गिलोय एक प्राकृतिक वनस्पति है. जिसका आकार पान के पत्ते की भांति होता है. ये एक बहुवर्षीय लता अर्थात बेल होती है जिसका प्रयोग आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में किया जाता है. गिलोय की बेल ने न जाने कितने लोगो को भयंकर बीमारियों की चपेट से बचाया है. गिलोय को गुणों की खान भी कहा जाता है जिस कारण वे विश्व भर में अच्छी औषधि के नाम से प्रसिद्ध है.
आयुर्वेद में इसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि के नाम से भी जाना जाता है. ज्वर या बुखार के लिए इसे महान औषधि माना जाता है. गिलोय की बेल जंगल, खेतो की मेड़ो और पहाड़ो की चट्टानों पर देखने को मिलती है. नीम और आम के वृक्ष के आस-पास भी इसे देखा जा सकता है. ये बेल जिस वृक्ष को अपना आधार बनाती है उसके गुण भी इसमें समा जाते है. और ये द्विगुणी हो जाती है. इस प्रकार से नीम पर चढ़ी गिलोय की बेल को सबसे अच्छा माना जाता है.
Giloyक्या है ?
गिलोय आयुर्वेद की महत्वपूर्ण औषधियों में से एक है. जिसे गुडूची के नाम से भी जाना जाता है. इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. मुख्य तौर पर इसका प्रयोग बुखार की समस्या में किया जाता है. इसके अलावा इस प्राकृतिक वनस्पति में और भी कई गुण है जिनके कारण इसे आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण जड़ी-ब्यूटी का स्थान प्राप्त है. गिलोय की बेल का तन एक ऊँगली या अंगूठे की मोटाई के बराबर होता है. इसके पत्ते हरे रंग के चौड़े और पान के पत्ते के आकार के होते है. गिलोय के बेल की गांठ वाली लकड़ी को जमीं या गमले में गाढ़ देने से ये बहुत जल्दी फलती फूलती है.
गिलोय के उद्गम के पीछे एक मान्यता है वो कितनी सत्य है और कितनी असत्य ये हम नहीं जानते. कहा जाता है देवताओ और दानवो के मध्य हुए समुदी मंथन के दौरान समुद्र से कई वस्तुए निकली थी. जिसमे से सबसे मूल्यवान वास्तु अमृत थी जिसे देवताओ ने प्राप्त किया था. परंतु दानव उनसे छल करके अमृत को लेकर भागने लगे. भागने के दौरान जिस-जिस स्थान पर अमृत की बुँदे गिरी थी वहां गिलोय का पौधा उत्पन्न हुआ, इसी कारण इसे अमृत वल्ली भी कहा जाता है.
सही मायने में देखा जाये तो गिलोय बहुत ही फायदेमंद और प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है. इसके प्रयोग से बड़ी से बड़ी बीमारियों को आसानी से दूर किया जा सकता है. लेकिन आज के समय के लोगो को इस गुणों को जानकारी नहीं है जिस कारण वे अपनी बीमारियों से जूझते रहते है और उनके लिए ढेरो पैसे खर्च करते है. इसीलिए आज हम गिलोय की इस चमत्कारी बेल के फायदों के बारे में बताने जा रहे है. जिसे जानकर आपको आश्चर्य के साथ-साथ प्रसन्नता भी होगी.
Giloy ke fayde :-
- गिलोय को अरंडी के तेल के साथ मिलाकर प्रयोग करने से गठिया से राहत पायी जा सकती है.
- Rheumatoid arthritis में गिलोय को अदरक के साथ प्रयोग करने से आराम मिलता है.
- गिलोय और चीनी को एक साथ प्रयोग करके त्वचा और लिवर से सम्बंधित बीमारियों को समाप्त किया जा सकता है.
- गठिया के उपचार के लिए घी के साथ इसका प्रयोग करे फायदा मिलेगा.
- कब्ज़ होने पर गुड़ के साथ गिलोय का प्रयोग करे आराम मिलेगा.
गिलोय के क्या-क्या फ़ायदे है ?
- Immunity System को मजबूत करने में मदद करे.
- जीर्ण ज्वर (Chronic Fever) और बीमारियों को ठीक करे.
- इसकी anti-pyretic प्राकृतिक घातक बीमारियों के खतरे को कम करे.
- गिलोय से free radicals की समस्या को भी खत्म किया जा सकता है.
- लिवर और किडनी से जुडी बीमारियों को कम करने में मदद करे.
- डेंगू में गिलोय का सेवन करने से खून की platelets में वृद्धि होती है.
- गिलोय से डेंगू के लक्षणों को भी को भी धीमा कर देता है.
- Urinary Tract इन्फेक्शन्स को थी करने में मदद करे.
- मलेरिया में गिलोय को शहद के साथ खाने से लाभ मिलता है.
- गिलोय पाचन तंत्र की देखभाल करे.
- इस औषधि को विभिन्न प्रकार की बीमारियों के उपचार के रूप में जाना जाता है.
- आँवला के साथ आधा ग्राम गिलोय का नियमित सेवन करने से फायदा मिलता है.
- बेहतर परिणाम पर्याप्त करने के लिए छाछ के साथ गिलोय का सेवन करे.
- बवासीर के मरीजो के लिए यह एक लाभदायक औषधि है.
स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है गिलोय
- गिलोय मस्तिष्क को शांत करके अपच की समस्या को दूर करता है.
- मधुमेह के लिए गिलोय एक फायदेमंद प्राकृतिक औषधि है.
- गिलोय में मौजूद गुण रक्तचाप की गति को सामान्य करता है.
- मधुमेह के रोगी गिलोय जूस का सेवन करे जिससे खून में शुगर की मात्रा कम हो जाएगी.
- गिलोय को adaptogenic औषधि के रूप में जाना जाता है.
- इसकी मदद से तनाव और घबराहट जैसी समस्या को खत्म किया जा सकता है.
- गिलोय के साथ अन्य जड़ी-बूटियों को मिलाकर सेवन करने से फायदा मिलता है.
- दिमाग की शक्ति तेज़ करने में मदद करे.
- इसकी मदद से दिमाग के toxins को दूर किया जा सकता है.
- गिलोय को Anti Aging जड़ी बूटी भी कहा जाता है.
- अस्थमा ठीक करने में फायदेमंद.
- गठिया के रोग में गिलोय एक प्रभावशाली प्राकृतिक उपचार है.
- एक कामोद्दीपक औषधि जिसकी मदद से शरीर में libido की वृद्धि होती है.
- सेक्स इच्छाशक्ति को बढ़ाये.
- गिलोय की मदद से आँखों से संबंधी समस्याओ को दूर किया जा सकता है.
- बढ़ती उम्र की निशानियो को कम करे.
- झुर्रियां ठीक करने में मदद करे.
- झाइयों को कम करे.
- मुँहासे के लिए फायदेमंद उपचार है गिलोय.
- इसकी मदद से निखरी और बेदाग़ त्वचा भी पायी जा सकती है.
Benefits of Giloy
- कैंसर से लड़ने में मदद करे.
- रक्त को शुद्ध करने का काम करे.
- शरीर में मौजूद toxins को बाहर निकले
- जो लोग सप्ताह में एक बार गिलोय का सेवन करते है वे पुरे वर्ष भर बीमार नहीं पड़ते.
- दस्त होने पर भी गिलोय का सेवन करना फायदेमंद होता है.
- पीलिया होने पर गिलोय के पत्तो का रस निकालकर पीने से आराम मिलता है.
- शरीर में कमजोरी होने पर सप्ताह में 3 दिन इसका सेवन करे.
- उल्टियां होने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है.
- टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे बुखार में रामबाण का काम करे.
- गिलोय की जड़ो की anti oxident प्रकृति कैंसर कम करने में मदद करे.
- दिल संबंधी बीमारियों को दूर करे.
- high cholesterol को सामान्य करने का काम करे.
- TB क्षय के रोग में गिलोय का शहद के साथ सेवन करने से आराम मिलता है.
- प्रतिदिन शहद या गुड़ के साथ गिलोय का रस घी में डालकर सेवन करने से खून की कमी दूर होती है.
- गिलोय के रस में खाण्ड डालकर पीने से पित्त का बुखार ठीक होता है.
- रूखी त्वचा के लिए गिलोय के तेल में दूध मिलाकर गर्म करके ठंडा कर ले और इसे अपनी त्वचा पर लगाएं.
- फोड़े-फुंसी होने पर गिलोय के फल को पीसकर लगाने से लाभ मिलता है.
- गिलोय को पानी में उबले और ठंडा करके अपने पलकों पर लगाएं. ऐसा करने से आँखों की नज़र में फर्क आएगा.
- पेट से जुडी समस्याओ को ठीक करने में मदद करे.
क्या गिलोय छोटे बच्चो के लिए सुरक्षित है ?
जी हां, पांच वर्ष और उससे ऊपर की आयु के बच्चो के लिए गिलोय सुरक्षित औषधि है. लेकिन एक से दो हफ्ते से अधिक खुराक देना नुकसानदेह हो सकता है.
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