गर्भावस्था का सबसे मुश्किल समय वह होता है जब महिला की डिलीवरी का समय पास आता है। खासकर जिन महिलाओं का पहला प्रसव होता है उन्हें प्रसव को लेकर बहुत ही डर भी महसूस हो सकता है। लेकिन यदि प्रसव की सही जानकारी हो तो प्रेग्नेंट महिला को प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है।
साथ ही अधिकतर गर्भवती महिलाएं यही चाहती हैं की वो सामान्य प्रसव के माध्यम से बच्चे को जन्म दें। क्योंकि सामान्य प्रसव से माँ और बच्चे दोनों को फायदा मिलता है। लेकिन कुछ केस में ऐसा हो जाता है की महिला की सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ केस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमे सिजेरियन डिलीवरी काने की जरुरत पड़ती है।
एमनियोटिक फ्लूड की कमी के कारण
यदि गर्भवती महिला के गर्भाशय में से एमनियोटिक फ्लूड धीरे धीरे निकलता रहता है और महिला के गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की कमी हो जाती है। ऐसे में गर्भ में शिशु को रिस्क होने का खतरा बढ़ जाता है और शिशु को कोई खतरा नहीं हो इससे बचाव के लिए महिला को जल्द से जल्द सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है।
शिशु ने गर्भनाल गर्दन में लपेट रखी हो
कुछ केस में गर्भ में शिशु मूवमेंट करते हुए गर्भनाल को गर्दन में लपेट लेते हैं और गर्भनाल जब शिशु गर्दन में लपेट लेता है तो इसकी वजह से शिशु की मूवमेंट कम हो जाती है, शिशु तक ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो अच्छे से नहीं हो पाता है, और इसके कारण गर्भ में शिशु की जान को खतरा होने का डर होता है। ऐसे में शिशु को कोई दिक्कत नहीं हो इससे बचाव के लिए डॉक्टर्स महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
गर्भ में शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आने के कारण
जब गर्भ में शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन (यानी शिशु का सिर नीचे की तरफ और पैर ऊपर की तरफ होना) में आ जाता है तो इसका मतलब यह होता है की महिला की सामान्य डिलीवरी होने के चांस अधिक हैं। लेकिन यदि डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद भी गर्भ में शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है यानी की शिशु का सिर नीचे की तरफ नहीं होता है या गर्भ में शिशु उल्टा होता है। तो ऐसे केस में गर्भ में शिशु के ज्यादा समय रहने पर भी शिशु को दिक्कत हो सकती है ऐसे में डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद डॉक्टर्स महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
शिशु की मूवमेंट में कमी
यदि किसी कारण गर्भ में शिशु अच्छे से मूव नहीं करता है और गर्भवती महिला को शिशु की मूवमेंट में कमी महसूस होती है। तो ऐसे केस में भी महिला को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि गर्भ में शिशु की मूवमेंट में कमी होने के कारण गर्भ में शिशु की जान को दिक्कत होने का खतरा हो सकता है। और ऐसा होने पर भी डॉक्टर्स महिला की सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
शिशु के गर्भ में ही मल मूत्र करने के कारण
माँ के गर्भ में शिशु यदि मल मूत्र कर देता है तो ऐसे केस में भी ज्यादा देर तक गर्भ में शिशु का रहना सही नहीं होता है। ऐसे में शिशु को दिक्कतों से बचाने के लिए डॉक्टर्स जल्द से जल्द सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
ब्लड प्रैशर हाई हो
यदि गर्भवती महिला का ब्लड प्रैशर हाई हो तो ऐसे केस में नार्मल डिलीवरी करवाने का रिस्क लेने से माँ और बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में माँ और बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टर्स सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
गर्भ में एक से ज्यादा शिशु के होने पर
यदि माँ के गर्भ में एक से ज्यादा शिशु होते हैं तो ऐसे केस में गर्भ में शिशु के सही पोजीशन में आने के चांस कम ही होते हैं। तो ऐसा होने पर भी महिला को कोई दिक्कत नहीं हो और बच्चे भी सही रहे इसके लिए महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है।
लेबर पेन नहीं हो
यदि गर्भवती महिला को डिलीवरी डेट के निकल जाने के बड़ा भी लेबर पेन नहीं हो और आर्टिफिशल पेन देने पर भी महिला को प्रसव का कोई लक्षण महसूस तो ऐसे केस में भी महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गर्भ में शिशु का ज्यादा समय तक रहना माँ और बच्चे दोनों पर बुरा असर डाल सकता है।
ब्लीडिंग की समस्या होने पर
यदि किसी गर्भवती महिला की प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा कॉम्प्लीकेशन्स होते हैं जैसे की महिला को प्रेगनेंसी के दौरान या डिलीवरी का समय पास आने पर ब्लीडिंग की समस्या शुरू हो जाती है। तो ऐसे केस में भी महिला को ऑपरेशन से बच्चे को जन्म देने की सलाह दी जाती है।
बच्चे के दिल की धड़कन कम होने पर
यदि गर्भ में पल रहे शिशु के दिल की धड़कन कम हो जाती है तो ऐसे केस में भी महिला की जल्द से जल्द सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दी जाती है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से महिला की सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ती है ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि महिला को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो। और महिला के सामान्य प्रसव के चांस बढ़ाने में मदद मिल सके।
Cesarean Delivery