प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला अपना अच्छे से ध्यान रखती है। ताकि महिला और बच्चे दोनों को प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो। लेकिन जैसे ही बेबी बर्थ का समय पास आता है तो महिला तनाव में आने लगती है क्योंकि डिलीवरी को लेकर महिला के मन में बहुत से सवाल होते हैं। जैसे की डिलीवरी कैसे होगी, दर्द कितना होगा, प्रसव होने वाला है कैसे पता चलेगा, डिलीवरी पेन को कम कैसे करेंगे, आदि।
तो घबराइए नहीं यदि आपकी डिलीवरी का समय भी पास आ रहा है, और आपके मन में भी इसी तरह के सवाल चल रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। क्योंकि आज इस आर्टिकल में हम महिला के मन में चलने वाले सवालों का जवाब देने के साथ कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जो बिना दर्द के डिलीवरी होगी इसमें आपकी मदद करेंगे।
कैसे होगी आपकी डिलीवरी?
बच्चे का जन्म कौन सी प्रक्रिया से होगा नोर्मल होगा या कजरियाँ होगा इसे आप नहीं बता सकते हैं। क्योंकि यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य पर और प्रेगनेंसी में आपकी और बच्चे की कंडीशन क्या है इस पर निर्भर करता है। लेकिन यदि आप चाहते हैं की आपकी डिलीवरी नोर्मल हो तो इसके लिए जरुरी होता है आप प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखें और स्वस्थ रहें। क्योंकि जितना आप स्वस्थ रहते हैं और प्रेगनेंसी में कम्प्लीकेशन कम होती है उतना ही आपकी नोर्मल डिलीवरी के चांस भी बढ़ते हैं।
डिलीवरी होने वाली है कैसे पता चलेगा?
जब महिला की डिलीवरी होने वाली होती है तो उससे पहले आपको बॉडी में कुछ लक्षण महसूस होते हैं। जिससे आपको यह जानने में मदद मिलती है की आपका प्रसव का समय नजदीक आ गया है। तो आइये अब जानते हैं की प्रसव के कौन से लक्षण आपको बॉडी में महसूस हो सकते हैं।
- पेल्विक एरिया में बच्चे का भार ज्यादा महसूस होना साथ ही दर्द भी महसूस होना।
- पेट या पीठ में महिला को रुक रुक कर दर्द का होना, और धीरे धीरे दर्द का बढ़ जाना।
- दस्त या कब्ज़ की समस्या का ज्यादा होना भी प्रसव का संकेत होता है।
- प्राइवेट पार्ट से यदि आपको पानी की तरह गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता हुआ महसूस हो तो इसका मतलब होता है की बेबी बैग फट गया है और डिलीवरी होने वाली है।
- सीने व् पेट में हल्कापन महसूस होना भी प्रसव का लक्षण होता है।
- प्राइवेट पार्ट से लाल, भूरे रंग का डिस्चार्ज होना।
डिलीवरी के दौरान दर्द नहीं हो इसके लिए अपनाएँ यह टिप्स
ज्यादातर महिलाएं चाहती है की उनकी डिलीवरी नोर्मल हो लेकिन पेन के डर के कारण वो तनाव में आ सकती है। लेकिन तनाव लेने से महिला की परेशानी कम नहीं होती है बल्कि बढ़ जाती है। ऐसे में महिला तनाव लेने की बजाय यदि अपनी अच्छे से केयर करती है और अपने शरीर को प्रसव के लिए तैयार करती है तो महिला को डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने और डिलीवरी जल्द से जल्द होने में मदद मिलती है। तो आइये अब जानते हैं की डिलीवरी पेन नहीं हो इसके लिए महिला को क्या क्या करना चाहिए।
सांस से जुड़ा व्यायाम करें
डिलीवरी का समय पास आने से पहले महिला को ऐसे व्यायाम करने चाहिए जिसमे महिला अपनी सांस को कण्ट्रोल कर सकें। क्योंकि जितना महिला सांस लेने वाला व्यायाम करती है, सांस को कण्ट्रोल करती है, उतना ही ज्यादा डिलीवरी के दौरान होने वाले पेन को सहन करने की हिम्मत महिला को मिलती है और महिला को पेन कम होता है। इसके अलावा डिलीवरी पेन होने पर महिला को चिल्लाना भी नहीं चाहिए क्योंकि इससे महिला थकती है और महिला को पेन भी अधिक होता है।
खान पान
प्रेगनेंसी के दौरान तो महिला का खान पान ऐसा होना चाहिए जिससे महिला के स्वास्थ्य को पूरी प्रेगनेंसी में सही रहने में मदद मिलें और महिला को ऊर्जा मिलें। क्योंकि जितना महिला ऊर्जा से भरपूर होती है उतना ही महिला की डिलीवरी को आसान बनाने और प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे प्रसव को आसान बनाने में मदद मिल सके। जैसे महिला को पालक, देसी घी, दूध, ड्राई फ्रूट्स, आदि का सेवन करना चाहिए।
खून की कमी नहीं होने दें
गर्भावस्था के दौरान महिला को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की महिला के शरीर में खून की कमी नहीं हो। क्योंकि खून की कमी का होना डिलीवरी के दौरान आपकी दिक्कतों को बढ़ा सकता है। और यदि महिला के शरीर में खून की कमी नहीं होती है उतना ही डिलीवरी के दौरान दिक्कतें कम होती है और प्रसव आसानी से होने में मदद मिलती है। ऐसे में खून की कमी को पूरा करने के लिए प्रेग्नेंट महिला गाजर, चुकंदर, हरी सब्जियां, फ्रूट्स आदि का सेवन कर सकती है।
व्यायाम
डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को व्यायाम जरूर करना चाहिए क्योंकि व्यायाम करने से शरीर को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। साथ ही प्रसव पीड़ा को कम करने में भी मदद मिलती है।
पेल्विक एरिया की मालिश
डिलीवरी का समय पास आने पर हल्के हाथों से आपको पेल्विक एरिया की मसाज करते रहना चाहिए। क्योंकि मसाज करने से महिला को रिलैक्स महसूस होता है साथ ही पेल्विक एरिया को मजबूत होने में मदद मिलती है जिससे डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है। ध्यान रखें की ज्यादा तेजी से और दबाव डालकर मसाज नहीं करें।
पूरा दिन लेटी न रहें
प्रसव पीड़ा समय से हो, प्रसव के दौरान दर्द कम हो इसका ध्यान महिला को ही रखना चाहिए। और आइल लिए एक बात का ध्यान रखें की पूरा दिन लेटी या सोइ नहीं रहें बल्कि थोड़ा हिलने डुलने की कोशिश करें। क्योंकि जितना महिला अपने आप को एक्टिव रखती है उतना ही डिलीवरी में आसानी होती है और डिलीवरी पेन को कम करने में मदद मिलती है।
यूरिन नहीं रोकें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला की यूरिन पास करने की इच्छा बढ़ सकती है और डिलीवरी का समय पास आने पर महिला की यह इच्छा अधिक हो सकती है। ऐसे में डिलीवरी जल्द से जल्द हो और महिला को दर्द अधिक नहीं हो इसके लिए महिला से जितना हो सके और उतना जल्दी जल्दी यूरिन पास करें। ऐसा करने से भी प्रसव को आसान बनाने और जल्द होने में मदद मिलती है और जितना जल्दी प्रसव होता है उतना ही प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद मिलती है।
तो यह हैं डिलीवरी के दौरान ध्यान रखने वाले टिप्स, जो हर गर्भवती महिला को पता होने चाहिए। ताकि डिलीवरी के दौरान महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके और बेबी बर्थ में आने वाली मुश्किलों को कम होने में मदद मिल सके।