दाँतों में सड़न के लक्षण –
- दाँतों में पीली परत का जमना।
- दाँतों में कैविटी होना।
- सेन्सिटिव दाँत, गहरी कैविटी हो जाने पर दाँत की नसें गरम या ठंडा कुछ भी लगने पर दर्द करने लगती हैं।
- दाँत का दर्द, सड़न का सबसे भयानक लक्षण दाँत का दर्द ही होता है।दाँतों की सड़न से बचाव –
- बच्चे को दंत चिकित्सक के पास नियमित रूप से ले जाएँ व उसके दाँतों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
- रोज़ाना दो बार ब्रश ज़रूर करवाएँ। सुबह उठकर व रात को सोने से पहले ब्रश करना अति आवश्यक है। बच्चे में शुरू से ही ये आदत डालें।
- ब्रश करने के बाद किसी अच्छे माउथवाश का प्रयोग अपनी निगरानी में करवाएँ।
- बच्चा जब भी कुछ खाए, कुल्ली ज़रूर करवाएँ। रात को सोने से पहले ब्रश करवाने के बाद आप बच्चे के दाँतों में फ़्लॉस भी कर सकते हैं। इससे दाँतों में फँसा हुआ खाना निकल जाएगा व सड़न नहीं होगी।
- बच्चे को शुगर व कार्बोहाईड्रेट युक्त पदार्थ कम खाने को दें, ख़ासकर सोने से पहले। बच्चे को इससे होने वाले नुक़सान के बारे में बताएँ।
- बच्चों को चोक्लेट, चिप्स, केक, पेस्ट्री और मिठाइयाँ ज़्यादा खाने को ना दें। रात को सोने से पहले इन सब चीज़ों का सेवन बिलकुल ना करें।
- कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज़ करें। बच्चे को कोल्ड ड्रिंक या बाज़ार में मिलने वाले पैकिंग वाले जूस पीने को ना दें, इनमे शुगर की मात्रा अधिक होती है। बेहतर होगा कि आप बच्चा ताज़े जूस पीने की आदत डालें, उसमें अलग से शक्कर नहीं डाली जाती।
- बच्चों को chewing gum खाने की भी बुरी आदत होती है। इसमें मौजूद शुगर दाँतों के लिए हानिकारक होती है और देर तक मुँह में रख के चबाते रहने से मुँह में बैक्टिरिया हो सकते हैं।दाँतों को सड़न का इलाज –
- अगर आपके बच्चे के दाँतो में सड़न है तो सबसे पहले उसे दंत चिकित्सक के पास लेकर जाएँ। वरना एक ख़राब दाँत, बाक़ी के दाँतों के भी ख़राब होने का कारण बनेगा।
अगर सड़न ज़्यादा नहीं है तो डॉक्टर से दाँतों की सफ़ाई करवा के, कैविटी में फ़िलिंग करवा लीजिए। फ़िलिंग pop करवानी है या फिर मेटेलिक, ये आप पर निर्भर करता है। - RCT – अगर कैविटी गहरी हो गई है पर फिर भी दाँत को बचाया जा सकता है तो डॉक्टर आपको rct यानी root canal treatment की सलाह देगा। इस ट्रीटमेंट से दाँत की नसों को डेड कर दिया जाता है और दाँत पर कैप लगा दी जाती है। नसों के डेड हो जाने से, आपको दाँत में दर्द नहीं होगा और ना ही गरम ठंडा लगेगा। सेन्सिटिविटी की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा।
- कई बार दाँत की हालत ज़्यादा बिगड़ चुकी होती है, एक ख़राब दाँत से बाक़ी के दाँतों में भी सड़न फैलने का ख़तरा होता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह होती है कि दाँत को निकल दिया जाए। ऐसी परिस्थिति में यही निर्णय सही होता है।
- छोटे बच्चों में, जिनके दूध के दाँतों में ( temporary teeth ) में सड़न और दर्द की समस्या हो जाती है, तो डॉक्टर चेक करके देख लेते हैं कि ये दाँत एक आधा महीना टिकने वाला है या अभी आठ दस महीने लेगा अपने आप गिरने में। अगर लम्बा समय हो अपने आप
- निकलने में तो डॉक्टर आपको rct की सलाह देते हैं। पर अगर बच्चे को दर्द ज़्यादा है और दाँत निकलने आढ़ दस दिन ही बचे हैं तो वो दाँत निकालने की सलाह देते हैं।
दाँतों को सड़न से बचाने के लिए कुछ घरेलू उपाय –
- एक चम्मच नारियल तेल, एक चम्मच हल्दी पाउडर, तीन चार बूँदें लौंग का तेल और आधा चम्मच काला नमक (समुद्री नमक), एक कटोरी में इन चारों चीज़ों का मिश्रण बना लें। टूथब्रश या अंगुली के इस्तेमाल से ये मिश्रण धीरे धीरे बच्चे के दाँतों पर रगड़ें।
- एक कटोरी में आधा चम्मच बेकिंग पाउडर, एक चौथाई चम्मच पुदीना पाउडर, एक बूँद पेपरमेंट अॉइल का मिश्रण बना लें। ब्रश की मदद से इससे बच्चे के दाँतो पर मसाज करें। इसके इस्तेमाल से दाँत मोतियों की तरह चमक उठेंगे और सड़न से मुक्ति मिलेगी।
अगर आपके दाँतों में सड़न नहीं भी है तो भी आप ऊपर लिखे घरेलू उपाय अपना अपने दाँतो को स्वस्थ रख सकते हैं, क्यूँकि prevention is better than cure. यूँ तो दाँत हमारे शरीर का सबसे मज़बूत हिस्सा हैं पर इनका ध्यान रखना उतना ही आवश्यक है, जितना शरीर के बाक़ी नाज़ुक हिस्सों का। इसलिए अपने दाँतो का विशेष ख़्याल रखें। बचपन से ही बच्चों में अच्छी आदतें, जैसे अपने दाँतों, बालों, त्वचा इत्यादि की सफ़ाई करने की आदतें डालेंगे तो उन्हें बड़े होकर दातों की व अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ नहीं होंगी।
Stay healthy
Stay happy 😊
Pages: 1 2