बच्चे का जन्म देरी से होने के कारण

बच्चे का जन्म देरी से होने के कारण


गर्भावस्था के दौरान महिला को अपना बेहतर तरीके से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। ताकि प्रेगनेंसी के नौ महीने महिला को कोई दिक्कत न हो साथ ही डिलीवरी में भी किसी तरह की परेशानी न आए। लेकिन कई बार गर्भवती महिला द्वारा लापरवाही के कारण समय से पहले बच्चे के जन्म होने का खतरा बढ़ जाता है तो कई बार ऐसा भी होता है की महिला की डिलीवरी के देरी हो जाती है। और दोनों के कारण ही महिला व् बच्चे को परेशानियां होती है। तो आज इस आर्टिकल में हम गर्भवती महिला की कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से डिलीवरी में देरी होती है।

सारा दिन आराम

गर्भवती महिला यदि डिलीवरी का समय पास आने पर सारा दिन आराम करती है सोती रहती है। तो इससे बॉडी में प्रसव का कोई लक्षण महसूस ही नहीं होता है। जिसकी वजह से डिलीवरी में देरी होती है। इसीलिए डिलीवरी में महिला को कोई परेशानी न हो इसके लिए महिला को एक्टिव रहने की सलाह दी जाती है।

व्यायाम में कमी

गर्भावस्था के आखिरी महीने में गर्भवती महिला थोड़ा बहुत व्यायाम, योगासन, सैर आदि करने की सलाह दी जाती है। जिससे पेल्विक एरिया को मजबूत होने और डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है। लेकिन यदि महिला बिलकुल भी बॉडी मूवमेंट नहीं करती है तो इसके कारण भी महिला की डिलीवरी में देरी होती है। ऐसे में डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को थोड़ा बहुत व्यायाम आदि जरूर करना चाहिए।

पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन नहीं करना

यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपने खान पान का अच्छे से ध्यान नहीं रखती है तो इसके कारण शिशु के विकास के लिए जरुरी पोषक तत्व भी उसे नहीं मिलते हैं। जिसके कारण शिशु के वजन में कमी आती है और डिलीवरी का समय पास पास आने पर बच्चा अपनी सही पोजीशन में नहीं आ पाता है जिसकी वजन से महिला की डिलीवरी में देरी होती है।

तनाव

प्रेग्नेंट महिला का तनाव लेना माँ व् बच्चे दोनों के लिए बहुत नुकसादायक होता है। जिसकी वजह से महिला की बॉडी में हार्मोनल असंतुलन होता है। और गर्भवती महिला की बॉडी में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण डिलीवरी समय से पहले होने का खतरा होने के साथ डिलीवरी देरी से होने की परेशानी भी हो सकती है। इसीलिए प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने के लिए महिला को तनाव मुक्त रहना चाहिए और अपनी प्रेगनेंसी को एन्जॉय करना चाहिए।

वजन ज्यादा होना या कम होना

प्रेग्नेंट महिला का वजन यदि जरुरत से ज्यादा हो या कम हो तो इसके कारण डिलीवरी में कॉम्प्लीकेशन्स आती है। और कुछ केस में वजन कम या बहुत ज्यादा होने के कारण बॉडी में प्रसव के लक्षण मसहूस नहीं होते हैं। जिसके कारण डिलीवरी में देरी होती है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने वजन को नियंत्रित यानी न तो जरुरत से ज्यादा न कम रखने की सलाह दी जाती है।

तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से गर्भवती महिला की डिलीवरी में देरी होती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए। और डिलीवरी का समय पास आने पर अपने खान पान और बॉडी मूवमेंट का ध्यान रखना चाहिए जिससे गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिल सके।

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