डिलीवरी के बाद माँ का दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार होता है। माँ का दूध पीने से बच्चे को बहुत से फायदे मिलते हैं साथ ही बच्चे को दूध पिलाने से माँ को भी बहुत से फायदे मिलते हैं। यदि आपने भी अभी अभी बच्चे को जन्म दिया है और यह आपका पहला बच्चा है तो बच्चे को स्तनपान कैसे करवाना चाहिए और बच्चे को स्तनपान करवाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि यदि आपको पूरी जानकारी होगी तो आपको बच्चे को स्तनपान करवाते समय कोई परेशानी नहीं होगी और बच्चे को भी माँ का दूध पर्याप्त मात्रा में मिल सकेगा। तो आइये जानते हैं नई माँ के लिए बच्चे को दूध पिलाने से जुडी जानकारी, ताकि स्तनपान से जन्म के बाद भी बच्चे का विकास अच्छे से हो सके।
बच्चे को दूध पिलाने का तरीका
बच्चे को दूध पिलाने के लिए महिला को छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखना चाहिए जिससे महिला को बच्चे को दूध पिलाने में आसानी हो और बच्चा भी आराम से दूध पी सके। जैसे की:
सहारा लेकर बैठें
सबसे पहले महिला को पिल्लो, दीवार या किसी अन्य चीज से सहारा लेकर आराम से बैठना चाहिए। क्योंकि बच्चे को दूध पिलाते समय कितना समय लगेगा यह आप भी नहीं जानती है। ऐसे में बच्चे को दूध पिलाने में आपको कोई दिक्कत न हो इसके लिए सहारा लेकर बैठें। आरामदायक स्थिति में बैठने के लिए महिला चाहे तो अपने पैरों को सीधा भी रख सकती है।
गोद में एक सॉफ्ट तकिया रखें
बच्चे को गोद में लिटाने से पहले गोद में एक सॉफ्ट तकिया रखें उसके बाद बच्चे को उस तकिये पर लिटाएं। ऐसा करने से बच्चे को दूध पिलाने में आसानी होगी। क्योंकि बच्चे का मुँह आसानी से ब्रेस्ट तक पहुँच सकेगा।
बच्चे की पोजीशन का ध्यान रखें
तकिये पर बच्चे को पीठ के बल लिटाने के साथ ध्यान रखें की बच्चे के सिर के नीचे हाथ रखें। ताकि बच्चे का सिर थोड़ी ऊपर हो सके। ऐसा करने से बच्चे को दूध पीने में आसानी होगी। और बच्चे के दूध को गले में फंसने का खतरा नहीं होगा।
स्तनपान करते हुए बच्चे का ध्यान रखें
स्तनपान करवाते समय महिला को इस बात का ध्यान रखना है की ब्रेस्ट का अगला हिस्सा बच्चा अच्छे से मुँह में लें। साथ ही महिला को अपनी दो उँगलियों से ब्रेस्ट को पकड़कर रखना चाहिए और उसे प्रेस करते रहना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे को दूध पीने में आसानी होती है।
बच्चे को दूध पीने से आप न हटाएँ
नवजात शिशु तीस से चालीस मिनट तक भी ब्रेस्टफीड कर सकते है ऐसे में आपको अपने बच्चे को दूध पीने से नहीं हटाना चाहिए। हाँ, जब बच्चा अपने आप दूध पीना छोड़ दें तो बच्चे को हटाएँ और उसका मुँह साफ़ करें। कुछ बच्चे जब स्तन छोड़ देते हैं तो वो फिर से मुँह से स्तन पकड़ने की कोशिश करते हैं। जिसका मतलब होता है की बच्चे को और भूख लगी है ऐसे में आपको दूसरी तरफ से बच्चे को दूध पिलाना चाहिए।
बच्चे को दूध पिलाते समय किन किन बातों का ध्यान रखें
- बच्चे को कम से कम दो से तीन घंटे के अंतराल से पहले दूध नहीं पिलायें।
- हर बार दूध पिलाने से पहले ब्रेस्ट को धोएं नहीं।
- बच्चे को दूध पिलाने से पहले पानी, दूध या किसी अन्य तरल चीज का सेवन करें इससे दूध को अच्छे से उतरने में मदद मिलती है।
- ध्यान रखें की जब आप दूध पीला रही हो तो ब्रेस्ट से बच्चे की नाक पर दबाव न पड़ रहा हो क्योंकि इसके कारण बच्चे को दूध पीते समय सांस लेने में दिक्कत होती है।
- बच्चे को दूध पीते समय खांसी हो जाये, हिचकी आ जाये, बच्चा उल्टी जैसा मुँह बनाएं तो तुरंत बच्चे को दूध पिलाने से रोक देना चाहिए।
- बच्चे के दूध पीते समय स्तन बदलते रहे जैसे की पहले आपने जिस स्तन से दूध पिलाया था अब अगली बार दूसरे स्तन से दूध पिलायें। क्योंकि एक ही स्तन से दूध पिलाने से आपको परेशानी हो सकती है।
- बच्चा दूध पीते पीते सो जाये तो आराम से बच्चे को हटा दें।
- नहाने के तुरंत बाद धूप से आने के तुरंत बाद, महिला को ब्रेस्टफीड नहीं करवाना चाहिए बल्कि थोड़ी देर रुकना चाहिए उसके बाद बच्चे को फीड करवाना चाहिए।
महिला के स्तन में दूध न उतरने पर महिला क्या करें?
कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद अच्छे से दूध नहीं उतर पाता है। जिसके कारण महिलाएं परेशान हो सकती है। ऐसे में महिला को इस परेशानी से निजात पाने के लिए ब्रेस्टफीड बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना चाहिए, बच्चे को फीड करवाना चाहिए इससे बच्चा जैसे जैसे दूध पीने के लिए स्तन पर जोर लगाता है वैसे वैसे दूध अच्छे से उतरने लग जाता है, ब्रेस्टफीड पंप का इस्तेमाल करें, आदि। यदि इन तरीको के बाद भी ब्रेस्टफीड अच्छे से नहीं उतरता है तो महिला को एक बार डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
तो यह हैं स्तनपान करवाने से जुड़े कुछ टिप्स जिनका ध्यान महिला को जरूर रखना चाहिए। यदि महिला इन सभी टिप्स का ध्यान रखती है। तो ऐसा करने से महिला को बच्चे को फीड करवाने में आसानी होती है।
Breastfeeding tips for New Moms