प्रेगनेंसी के दौरान हर गर्भवती महिला अपनी दुगुनी केयर करने के साथ पूरी सावधानी बरतती है। ताकि गर्भ में बच्चे का विकास अच्छे से हो सके और बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी न हो। माँ के गर्भ में बच्चा गर्भाशय में बच्चा एक द्रव में रहता है जिसे एमनियोटिक फ्लूड कहा जाता है। ये द्रव बच्चे के लिए बहुत जरुरी होता है क्योंकि यह द्रव बच्चे को गर्भ में पूरी तरह सुरक्षित रखने व् बच्चे के बेहतर विकास में मदद करता है।
लेकिन इस द्रव की मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि द्रव की मात्रा कम हो या ज्यादा हो दोनों ही बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती है। तो लीजिये आज इस आर्टिकल में हम प्रेग्नेंट महिला एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रखने व् हेल्दी रखने के लिए क्या कर सकती है इस बारे में बताने जा रहे हैं।
खान पान: एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रखने के लिए सबसे पहले आपको अपने खान पान को सही रखना चाहिए। खान पान में पोषक तत्वों को भरपूर मात्रा में शामिल करना चाहिए। यदि प्रेग्नेंट महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो ऐसा करने से प्रेग्नेंट महिला को एमनियोटिक द्रव की मात्रा को सही रखने में मदद मिलती है।
तरल पदार्थ ले भरपूर: यदि प्रेग्नेंट महिला अपने शरीर में तरल पदार्थों की कमी नहीं होने देती है तो ऐसा करने से भी गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रहने में मदद मिलती है।
योगासन: योगासन करने से बॉडी की सभी क्रियाओं को सुचारु रूप से काम करने में मदद मिलती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को सुबह या शाम को थोड़ा समय निकालकर योगासन जरूर करना चाहिए, यदि प्रेग्नेंट महिला ऐसा करती है तो ऐसा करने से भी एमनियोटिक द्रव की मात्रा को सही रहने में मदद मिलती है।
डॉक्टर से जांच: डॉक्टर से समय समय पर प्रेग्नेंट महिला को जांच करवाते रहना चाहिए ताकि अपनी शारीरिक स्थिति की सही जानकारी के बारे में महिला को पता चल सके। ऐसा करने से भी गर्भाशय से जुडी यदि कोई परेशानी होती भी है तो महिला को उसे हल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा महिला को डॉक्टर से बिना पूछें किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कारण महिला को दिक्कत हो सकती है।
तो यह हैं कुछ बातें जिनका ध्यान रखने से प्रेग्नेंट महिला को गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।