गर्भावस्था के दिन महीने जैसे जैसे आगे बढ़ते हैं वैसे वैसे महिला का वजन बढ़ता है, पेट का आकार बढ़ता है, कुछ महिलाओं को पैरों में सूजन की समस्या अधिक होती है, वजन बढ़ने के कारण महिला को उठने बैठने सोने में परेशानी होती है, कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में भी उल्टी की समस्या अधिक होती है, तो कुछ महिलाएं प्रसव का समय पास आने पर तनाव का शिकार हो जाती हैं, आदि।
ऐसे में महिला को अपना और ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है ताकि महिला या शिशु को कोई दिक्कत नहीं हो और माँ व् बच्चा पूरी तरह स्वस्थ रहें। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम गर्भवती महिला को कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जिन्हे अंतिम महीनों में करने से गर्भ को दिक्कत होने का खतरा रहता है। और वो सभी काम गर्भवती महिला को करने से बचना चाहिए।
पेट पर जोर डालने से
प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में महिला का पेट पूरी तरह बाहर आ जाता है। ऐसे में यदि किसी कारण पेट पर दबाव पड़ता है या जोर पड़ता है तो इसके कारण गर्भ में शिशु को दिक्कत होने का खतरा रहता है।
तनाव के कारण
प्रसव को लेकर यदि महिला टेंशन लेती है तो इसके कारण महिला को फायदा नहीं होता है बल्कि महिला की मुश्किलें बढ़ती है साथ ही गर्भ में शिशु के विकास में कमी आने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला को टेंशन न लेने और खुश रहने की सलाह दी जाती है।
भारी सामान उठाने के कारण
प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में महिला को भारी सामान नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से पेट पर जोर पड़ता है जिसकी वजह से महिला को ब्लीडिंग, पानी निकलने का खतरा बढ़ जाता है।
ट्रैवेलिंग
गर्भावस्था के आखिरी महीनों में यदि महिला ट्रैवेलिंग करती है तो इसकी वजह से झटका आदि लगने का खतरा होता है। और झटका लगने के कारण गर्भ को नुकसान पहुँचने का खतरा बढ़ जाता है।
नशे का सेवन
यदि प्रेग्नेंट महिला प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करती है तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु का विकास रुक सकता है। जिसकी वजह से जन्म के समय शिशु के वजन में कमी या ने कोई परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है।
सम्बन्ध बनाने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाना बिल्कुल सेफ होता है लेकिन प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में महिला का पेट बाहर आ चूका होता है। ऐसे में यदि कभी गलती से भी कोई गलती हो जाये तो इसके कारण गर्भ को नुकसान पहुँच सकता है। जैसे की पेट पर दबाव पड़ जाएँ, ज्यादा तेजी से सम्बन्ध बनाने पर, आदि।
कैफीन का अधिक सेवन करने पर
यदि प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में महिला कैफीन का अधिक सेवन करती है तो इसके कारण महिला को सिर दर्द, चक्कर, एसिडिटी जैसी समस्या बढ़ने के साथ शिशु के विकास में कमी आने का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में जितना हो सके प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में महिला को कैफीन युक्त पदार्थ जैसे की चाय, कॉफ़ी आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
ज्यादा शोर में जाने के कारण
गर्भ में शिशु की सुनने की क्षमता का विकास होता रहता है और धीरे धीरे शिशु बाहर की आवजों को सुनने भी लगता है। और प्रेगनेंसी के आखिर तक शिशु की सुनने की क्षमता का विकास अच्छे से हो चूका होता है ऐसे में महिला को ऐसी किसी भी जगह पर नहीं जाना चाहिए जहां पर ज्यादा शोर हो क्योंकि ऐसी जगह पर जाने से शिशु की सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से
गर्भवती महिला को ज्यादा टाइट कपडे भी नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि ज्यादा टाइट कपडे पहनने के कारण पेट पर दबाव बढ़ता है जिसकी वजह से गर्भ में शिशु को असहज महसूस हो सकता है।
ज्यादा ऊँचें जूते चप्पल पहनने के कारण
गर्भवती महिला को ज्यादा ऊँचे जूते चप्पल भी नहीं पहनने चाहिए क्योंकि ज्यादा ऊँचे चप्पल जूते पहनने के कारन गिरने का खतरा होता है जिसकी वजह से गर्भ को नुकसान पहुँच सकता है।
तो यह हैं कुछ काम जिन्हे अंतिम महीनों में करने से गर्भ को नुकसान हो सकता है, ऐसे में महिला को इन सभी कामों को करने से बचना चाहिए। ताकि गर्भ को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो और आपके प्रसव में भी किसी तरह की मुश्किलें नहीं आएं।