केवल प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और डिलीवरी के बाद जो सबसे बड़ी परेशानी होती है वो होती है महिला को ब्लीडिंग होना। और जब महिला का अपने आप गर्भपात हो जाता है या महिला अबॉर्शन करवाती है तो भी महिला को ब्लीडिंग की समस्या होती है। डिलीवरी और अबॉर्शन के बाद जो ब्लीडिंग की समस्या होती है वह मासिक धर्म की तरह नहीं होती है।
बल्कि इस दौरान होने वाली ब्लीडिंग ज्यादा तेजी से होती है, ब्लड फ्लो ज्यादा होता है, ज्यादा दिनों के लिए ब्लीडिंग होती है, साथ ही महिला को पेट, कमर, टांगों में दर्द का सामना करने के साथ कमजोरी भी बहुत अधिक होती है। तो आइये अब जानते हैं की महिला को अबॉर्शन और डिलीवरी के बाद महिला को किस तरह ब्लीडिंग होती है।
अबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग
यदि आपका गर्भ अपने आप गिर गया है या आपने डॉक्टर की मदद से अबॉर्शन करवाया है तो दोनों ही केस में आपको अलग अलग समय तक ब्लीडिंग होती है।
अपने आप गर्भपात होने पर ब्लीडिंग
यदि अभी आपकी प्रेगनेंसी हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था और किसी कारण अपने आप ही आपका गर्भ गिर गया है तो इस केस में महिला को डेढ़ या दो हफ्ते तक बलीडिंग होती है। यह ब्लीडिंग पीरियड्स की तुलना में ज्यादा होती है, साथ ही इस दौरान महिला को पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस होने के साथ ब्लड के थक्के भी निकलते है।
और पीरियड्स के मुकाबले महिला को ज्यादा सैनिटरी पैड बदलने की जरुरत होती है। इस दौरान महिला के खाने पीने की इच्छा में कमी आने के साथ महिला को बहुत ज्यादा तनाव, कमजोरी जैसी परेशानियां भी होती है। साथ ही इसके बाद आपको थोड़े समय तक पीरियड्स के अनियमित होने की समस्या भी होती है।
डॉक्टर द्वारा गर्भपात होने पर ब्लीडिंग
यदि आपने डॉक्टर द्वारा गर्भपात करवाया है तो आपको अपने आप होने वाले गर्भपात के मुकाबले ज्यादा ब्लीडिंग होने के साथ ज्यादा दर्द का अनुभव भी होता है। लेकिन डॉक्टर द्वारा गर्भपात करवाने से गर्भाशय से सभी टिश्यू निकल जाते हैं।
जिससे बाद में महिला को परेशानी नहीं नहीं होती है। साथ ही इसके बाद हो सकता है दो तीन महीने आपको पीरियड्स न आये और आये भी तो थोड़े समय तक अनियमित हो।
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग
डिलीवरी के बाद भी महिला को लगातार तीन से चार हफ़्तों तक ब्लीडिंग होती है। और इस दौरान महिला को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने के साथ कमजोरी, थकान, पेट में दर्द, बॉडी में दर्द की समस्या भी होती है। शुरुआत में एक दिन में महिला को तीन से चार पैड बदलने की जरुरत होती है उसके बाद धीरे धीरे ब्लीडिंग कम हो जाती है। और डिलीवरी के बाद जब ब्लीडिंग बंद हो जाती है तो उसके बाद हो सकता है की जब तक आप अपने बच्चे को दूध पिलायें तब तक आपके पीरियड्स न आएं।
अबॉर्शन और डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से कब मिलें
- यदि महिला को ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है की हर दो घंटे में आपको पैड बदलने की जरुरत पड़े।
- बहुत ज्यादा समय तक ब्लीडिंग होने पर यानी की यदि आपको डिलीवरी या अबॉर्शन के बाद एक महीना हो गया और फिर भी ब्लीडिंग हो रही है।
- पेट, पीठ या पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द हो रहा है।
- ब्लीडिंग में से महिला को तेज गंध आये तो भी डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह संक्रमण के कारण होता है।
तो यह हैं अबॉर्शन व् डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग होने से जुडी कुछ बातें, ऐसे में महिला दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए गर्म पानी को बोतल में पानी डालकर सिकाई आदि कर सकती है। इसके अलावा ब्लीडिंग खत्म होने के बाद एक बार डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।