Anulom Vilom Ke Fayde
अनुलोम विलोम से क्या फायदे होते हैं, अनुलोम विलोम को करने का सही तरीका, अलोम विलोम के फायदे, प्राणायाम को करने के क्या फायदे है, Anulom vilom Pranayam
पहले के समय में लोग योग के प्रति बहुत सजग रहते है और शायद यही कारण था की आज की तुलना में पहले के लोग अधिक स्वस्थ और सुन्दर हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान में लोग अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त रहते है की योग के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। जिसके कारण हर दूसरे व्यक्ति को कोई न कोई बीमारी हो ही जाती है।
हालांकि पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री जी के द्वारा चलाये गए अभियानों से लोगों में योग के प्रति जागरूकता आयी है। और काफी हद तक लोग योग करने भी लगे है। ऐसे ही कुछ योगों में से एक है अनुलोम विलोम। जो की बहुत ही महत्वपूर्ण प्राणायाम है। इस प्राणायाम में सांस लेने की क्रिया को बार-बार किया जाता है।
अनलोम का अर्थ होता है सीधा जबकि विलोम का अर्थ होता है उल्टा। इस प्राणयाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस को खींचते है और बायीं नाक के छिद्र से सांस को बाहर निकाला जाता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम :-
इस प्राणायाम को नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहा जाता है। इस योग को करने के लिए कोई विशेष उम्र निहित नहीं है, इसे हर उम्र के लोग कर सकते है और इसका फायदा उठा सकते है।
नियमित रूप से इस आसान को करने से साड़ी नदियां शुद्ध और निरोगी रहती है। इसके अलावा इसे करने से सर्दी, जुखाम दमा आदि की समस्या में भी राहत मिलती है।
इस प्राणायाम को करते समय तीन क्रियाएं की जाती है : पूरक कुम्भक और रेचक। स्वस्थ और निरोगी जीवन जीने के लिए आपको रोजाना 10 मिनट के लिए इस आसान को करना होगा। यहाँ हम आपको अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने के फायदे और उसका तरीका बताने जा रहे है जिसकी मदद से आप इस आसान को आराम से कर पायेंगे।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे :-
1. नियमित रूप से रोजाना इस योग को करने से फेफड़े मजबूत होते है और उनके कार्य करने की क्षमता बढ़ती है।
2. अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने से स्किन एलर्जी और त्वचा से संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाती है।
3. इस प्राणायाम को करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या दूर होती है।
4. वजन घटाने के लिए भी यह योग बहुत लाभकारी है। इसे करने से चर्बी घटती है जिससे मोटापा कम होता है।
5. सर्दियों में शरीर का तापमान बहुत कम होता है जिसके कारण सर्दियों के मौसम में सर्दी जुखाम जैसी समस्याएं होती है। परन्तु अगर ठंड के दिनों में इस योग को किया जाए तो शरीर का तापमान संतुलित रहता है और जुखाम आदि नहीं होता।
6. यह आसान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। और साथ ही मधुमेह जैसी समस्यायों को भी खत्म करने में मदद करता है।
7. अनुलोम विलोम को करने से ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्याएं भी ठीक हो जाती है और मस्तिष्क की याद रखने की क्षमता भी बढ़ती है।
8. इसकी मदद से सायनस की समस्या भी ठीक हो जाती है और टॉन्सिल्स में भी आराम मिलता है।
9. इस आसान को करने से आर्थराइटिस, कार्टिलेजका घिसना आदि जैसी बीमारियां भी ठीक हो जाती है।
10. वृद्धावस्था में अनुलोम विलोम करने से स्वस्थ और निरोगी जीवन मिलता हैं। साथ ही जोड़ों के दर्द में भी आरम्म मिलता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की सही विधि :-
- इस प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले, सुखासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठ जाएं।
- याद रखें अनुलोम विलोम योग की शुरुवात हमेशा नाक के बाएं छिद्र से करें।
- आसान करने के लिए हाथों की उँगलियों की सहायता से नाक के दाए छिद्र को बंद करें और बाएं छिद्र से लंबी सांस लें।
- इस प्रक्रिया को कम से कम 10 से 15 मिनट तक करें।
- सांस लेते समय आपको अपना ध्यान दोनों आंखों के बीच में स्थित आज्ञा चक्र पर एकत्रित करें।
- बस लम्बी सांस लें और मन में ॐ मंत्र का जाल करते रहे।
- शुरुवात में अगर किसी योग प्रशिक्षक के निर्देशन में किया जाए तो बेहतर होगा।
- यदि आपको एनीमिया है तो इसे करने से पूर्व डॉक्टरी परामर्श लें लें।
- सांसों को लेने और छोड़ने का काम आराम से करें गलत तरीके या जल्दी बाजी करने से शरीर को नुकसान भी पहुंच सकता है।
इनका भी रखें ध्यान :
ऊपर हमने आपको अनुलोम विलोम करने के फायदे और उसे करने की सही विधि बताई है। अगर आप इस आसान का पूर्ण फायदा उठाना चाहते है तो इसे सही तरीके से ही करें। एक बात और, अगर आप कमजोर और एनीमिया से पीड़ित है तो शुरुवात में सांस लेने में कुछ परेशानी हो सकती है। ऐसे में इसे अधिक बार न करें और शुरुवात में कम करें। जिसके बाद धीरे धीरे उसे बढ़ाएं।