सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी कैसे करें, प्रेगनेंसी के पूरे नौ महिला महिला उस पल का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करती है की कब उसकी नन्ही सी जान उसकी गोद में खेलेगी। और जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है वैसे वैसे महिला की उत्सुकता भी बढ़ती रहती है। और इसी के साथ अधिकतर महिलाएं यह चाहती है की उनकी डिलीवरी सामान्य तरीके से हो। और इसकी तैयारी वो प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही करने लग जाती है। यानी की प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखती है। लेकिन फिर भी कुछ मेडिकल कारणों की वजह से महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है।
और सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को अपनी देखभाल भी ज्यादा अच्छे से करनी पड़ती है। क्योंकि नोर्मल डिलीवरी के मुकाबले सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को रिकवर होने में ज्यादा समय लग सकता है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम उन महिलाओं के लिए टिप्स बताने जा रहे हैं जो सिजेरियन डिलीवरी द्वारा बच्चे को जन्म देती है। साथ ही सिजेरियन डिलीवरी क्या होती है और क्यों करवानी पड़ती है इसके बारे में भी विस्तार से जानते हैं।
क्या है सिजेरियन डिलीवरी?
सिजेरियन डिलीवरी में महिला के पेट और गर्भाशय में चीरा लगाकर शिशु को गर्भाशय से शिशु को बाहर निकाला जाता है। उसके बाद सर्जरी करके गर्भाशय और पेट पर टाँके लगा दिए जाते हैं। जो समय के साथ धीरे धीरे ठीक हो जाते हैं।
क्यों करते है सिजेरियन डिलीवरी?
कुछ महिलाएं चाहती है की उनकी सिजेरियन डिलीवरी हो लेकिन कुछ महिलाओं की प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स होने के कारण सिजेरियन डिलीवरी का सहारा लेना पड़ता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की महिला की सिजेरियन डिलीवरी कब की जाती है।
- यदि बहुत कोशिश के बाद भी महिला को प्रसव पीड़ा न हो और डिलीवरी डेट के बाद ज्यादा समय हो जाये।
- यदि प्रसव पीड़ा तो शुरू हो गई हो लेकिन किसी कारण महिला या शिशु को कोई रिस्क हो जाये तो भी सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है।
- शिशु की हलचल में कमी, असामान्य दिल की धड़कन होने पर भी डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
- गर्भाशय में शिशु की पोजीशन सही नहीं जैसे की शिशु का सिर ऊपर और पैर नीचे की तरफ हो।
- यदि महिला की पहली डिलीवरी सिजेरियन हुई है तो ऐसा हो सकता है की दूसरी डिलीवरी भी सिजेरियन हो।
- कई बार गर्भनाल गर्भाशय की ग्रीवा के रास्ते को बंद कर देती है जिसके कारण शिशु को बाहर आने में दिक्कत हो सकती है जिसके कारण डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दे सकते हैं।
- यदि शिशु गर्भनाल को अपनी गर्दन या बॉडी के किसी हिस्से पर लपेट लेता है तो भी सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है।
- गर्भ में जुड़वाँ या उससे ज्यादा शिशु होने पर भी सिजेरियन डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं।
- महिला को यौन संक्रमण रोग के होने पर भी सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद फिट होने के टिप्स
यदि आपने सिजेरियन डिलीवरी की मदद से शिशु को जन्म दिया है। तो आपको डिलीवरी के बाद बहुत सी बातों पर ध्यान देने की जरुरत होती है। ताकि महिला को जल्दी से जल्दी फिट होने में मदद मिल सके। तो आइये अब जानते हैं की ऑपरेशन से बच्चे को जन्म देने के बाद फिट होने के लिए महिला को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
दवाइयां लें
- हॉस्पिटल से घर आने के बाद डॉक्टर ने आपको जितनी भी दवाइयां दी हैं उनका सेवन समय से करें।
- किसी भी तरह से दवाइयों के सेवन में लापरवाही न करें।
- क्योंकि इन दवाइयों का सेवन करने से महिला को डिलीवरी के बाद जल्दी फिट होने में मदद मिलती है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी के लिए टांको का ध्यान रखें
- सिजेरियन डिलीवरी में पेट पर लगने वाले टांको का अच्छे से ध्यान रखें।
- टांको की साफ सफाई का ध्यान रखने के साथ टांको पर दवाई भी लगाएं।
- ताकि टांको को जल्दी ठीक में मदद मिल सके।
संक्रमण से बचें
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद संक्रमण से बचे ताकि आपको जल्दी रिकवर होने में मदद मिल सके।
- जैसे की जितनी बार बाथरूम में जाएँ उतनी बार पैड बदलें, पैड बदलने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं, घाव की साफ़ सफाई रखें, प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई रखें, आदि।
- यदि महिला इन्फेक्शन से अपना बचाव रखती है तो इससे महिला को संक्रमण से बचे रहने और जल्दी फिट होने में मदद मिल सके।
भरपूर आराम करें
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद जल्दी से जल्दी रिकवर करने के लिए जितना हो सकता है उतना आराम करें।
- क्योंकि जितना आप आराम करती हैं उतना ही जल्दी आपको शारीरिक व् मानसिक रूप से फिट होने में मदद मिलती है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी के लिए शारीरिक श्रम कम करें
- सिजेरियन डिलीवरी के एक हफ्ते बाद हो सकता है की आपको ऐसा लगे की अब आप ठीक हैं।
- लेकिन ऐसा नहीं होता है आपको कम से कम दो से तीन महीने तक अधिक शारीरिक श्रम करने से बचना चाहिए।
- जैसे की भारी सामान उठाने से बचना चाहिए, झुककर काम नहीं करना चाहिए, व्यायाम नहीं करना चाहिए, आदि।
खान पान का ध्यान रखें
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को जल्दी फिट होने के लिए अपने खान पान का ध्यान अच्छे से रखना चाहिए।
- क्योंकि बेहतर खान पान महिला के शरीर में आई कमजोरी को दूर करने के साथ महिला को जल्दी रिकवर करने में मदद करता है।
- इसके लिए महिला को हरी सब्जियों, दालों, ड्राई फ्रूट्स आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए।
- साथ ही महिला को सिजेरियन डिलीवरी की शुरुआत में चिकनाई युक्त पदार्थ जैसे की देसी घी, तेल आदि का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि इसके कारण महिला के घाव को ठीक होने में समय लग सकता है, लेकिन पंद्रह बीस दिन बाद महिला इनका सेवन कर सकती है।
- इसके अलावा तरल पदार्थों का सेवन भी महिला को भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद रिकवरी के लिए तनाव नहीं लें
- सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को ज्यादा परेशानियां हो सकती है जिसके कारण महिला तनाव में आ सकती है।
- लेकिन तनाव महिला की परेशानियों को कम करने की बजाय बढ़ा सकता है।
- ऐसे में महिला को सिजेरियन डिलीवरी के बाद जल्दी फिट होने के लिए तनाव से बचना चाहिए।
बेल्ट का इस्तेमाल करें
- डिलीवरी के बाद महिला को उतने बैठने आदि में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
- ऐसे में आपको इसके कारण कोई दिक्कत न हो इसके लिए पेट पर बाँधने वाली बेल्ट का इस्तेमाल करना चाहिए।
- इससे महिला को उठने, बैठने, लेटने में होने वाली परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान महिला को सिजेरियन डिलीवरी के बाद रखना चाहिए। यदि महिला इन बातों का ध्यान अच्छे से रखती है। तो डिलीवरी के बाद महिला को जल्दी फिट होने में मदद मिलती है।