Breast Cancer : Breast Cancer Cause, Breast Cancer Symptoms, Breast Cancer Treatment : आज के समय में स्तन कैंसर एक बड़ी समस्या है। इसमें हर साल इजाफा हो रहा है। भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर में से 25 से 30% स्तन कैंसर होता है। यह आजकल बहुत आम रोग है। एक रिपोर्ट के अनुसार 2013 में विश्वभर में कुल 464000 महिलाओं की स्तन कैंसर से मौत हो गयी। 2013 में ही स्तन कैंसर के 13 लाख नये मामले पता चले। रिपोर्ट में कहा गया है की 2012 में भारत में 70000 महिलाओं की मौत स्तन कैंसर से हो गयी। 2020 तक भारत में हर साल 76000 स्तन कैंसर के मामले प्रकाश में आने की उम्मीद है।
स्तन कैंसर क्या है? (What is Breast Cancer)
इसमें स्तन की कोशिकाओं को नियंत्रित करने वाले जीन्स में म्यूटेशन (mutation) होता है। कोशिकायें अनियंत्रित और असमान्य तरीके से विभाजित हो जाती है और आपस में गुणा करती जाती है। इससे स्वस्थ्य कोशिकायें मर जाती है और हानिकारक कोशिकायें आपस में जुड़कर ट्यूमर (गाँठ) बना देती है।
स्तन कैंसर के लक्षण- Breast Cancer Symptoms
- निप्पल्स से खून निकलना
- बाह में सुजन होना, गाँठ पड़ जाना
- स्तन का लाल हो जाना
- स्तन में गाँठ या गुठलियाँ पड़ जाना
- स्तन से दूध के अलावा किसी और पदार्थ का निकलना
- स्तन की खाल का छिल जाना
- स्तन में सूजन या दर्द
- निप्पल्स का अंदर की तरफ धँस जाना
स्तन कैंसर के कारण- Cause of Breast Cancer
बढ़ती उम्र- महिलाओं में अधिक उम्र होने पर इसका खतरा जादा होता है। एक अध्ययन के अनुसार 80% महिलाओं को स्तन कैंसर 50 वर्ष की आयु के बाद होता है।
आनुवंशिक कारण- अगर महिला के परिवार में, उसकी माँ, दादी या किसी करीबी महिला को स्तन कैंसर हो चुका है तो उसे भी स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। यह जींस के कारण होता है। याद रखे की जादातर स्तन कैंसर आनुवंशिक नही होते हैं।
शराब, तम्बाकू जैसे नशीले पदार्थों का सेवन
खराब जीवनशैली- हानिकारक जंक फूड खाने से। अधिक कोलेस्ट्रोल वाला खाना खाने से।
स्तन कैंसर (Breast Cancer Test) की जाँच कैसे होती है-
- अल्ट्रासाउंड द्वारा- स्तन के ऊतकों की तस्वीर ली जाती है। इसमें ध्वनि तरंगो का प्रयोग किया जाता है।
- बायोप्सी द्वारा- डॉक्टर उस भाग का एक सैम्पल लेकर टेस्ट करते है और स्तन कैंसर का पता लगाते है।
- मैमोग्राम द्वारा- स्तन के अंदर की सतह की इमेजिंग टेस्ट किया जाता है और स्तन कैंसर के बारे में पता लगाया जाता है।
स्तन कैंसर की स्टेज– Stage of Breast Caner
Stage 0- यह कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था है। इसने कैंसर कोशिकायें स्तन के ऊतकों तक ही सिमित रहती है। दूध नलिकाओं तक नही पहुँच पाती है। इस अवस्था में इसे आसानी से रोका जा सकता है।
Stage I- इस अवस्था में कैंसर कोशिकायें दूसरी कोशिकाओं पर हमला शुरू कर देती है। वे टूट टूटकर पास वाली स्वस्थ्य कोशिकाओं पर हमला करती है। धीरे धीरे विस्तार शुरू कर देती है। इसका आकार मूंगफली के दाने जितना होता है।
Stage IA- इस अवस्था में कैंसर का आकार एक मूंगफली के खोल जितने आकार का हो जाता है।
Stage IB- इसमें ट्यूमर का आकार 2 सेमी से अधिक हो जाता है। इसमें कैंसर की कोशिकायें लिम्फ नोड्स में पायी जाती है।
Stage II – इस अवस्था में कैंसर की कोशिकायें बड़ी हो जाती है। यह तेजी से फैलने लगता है।
Stage IIA- इसमें कैंसर की कोशिकायें फैटी ऊतकों तक पहुच जाती है।
Stage IIB- इस स्टेज में ट्यूमर अखरोट या नींबू के आकार का हो जाता है।
Stage III- इसका मतलब होता है की कैंसर अभी हड्डियों और दूसरे अंगो तक नही फैला है पर हालत गम्भीर है। इस स्टेज में इसका इलाज बहुत महंगा और कठिन हो जाता है।
Stage IIIA- इसका अर्थ है कि कैंसर की कोशिकायें 9 से अधिक लिम्फ नोड्स में पाई गयी है। यह स्तन से होते हुए कॉलर बॉन तक पहुँच चुका है। यह एक श्रृंखला के रूप में काम करता है।
Stage IIIB- इस अवस्था में स्तन की त्वचा लाल हो जाती है। स्तन में सूजन आ जाती है।
Stage IIIC- इसका मतलब है की कैंसर की कोशिकायें 10 से अधिक लिम्प नोड्स में फ़ैल चुकी है।
Stage IV- यह स्टेज बहुत जानलेवा होती है। इसमें कैंसर की कोशिकायें स्तन से निकलकर दूसरे अंगो तक फ़ैल जाती है। जैसे लीवर, मस्तिष्क, त्वचा, फेफड़े आदि अंगो में।
स्तन कैंसर से बचने के उपाय-
व्यायाम जरुर करें- जो महिलायें हफ्ते मे 5 दिन कम से कम 30 से 40 मिनट का व्यायाम करती है उनको स्तन कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
शरीर का वजन अनुकूल रखे- वजन अधिक होने से कई प्रकार की बीमारियाँ हो जाती है। स्तन कैंसर भी उनमे से एक है। महिलाओं को अपना वजन कंट्रोल में रखना चाहिये। इसे बढ़ने न दें।
बच्चो को स्तनपान करायें- आजकल बहुत सी महिलायें खुद को आधुनिक बनाने की होड़ में लगी हुई है। वो डरती है की बच्चो को स्तनपान कराने से उनका फिगर खराब हो जायेगा। पर आपको समझना चाहिये की स्तन पान बहुत लाभदायक होता है। आपको स्तन कैंसर से बचाता है।
संतुलित आहार लें- सभी महिलायें जो नही चाहती की कभी उनको स्तन कैंसर हो, उनको जंक फूड का सेवन बिलकुल नही करना चाहिये। इसे न कहें। बर्गर, फ्रेच, फ्राइज, चाअमीन, कोल्ड्रिंक, पिज्जा, आदि को जंक फ़ूड कहा जाता है। महिलाओं को अपने आहार में- अंडे, मांस, मछली, सोयाबीन, दूध, दही को शामिल करना चाहिये। प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिये। साबुत अनाज, दलिया, साबुत दालों का सेवन करना चाहिये। फल और हरे पत्ते वाली सब्जियों का सेवन करना चाहिये। डीप फ़्राईड या अत्यधिक तला भुना खाना नही खाना चाहिये।
समय समय पर जांच करवाती रहें- स्तन कैंसर की शंका होने पर महिलाओं को हर साल स्क्रीनिंग, मेम्ब्रेन जैसी जांच करवाना चाहिए। इससे फायदा है की शुरुवाती स्तर पर आप इसे पहचान सकेंगे।
सर्जरी द्वारा (Surgery method) – इस विधि में डॉक्टर स्तन को काटकर निकाल देते है। कभी कभी सिर्फ कैंसर ग्रस्त भाग को काट कर निकाल दिया जाता है, पूरे भाग को नही।
विकिरण द्वारा इलाज (Radiation Therapy method) – कैंसर ग्रस्त कोशिका को समाप्त करने के लिए एक बड़ी मशीन द्वारा उच्च स्तरीय किरण मरीज के स्तन पर छोड़ी जाती है।
भारत में अभी भी स्तन कैंसर को लेकर पर्याप्त जागरूकता नही है। महिलायें अपनी स्क्रीनिंग नही करवाती है। यहाँ तक की बड़े बड़े शहरों की महिलायें अपने स्वस्थ्य के प्रति लापरवाह है। स्टेज 1 और स्टेज 2 के रोगियों को इलाज के द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता सकता है। अगर आपको भी स्तन कैंसर हो गया है तो डरने की नही लड़ने की जरूरत है। हमारा लेख आपको कैसा लगा, जरुर बतायें।