एबॉर्शन, गर्भपात, गर्भपात के बाद ब्लीडिंग, एबॉर्शन के बाद केयर टिप्स, एबॉर्शन के बाद पीरियड कब आता है, एबॉर्शन के बाद महिलाएं ऐसे रखें अपना ध्यान, एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग
एबॉर्शन के बार महिला के शरीर में कई बदलाव आते है जो महिला को शारीरिक रूप के साथ मानसिक रूप से भी प्रभावित करते हैं। साथ ही महिलाओं को गर्भपात के बाद अपना दुगुना ध्यान रखना पड़ता है ताकि उन्हें जल्दी शारीरिक रूप से फिट होने में मदद मिल सकें। वैसे तो एबॉर्शन के बाद महिला को बहुत सी परेशानियां होती है लेकिन जब सबसे बड़ी परेशानी होती है वो मासिक धर्म से जुडी होती है। ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स के बाद होने वाली ब्लीडिंग के कारण परेशान रहती है। क्योंकि एबॉर्शन के बाद होने वाली ब्लीडिंग ज्यादा होने के साथ इसमें महिला को पेट के निचले हिस्से में अधिक दर्द की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
जब महिला का गर्भपात होता है तो यह दो तरीके से होता है यदि महिला का गर्भ अभी थोड़े दिन का है तो घर पर आसानी से गर्भपात हो जाता है, या कई बार महिला के न चाहने पर किसी लापरवाही के कारण गर्भ गिर जाता है। और यदि महिला का गर्भ ज्यादा दिन का होता है, या कोई समस्या होती है तो सर्जिकल रूप से गर्भपात किया जाता है। ऐसे में महिलाओं को ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। गर्भपात के बाद महिला के मन में तरह तरह के सवाल होते हैं जैसे की गर्भपात के कितने दिनों तक ब्लीडिंग होती है? ब्लीडिंग कितनी होनी चाहिए? दर्द ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? गर्भपात के बाद मासिक धर्म कब आता है। तो आइये अब इन सवालों के जवाब जानते हैं।
गर्भपात के बाद कब तक होती है ब्लीडिंग
जब महिला का गर्भपात होता है तो खुलकर ब्लीडिंग का होना बहुत अच्छी बात होती है। और आपको ब्लीडिंग की समस्या दस से पंद्रह दिन तक हो सकती है। और सर्जिकल रूप से गर्भपात होने पर आपको ब्लीडिंग सामान्य से अधिक हो सकती है। कई बार ब्लीडिंग होने के साथ आपको खून के थक्के भी आते हैं तो ऐसे में घबराने की बात नहीं होती है क्योंकि गर्भपात के दौरान ऐसा होना सामान्य होता है।
ब्लीडिंग कितनी होनी चाहिए?
जैसे ही आपका गर्भ गिर जाता है वैसे ही महिला को ब्लीडिंग होनी शुरू हो जाती है। और ब्लीडिंग के साथ महिला को पेडू में दर्द की समस्या भी हो सकती है। कई बार हो सकता है की आपको ज्यादा ब्लीडिंग हो लेकिन यदि ऐसा दो हफ्ते से ऊपर होता है तो आपको इस बारे में एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा यदि आपको हर घंटे या दो घंटे बाद ही सैनिटरी पैड को बदलने की जरुरत पड़ रही है तो यह सामान्य नहीं होता है और इसे इग्नोर न करते हुए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इसका कारण गर्भाशय पर लगने वाली कोई आंतरिक चोट हो सकती है।
गर्भपात के बाद मासिक धर्म कब आता है?
गर्भपात के बाद आपको काफी पीरियड्स की अपेक्षा अधिक दिन और अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होती है। ऐसे में आपके मासिक धर्म का प्रभावित होना आम बात होती है। ऐसे में आपको पीरियड्स पहले भी आ सकते है, और हो सकता है की गर्भपात की ब्लीडिंग खत्म होने के दो महीने तक पीरियड्स न आए। लेकिन इसमें परेशानी की कोई बात नहीं होती है क्योंकि धीरे धीरे मासिक धर्म की यह प्रक्रिया सामान्य होने लगती है। लेकिन यदि आपको दो महीने से ज्यादा समय तक पीरियड न आए तो आप चाहे तो इस बारे में एक बार डॉक्टर से राय ले सकते हैं।
गर्भपात के बाद महिला को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
- यदि महिला को पेट के निचले हिस्से में अधिक दर्द हो रहा है तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
- गर्भपात के बाद महिला को आराम करना चाहिए और ज्यादा वजन आदि नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इससे उसे अधिक परेशानी हो सकती है।
- महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि उसे फिट होने में मदद मिल सकें।
- इस दौरान संक्रमण होने की सम्भावना भी बहुत अधिक होती है ऐसे में महिला को साफ़ सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए।
- पीरियड्स खत्म होने के बाद एक बार डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।
- आयरन युक्त चीजों का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि इस दौरान महिला को अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव होता है।
- यदि आपको अधिक दर्द की समस्या हो रही है तो आपको गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए इससे आपको आराम मिलता है।
तो यह हैं कुछ बातें जो गर्भपात के बाद महिला के मन में उठ रहे सवालों का जवाब देने में मदद करती है। इसके अलावा गर्भपात के बाद महिला को जल्दी फिट होने के लिए अपना शारीरिक और मानसिक रूप से ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा किसी भी परेशानी के होने पर डॉक्टर से राय भी जरूर लेनी चाहिए।