अबॉर्शन महिला के लिए बहुत ही कठिन समय होता है। क्योंकि गर्भपात के बाद महिला न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी टूट जाती है। साथ ही गर्भपात होने के कारण बहुत सी शारीरिक परेशानियां होने के साथ शिशु को खोने के गम में महिला का धैर्य टूटने लगता है। जिसके कारण महिला का वापिस से रिकवर होना मुश्किल हो सकता है।
इसीलिए गर्भपात होने के बाद महिला को और उनके परिवार को उनका साथ देना चाहिए ताकि महिला को जल्दी से जल्दी फिट होने में मदद मिल सके। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसी परेशानियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो गर्भपात के बाद महिला को हो सकती है। तो आइये अब जानते हैं की वो परेशानियां कौन से होती है।
हैवी वजाइनल ब्लीडिंग
- गर्भपात होने के बाद महिला को बहुत अधिक ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।
- और इस दौरान ब्लड के साथ खून की गांठे भी निकल सकती है।
- साथ ही इस समय महिला को एक दिन में चार से पांच पैड या इससे ज्यादा पैड बदलने की जरुरत भी पड़ सकती है।
पेट में दर्द
- ब्लीडिंग की समस्या होने के कारण महिला को पेट, पेट के निचले हिस्से, कमर आदि में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
- ऐसे में इस दर्द से निजात पाने के लिए महिला को दवाई खाने की बजाय गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए।
- ऐसा करने से महिला को आराम मिलता है।
अबॉर्शन के बाद हो सकता है संक्रमण
- कुछ महिलाओं को गर्भापत के बाद प्राइवेट पार्ट में संक्रमण की समस्या भी हो सकती है।
- ऐसे में यदि महिला को संक्रमण का कोई भी लक्षण महसूस हो तो इसे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
बुखार व् उल्टियां
- कुछ महिलाओं को गर्भपात के बाद बॉडी के तापमान में फ़र्क़ आने के साथ उल्टियां, शरीर में बहुत अधिक कमजोरी आदि की समस्या भी हो सकती है।
- लेकिन बुखार या उल्टी की समस्या को अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से मिलना चाहिए।
तनाव
- गर्भपात होने का असर कई बार महिला पर शारीरिक रूप से पड़ने के साथ मानसिक रूप से भी पड़ जाता है।
- जिसके कारण कई बार महिलाएं तनाव का शिकार हो जाती है।
- इस स्थिति से महिलाओं को बाहर निकालना बहुत जरुरी होता है नहीं तो महिला के लिए दिक्कतें ज्यादा बढ़ सकती है।
अबॉर्शन के बाद हो सकती है गर्भपात होने की दिक्कत
- एक बार गर्भपात होने पर, महिला के दूसरी बार प्रेग्नेंट होने पर गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
- ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए महिला को दूसरी प्रेगनेंसी का निर्णय अच्छे से फिट होने के बाद ही लेना चाहिए।
- कुछ महिलाओं को गर्भपात के बाद दोबारा प्रेग्नेंट होने में परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
बच्चेदानी में इन्फेक्शन
- यदि महिला का गर्भपात हो जाता है लेकिन बच्चेदानी की सफाई अच्छे से नहीं होती है।
- और भ्रूण के कुछ टिश्यू बच्चेदानी में रह जाते हैं तो इससे बच्चेदानी में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- इसीलिए गर्भपात होने के बाद एक बार डॉक्टर से बच्चेदानी की जांच जरूर करवानी चाहिए ताकि इन परेशानियों से बचे रहने में मदद मिल सके।
अबॉर्शन के बाद हो सकती है एक्टोपिक प्रेगनेंसी
- गर्भपात होने के बाद महिला को दोबारा प्रेगनेंसी होने पर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने के चांस काफी बढ़ जाते है।
- ऐसी गर्भावस्था में अंडे, महिला की बच्चेदानी में न बढ़कर फैलोपियन ट्यूब या कहीं और पनपने लगते है।
- और इस तरह के प्रेग्नेंट होने का कोई मतलब नहीं होता है और फिर से महिला को गर्भपात की दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।
गर्भपात होने के बाद डॉक्टर से कब मिलें
- ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होने पर।
- पेट व् पीठ में दर्द का अहसास अधिक महसूस होने पर।
- यदि प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग के साथ बदबू भी महसूस हो।
- पेट फूलने की समस्या बढ़ने पर।
- कमजोरी अधिक महसूस होने पर।
- यदि महिला को कमर में दर्द के साथ बॉडी का तापमान भी अधिक महसूस हो।
तो यह हैं कुछ परेशानियां जो महिला को गर्भपात के बाद हो सकती है। ऐसे में महिला को इन परेशानियों से उभरने के लिए गर्भपात के बाद परेशान होने की बजाय अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपको जल्द से जल्द फिट होने में मदद मिल सके।