भावस्था के शुरूआती समय में महिला को बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए क्योंकि इसके कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है। जिसकी वजह से गर्भपात का खतरा होता है। गर्म पानी से नहाने के अलावा गर्भवती महिला को जकूजी या सोना बाथ भी नहीं लेना चाहिए।
स्ट्रेस नहीं लें
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण शारीरिक समस्या होना आम बात होती है लेकिन इसे लेकर महिला को ज्यादा टेंशन नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि यदि महिला स्ट्रेस ज्यादा लेती है तो इसकी वजह से गर्भ के विकास में कमी, गर्भपात जैसी समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर को दिखाने में लापरवाही
प्रेगनेंसी के किसी भी महीने में महिला को डॉक्टर को दिखाने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि सही समय पर जांच न करवाने, वैक्सीन नहीं लगवाने आदि के कारण महिला को दिक्कत हो सकती है।
तो यह हैं कुछ काम जो गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के पहले चार महीनों में नहीं करने चाहिए। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है और ऐसी कोई भी लापरवाही नहीं करती है। तो इससे गर्भवती महिला और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
Do not do this work for 1 to 4 months of pregnancy