बच्चे रात में जन्म क्यों लेते हैं, प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का बेहद खूबसूरत अनुभव होता है। और इस अनुभव का अहसास महिला पूरे नौ महीने तक करती है। साथ ही प्रेगनेंसी के नौ महीने महिला बहुत सी शारीरिक परेशानियां, मानसिक रूप से परेशानियां, शारीरिक बदलाव आदि का भी अनुभव करती है। लेकिन इन सभी के बावजूद महिला को केवल एक ही चिंता रहती है की उसके गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ है यही? उसका विकास सही हो रहा है या नहीं? शिशु को कोई दिक्कत तो नहीं है? आदि।
साथ ही प्रेग्नेंट महिला उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार करती है। की कब उसके गर्भ में जिस नन्ही जान को वो महसूस कर रही है। वो उसे अपनी गोद में उठाएगी, उसे छु सकेगी, अपने प्यार का अहसास उसे दे सकेगी। लेकिन इन सभी के अलावा प्रेगनेंसी के दौरान महिला के मन में बहुत से सवाल भी आते हैं। जिन्हे जानने के लिए प्रेग्नेंट महिला बहुत ही उत्सुक रहती है। तो लीजिये आज इस आर्टिकल में एक ऐसे सवाल का जवाब देने जा रहे हैं। जिसे हर प्रेग्नेंट महिला जानने की इच्छा जरूर रखती होगी।
क्यों लेते हैं अधिकतर बच्चे रात में जन्म?
- ज्यादातर लोगो को यही लगता है की अधिकतर बच्चे रात को जन्म लेते हैं।
- लेकिन यदि ऐसा है तो इसका कोई कारण तो जरूर होना चाहिए।
- एक संस्था द्वारा इस बात का पता लगाने के लिए रिसर्च की गई है।
- जिसमे यह बताया गया है की रात आठ बजे से लेकर सुबह आठ बजे के बीच एक तिहाई से अधिक बच्चे पैदा होते हैं।
- और इसका कारण है, की उस समय सबसे अधिक शांत माहौल होता है, प्रेग्नेंट महिलाएं भी सो रही होती हैं या आराम कर रही होती हैं।
- और ऐसी स्थिति में गर्भस्थ शिशु बॉडी में उन हार्मोनों को मुक्त करने का संकेत देता है।
- जो प्रसव प्रक्रिया को शुरू करने में मदद करते हैं।
- जिससे बच्चा ही यह संकेत देता है कि अब वह जन्म लेने के लिए अब वह तैयार है।
- लेकिन हर केस में ऐसा कहना सही नहीं होता है।
तो यह है शिशु के रात में जन्म लेने से जुडी कुछ बातें, ऐसे में इसमें कितनी सच्चाई है इसके बारे में कह पाना कितना मुश्किल है। क्योंकि शिशु का जन्म पूरी तरह से महिला के स्वास्थ्य व् शिशु के विकास पर निर्भर करता है। जब महिला के शरीर में प्रसव के लक्षण महसूस होते हैं, शिशु गर्भ से बाहर आने के लिए अपनी सही पोजीशन में आ जाता है तो ही महिला की डिलीवरी हो जाती है।