आजकल के समय में खाने की हर दूसरी वस्तु में मिलावट हो रही है. आटा, दाल चावल यहाँ तक की सब्जियों को उगाने के लिए भी गलत तरीकों का इस्तेमाल किया जाने लगा है. दूध हर घर की मुख्य जरूरतों में से एक है, खासतौर पर भारतीय घरों की. यहाँ कोई खाली दूध पियें या न पीये लेकिन इससे बनी चाय का शौक़ीन हर भारतीय है. इसके अलावा सभी घरों में अलग-अलग रूप से दूध का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अक्सर दूध में मिलावट की शिकायतें आती रहती है. जिसके चलते कई बार यह पहचानना मुश्किल हो जाता है की दूध असली है या नकली?
दूध में मिलावट करना तो लोगों की पुरानी आदत है जिसे कोई नहीं छुड़ा सकता लेकिन आजकल दूध में मिलावट के नए-नए तरीके देखने को मिलते है. पहले-पहले लोग दूध में केवल पानी मिलाया करते, ताकि दूध पतला लगे और इसकी मात्रा भी बढ़ जाए.
लेकिन आजकल दूध में मिलावट के तरीके भी बदल गए है. दूध में मिलावट करने की बजाय अब वे सीधे ही गलत तरीके से दूध बनाने लगे है. कोई इसमें डिटर्जेंट, और कपडे धोने वाला साबुन मिलाते है तो कोई इसमें यूरिया मिलाकर बेचता है. ऐसे में कई बार यह पहचानना मुश्किल हो जाता है की दूध असली है या नकली? इसीलिए आज हम आपको असली और नकली दूध की पहचान करने के कुछ ट्रिक्स देने जा रहे है जिनकी मदद से आप भी अपने घर में दूध में मिलावट का पता लगा सकते है.
इन तरीकों से तैयार होता है नकली दूध :-
1. दूध में पानी मिलाना दुधिया की आदत बन चूका है. लेकिन कुछ लोग इसमें गंदा पानी मिलाते है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह होता है.
2. आजकल अधिकतर लोग दूध में यूरिया जैसे नुकसानदेह केमिकल मिलाने लगे है, जो सीधे तौर पर आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ‘
3. पहले ऐसा नहीं होता था लेकिन आजकल लोग सिंथेटिक और अन्य चीजों के इस्तेमाल से केमिकल दूध तैयार करने लगे है. जिसका सेवन बहुत घातक सिद्ध हो सकता है.
कैसे बनाया जाता है सिंथेटिक दूध?
- सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले थोड़े से दूध मे यूरिया डालकर उसे हल्की आंच पर उबाला जाता है.
- उसके बाद कपडे धोने वाले डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च, फोरेमैलिन और वाशिंग पाउडर को उसमे मिलाया जाता है.
- अंत में असली पहचान देने के लिए उसमे असली दूध भी मिला दिया जाता है.
ऐसे पहचाने दूध असली है या नकली?
1. चिकनी लकड़ी या पत्थर :-
दूध में की गयी मिलावट को जांचने के लिए किसी चिकनी लकड़ी या पत्थर की सतह पर दूध की कुछ बुध टपकाएं और देखें. यदि दूध बहता हुआ नीचे की ओर गिरे और सफ़ेद धार सा निशान बन जाए तो दूध शुद्ध है.
2. दूध की चिकनाहट :-
दूध की चिकनाहट को पहचानकर भी यह पता लगाया जा सकता है की दूध असली है या नकली? इसके लिए दूध को हाथों के बीच रगड़े, यदि कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती तो वह दूध असली है. वहीं अगर नकली दूध को हाथों के बीच रगड़ा जाए तो आपको डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी.
3. कांच की शीशी या टेस्ट ट्यूब :-
दूध में डिटर्जेंट की मिलावट की गई है या नहीं? इसे जानने के लिए दूध की 5-10 mg मात्रा को किसी कांच की शीशी या टेस्ट ट्यूब में लेकर उसे हिलाएं. यदि झाग बनते है और लम्बे समय तक रहे तो समझ लीजिये इस दूध में डिटर्जेंट मिला है.
4. यूरिया मिलने से आता है ये रंग :-
दूध के रंग को पहचानकर आप पता लगा सकते है की उसमे यूरिया की मात्रा मिली है या नहीं. यदि असली दूध में यूरिया मिलाया जाए तो यह हलके पीले रंग का हो जाता है, वहीं अगर सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाए तो ये गाढ़े पीले रंग का दिखने लगता है.
5. उबालकर भी पहचाना जा सकता है :-
दूध को बर्तन में लम्बे वक्त तक उबालें. इस बीच दूध को लगातार चम्मच से हिलाते रहे. ऐसा दूध के गाढ़ा होने तक करें. यदि गाढ़ा हुआ दूध 2 से 3 घंटे बाद तैलीय हो जाते तो समझे की दूध अच्छा है.
6. दुध के स्वाद से :-
असली दूध जा स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद कड़वा होता है क्योंकि इसमें डिटर्जेंट और सोडा मिलाया जाता है.
7. दूध के रंग से :-
असली दूध को कितना ही उबाल लें उसके रंग में परिवर्तन नहीं आएगा जबकि नकली दूध को उबालने पर वह पीले रंग का हो जाता है.
8. उसकी सुगंध से :-
सिंथेटिक दूध में साबुन जैसी गंध आती है जबकि असली दूध की गंध कुछ खास नहीं होती.
9. लिटमस पपेर टेस्ट :-
उपरोक्त तरीकों के अलावा आप एक अन्य तरीके से भी दूध की असलियत की पहचान कर सकते है. इसके लिए चम्मच भर दूध को टेस्ट ट्यूब या कांच की शीशी में डालें. अब उसमे आधा चम्मच सोयाबीन का पीठ डालें. टेस्ट ट्यूब हिलाने के बाद उसमे लिटमस पेपर डालें. यदि पेपर नीला हो जाता है तो समझ लीजिए की उसमे यूरिया मिला है.
इन तरीकों से भी कर सकते है असली या नकली दूध की पहचान :-
- असली दूध को स्टोर करने से इसका रंग नहीं बदलता जबकि नकली दूध कुछ देर रखने के बाद पीला पड़ने लगता है.
- यदि असली दूध में यूरिया भी हो तो ये हलके पीले रंग का ही होता है. वहीं दूसरी ओर यदि सिंथेटिक दूध में यूरिया मिलाया जाये तो ये गाढ़े पीले रंग का दिखने लगता है.
- असली दूध को हाथों के बीच रगड़ने से कोई चिकनाहट महसूस नहीं होती जबकि नकली दूध रगड़ने पर डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होती है.
- नकली दूध का सेवन करने पर वह कड़वा लगता है जबकि असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है.
- सिंथेटिक दूध में से बदबू आती है जबकि असली दूध की कोई खास खुशबु नहीं होती.
तो ये, है कुछ तरीके जिनकी मदद से आप पहचान सकते है की आपके में असली दूध आता है या नकली. क्योंकि दूध आपकी रोजमर्रा की जरूरत है और इसके साथ की गई लापरवाही आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है.