गर्भावस्था में सांस फूलने की समस्या से ऐसे निजात पाएं

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गर्भावस्था में सांस फूलने की समस्या से ऐसे निजात पाएं
गर्भावस्था में सांस फूलने की समस्या से ऐसे निजात पाएं

गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट महिला बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना कर सकती है। और उन्ही परेशानियों में से एक समस्या है महिला को सांस लेने में तकलीफ होना, वैसे तो बहुत सी महिलाएं इस परेशानी का सामना कर सकती है। यह समस्या आम होने के साथ बढ़ने पर महिला व् बच्चे के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की आपको सांस लेने में ज्यादा तकलीफ तो नहीं हो रही है, और यदि हो रही है तो इसे अनदेखा न करे।

क्या प्रेगनेंसी में सांस फूलना आम बात होती है?

प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर महिलाएं इस समस्या से परेशान हो सकती है लेकिन इस परेशानी का बढ़ना गंभीर समस्या का संकेत दे सकता है। जैसे की अस्थमा जैसी बिमारी होने का खतरा बढ़ता है, यदि शरीर में खून की कमी होती है तो उसके कारण भी प्रेग्नेंट महिला की सांस फूल सकती है। ऐसे में आपको यदि सांस लेने में अधिक तकलीफ है तो तुरंत आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसके अलावा और भी कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से गर्भवती महिला की सांस फूल सकती है।

प्रेगनेंसी में सांस फूलने के कारण

  • गर्भावस्था के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण प्रोजेस्ट्रोन व् एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण महिला को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। क्योंकि यह हॉर्मोन सांस लेने की नली में तरल चीजों का जमाव बढ़ा देते हैं।
  • प्रेग्नेंट महिला वजन लगातार बढ़ता है और बढ़ते वजन के कारण गले के कोमल टिशू में वसा का जमाव हो सकता है जिसके कारण महिला को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।
  • प्रेग्नेंट महिला, आम महिलाओं के मुकाबले खर्राटे अधिक लेती है जिसके कारण नाक से सांस लेने के मार्ग में रुकावट आती है और महिला को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • भ्रूण का बढ़ता आकार और गर्भाशय के आकार का बढ़ना डायाफ्राम को धक्का देता है, जिससे फेफड़ों के लिए जगह बहुत हो सीमित हो जाती है और उनको फैलने में परेशानी आने लगती है। ऐसे में इस कारण भी प्रेग्नेंट महिला सांस फूलने की समस्या का सामना कर सकती है।
  • प्रेगनेंसी में बॉडी में ब्लड का वॉल्यूम बढ़ जाता है जो सांस लेने के मार्ग को प्रभावित कर सकता है। जिसके कारण महिला को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • यदि किसी प्रेग्नेंट महिला के शरीर में खून की कमी या अन्य कोई शारीरिक बिमारी होती है तो भी प्रेग्नेंट महिला को इस समस्या के होने का खतरा बढ़ सकता है।
  • कुछ प्रेग्नेंट महिलाएं अस्थमा से पीड़ित होती है उन महिलाओं की यह समस्या प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ सकती है।

प्रेगनेंसी में सांस फूलने की समस्या से बचने के उपाय

यदि आप माँ बनने वाली है और आपको सांस फूलने की समस्या है तो कुछ आसान टिप्स का इस्तेमाल करने से आपको इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सकती है। तो आइये अब जानते हैं की वो टिप्स कौन से हैं।

वसा युक्त भोजन न करें

उन चीजों का सेवन बिलकुल न करें जिसमे घी, तेल, रिफाइंड, मसालों आदि का ज्यादा इस्तेमाल होता है। क्योंकि इसके कारण बॉडी में फैट का जमाव अधिक होता है जिससे गर्भवती महिला की सांस फूलने की समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को इस तरह के भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

आयरन व् विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करें

उन चीजों का सेवन भरपूर मात्रा में करें जिनमे आयरन व् विटामिन सी की अधिकता होती है। ताकि शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद मिल सके और बॉडी के सभी अंगो तक ब्लड का प्रवाह अच्छे से हो सके। ऐसा करने से भी सांस फूलने की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है। और इसके लिए हरी सब्जियां, अनार, सेब, बीन्स, आदि का सेवन प्रेग्नेंट महिला कर सकती है।

बैठने और सोने की पोजीशन का ध्यान रखें

गलत तरीके से सोने या बैठने के कारण भी प्रेग्नेंट महिला को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए महिला को बैठते समय अपने कन्धों को पीछे की और झुकाकर बैठना चाहिए और छाती को आगे की और बढाकर बैठना चाहिए। इस तरीके से बैठने से महिला को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है। साथ ही सोते समय सीधा होकर नहीं सोना चाहिए, बल्कि बाईं और करवट लेकर पैरों और सिर के नीचे दो सिरहाने लगाकर सोना चाहिए।

आराम करें

प्रेगनेंसी के दौरान हल्का फुल्का काम गर्भवती महिला कर सकती है लेकिन किसी काम को करने में यदि महिला को दिक्कत हो रही है, थकावट महसूस हो रही है तो महिला को पहले बैठकर आराम करना चाहिए। क्योंकि लगातार एक ही काम को करने से शरीर थका हुस महसूस करता है जिससे सांस फूल सकती है। और यदि महिला काम के साथ आराम भी भरपूर करती है तो इससे महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।

ब्रीथिंग व्यायाम करें

नाक से सांस लेकर मुँह से सांस को छोड़ें, इस व्यायाम को रोजाना करें, यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला इस व्यायाम को रोजाना करती है तो इससे भी महिला को सांस लेने में होने वाली परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा थोड़ी बहुत सैर करना भी महिला के लिए फायदेमंद हो सकता है।

सांस फूलने की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलें

  • यदि अचानक ही प्रेग्नेंट महिला को सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होने लगे।
  • प्रेग्नेंट महिला को यदि सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ता है तो इसे अनदेखा न करते हुए जल्द डॉक्टर के पास जाएँ।
  • यदि आपको ऐसा लग रहा है की आपको सांस लेने की समस्या धीरे धीरे बढ़ रही है।
  • गले में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर जिससे सांस लेने में तकलीफ हो।
  • यदि आपको सांस लेने में इतनी परेशानी होती है की रात को बार बार उठना पड़ता है।

तो यह है प्रेगनेंसी में सांस लेने से जुडी समस्या से जुडी बातें, यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आपको इन सभी बातों की जानकारी होनी चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान यदि आपको यह परेशानी हो तो इस समस्या से बचे के लिए आप क्या कर सकती हैं इसकी जानकारी आपको होनी चाहिए।

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