Causes of Repeating Fever
बार-बार बुखार आने के क्या कारण होते है, Causes and Symptoms of Repeating Fever, बार-बार बुखार आने की क्या वजह है, बुखार आने के कारण और लक्षण, बुखार के उपाय
बदलते मौसम और अव्यवस्थित खान-पान के कारण अक्सर लोगों की तबियत खराब हो जाती है। जिसमे सबसे पहला नाम बुखार, खांसी और जुखाम का आता है। वैसे तो ये बीमारियां किसी भी मौसम हो जाती है लेकिन बरसात और ठंड के मौसम में ये समस्या बहुत अधिक देखने को मिलती है। जिसके चलते कई बार गंभीर बिमारियों का सामना करना पड़ता है।
बुखार एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन बच्चों में यह सबसे अधिक होती है क्योंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है और उनपर कोई भी बीमारी बहुत जल्दी अटैक करती है। सामान्य तौर पर बुखार ठंड लगने, थकावट होने या शरीर की किसी अन्य बीमारी के कारण आता है। बुखार होने पर व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है।
वैसे तो ये कोई बीमारी नहीं है परन्तु अगर बार बार एक ही डिग्री पर बुखार आ रहा है तो हो सकता है की यह किसी बीमारी का संकेत हो। या हो सकता है की यह किसी संक्रामक रोग का लक्षण हो। क्योंकि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू टाइफाइड आदि कुछ ऐसे रोग है जिनमे रोगी का बुखार टूटता नहीं है और उसे बार बार बुखार आता है। इसके अलावा अधिक शारीरिक मेहनत करने, अधिक गर्म वातावरण में रहने, पीरियड्स के समय, लू लगने, बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन के कारण भी अक्सर बुखार आ जाता है।
यहाँ हम आपको बार बार बुखार आने के कारण और उसके लक्षण बताने जा रहे है। क्योंकि हो सकता है जिसे आप सामान्य हरारत समझ रहे हो वह कोई बीमारी का शुरुवाती लक्षण हो। ऐसे में स्वयं अपना ध्यान रखना और सही समय पर उचित दवा लेना ही एकमात्र उपाय है। तो आइये जानते है बार-बार बुखार आने के कारण।
बुखार आने के लक्षण :
बुखार होने पर व्यक्ति के शरीर में बहुत सी क्रियाएं और प्रतिक्रियायें होने लगती है जिनमे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सर्दी लगना, शरीर में कमजोरी, कमर में दर्द, त्वचा पर दाने निकलना, बहुत पसीना आना, चक्कर आना, कपकपी छूटना, बेहोशी, बेहोशी में बड़बड़ाना, डार्क सर्कल्स आदि सम्मिलित है।
क्यों आता है बार-बार बुखार?
वैसे तो बार-बार बुखार आने के पीछे कई कारण है लेकिन उसका पता केवल बुखार के प्रकार और उसके कारण को जानकर ही लगाया जा सकता है। यहाँ हम आपको बुखार के प्रकार और उनके कारणों के बारे में बताने जा रहे है जिनके बाद बार-बार बुखार आने के कारण हो पहचानना काफी आसान हो जाएगा।
सामान्य बुखार एक नार्मल बुखार है जिसके होने पर विशेष उपचार करने की आवश्यकता नहीं पड़ती इसे ठीक करने के लिए घरेलू उपचारों की मदद ली जा सकती है। ऐसा अक्सर बारिश में भीगने, पानी के अधिक संपर्क में रहने, गीले कपडे पहनने, जुखाम होने, कब्ज होने, लूज़ मोशन होने पर, पेट दर्द या पेट से जुडी किसी अन्य समस्या के होने पर, देर रात तक जागने, अनियमित दिनचर्या के कारण, मानसिक तनाव, मौसम में बदलाव, धुप में अधिक देर तक घूमने और अधिक शारीरिक परिश्रम करने के कारण हो जाता है।
इस तरह के बुखार में आप घरेलू उपचारों का प्रयोग कर उसे ठीक कर सकते है। इसके अलावा पेरासिटामोल, एस्पिरिन, आइब्रुफेन जैसी कुछ दवाएं भी सामान्य बुखार को ठीक करने की क्षमता रखती है। वैसे तो ये बुखार एक या दो गोली खाने के बाद स्वयं ही ठीक हो जाता है। लेकिन अगर बार-बार बुखार आये तो यह चिंता का विषय है। बता दें, सामान्य बुखार के अलावा सविराम बुखार, अविराम बुखार, स्वल्प-विराम बुखार भी बुखारों के प्रकारों में से एक है।
ये है असली वजह :-
अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार आ रहा है और लगातार बना हुआ है तो हो सकता है रोगी किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो। इन बिमारियों में टाइफाइड, हेपिटाइटिस-बी, जॉन्डिस, मलेरिया, डेंगू, लिवर में खराबी, चिकनगुनिया और स्वाइन फ्लू आदि सम्मिलित है। जिनमे अगर समय रहते उपचार नहीं किया जाए तो रोगी की जान भी जा सकती है।
तो अगर आप भी बार-बार आने वाले बुखार को अनदेखा कर रहे है तो आपको इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते है। बच्चे हो या बड़े, बूढ़े हो या जवान किसी भी व्यक्ति के बुखार को अनदेखा नहीं करें। इसके अलावा अगर आप बुखार में पेरासिटामोल या किसी अन्य दवा का इस्तेमाल कर रहे है तो उससे पहले एक बार डॉक्टर से मिलें।
क्योंकि हो सकता है जिसे आप सामान्य बुखार समझकर उसके इलाज के लिए पेरासिटामोल का प्रयोग कर रहे है वे उपरोक्त रोगों में से किसी एक का शुरूआती लक्षण हो।
इसलिए किसी भी बीमारी को आम न समझे, थोड़ी सी परेशानी होने पर डॉक्टर से मिलें। अगर डॉक्टर के पास नहीं जा सकते तो घरेलू उपायों का प्रयोग कर उसे दूर करने की कोशिश करें।
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