प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए खास लम्हा होता है और उससे भी अहम होता है उसका डिलीवरी का समय, क्योंकि उस समय वो नन्हा मेहमान महिला के हाथों में आता है। लेकिन यह बहुत अहम होता है की महिला की डिलीवरी नार्मल तरीके से होती है या सिजेरियन तरीके से। वैसे देखा जाए तो नार्मल डिलीवरी की बेहतर होती है क्योंकि उसमे आपको थोड़ी देर बहुत दर्द सहन करना पड़ता है। लेकिन बाद में आपको बहुत जल्दी फिट होने में भी मदद मिलती है। लेकिन आज कल बदलता लाइफस्टाइल और दर्द से बचने के लिए महिलाएं सिजेरियन डिलीवरी करवा लेती है,और नार्मल डिलीवरी का चांस भी नहीं लेती है।
जबकि आपको यह जानकर हैरानी होगी की उस समय तो आप दर्द से बच जाती है लेकिन उसके बाद आपको पूरी तरह से फिर होने में लगभग छह महीने का समय लग जाता है। लेकिन देखा जाए तो आज भी ज्यादातर महिलाएं नार्मल डिलीवरी को ही बेहतर समझती हैं, लेकिन समस्या के कारण यदि उनका पहला बच्चा सिजेरियन डिलीवरी से होता है। तो दूसरे बच्चे को जन्म देने से पहले वो यह भी सोचती है की क्या उनका दूसरा बच्चा नार्मल डिलीवरी से हो सकता है। तो इसका जवाब हाँ होता है, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि डॉक्टर भी यह बात कहते है, और ऐसे बहुत से केस होते भी हैं।
की ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं होता है की यदि आपका पहला बच्चे सिजेरियन डिलीवरी से हुआ है तो दूसरा बच्चा भी सिजेरियन डिलीवरी से ही होगा। बल्कि यदि आप दूसरी बार प्रेग्नेंट होते है तो बहुत चांस होते है की आपका बच्चा नार्मल तरीके से हो। तो आइये अब जानते है की पहली सिजेरियन डिलीवरी के बाद दूसरे बच्चे के नार्मल होने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही आपको यदि दूसरी बार नार्मल डिलीवरी करनी होती है तो ऐसे में महिला का अपनी फिटनेस का दुगुना ध्यान रखना पड़ता है।
क्या सिजेरियन के बाद भी हो सकती है नार्मल डिलीवरी:-
जी हाँ यह बिल्कुल सच है की यदि आपका पहला शिशु सिजेरियन डिलीवरी से हुआ है तो आपका दूसरा बच्चा नार्मल डिलीवरी से हो सकता है। बस इसके लिए यह सबसे जरुरी होता है की महिला शारीरिक रूप से फिट होने के साथ मानसिक रूप से भी नार्मल डिलीवरी के लिए तैयार होनी चाहिए। साथ ही समय समय पर गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति भी सही होनी चाहिए। और यदि पूरी प्रेगनेंसी के दौरान आपकी स्थिति सही रहती है तो ऐसे में आपके पहली सिजेरियन डिलीवरी के बाद भी दूसरी बार नार्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ जाते है। और इसके लिए आप चाहे तो एक बार अपने डॉक्टर से भी विचार विमर्श कर सकते है।
सिजेरियन के बाद कब हो सकती है नार्मल डिलीवरी:-
महिला के स्वास्थ्य पर करता है निर्भर:-
यदि किसी महिला का पहले बच्चा सिजेरियन हुआ है और दूसरा बच्चा वह नार्मल तरीके से करना चाहती है। तो ऐसा संभव हो सकता है लेकिन ऐसा तभी होता है जब महिला शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट होती है और मजबूत होती है। यदि महिला फिट होती है तो ऐसा हो सकता है की उसका दूसरा बच्चा नार्मल डिलीवरी से हो।
बच्चे का वजन होना चाहिए सही:-
शिशु का विकास गर्भ में होता रहता है, ऐसे में यदि आपके बच्चे का वजन सामान्य से अधिक होता है तो बहुत कम चांस होते है की आपकी डिलीवरी नार्मल हो। लेकिन यदि आपके बच्चे का वजन गर्भ में सामान्य होता है तो बहुत चांस होते है की पहली सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपका दूसरा बच्चा नार्मल हो सकता है।
महिला को न हो इन्फेक्शन:-
सिजेरियन डिलीवरी के समय पेट में इन्फेक्शन होने के चांस बहुत ज्यादा होते है, ऐसे में यदि महिला को पेट में किसी तरह का इन्फेक्शन होता है तो नार्मल डिलीवरी के चांस कम होते है। लेकिन यदि महिला को किसी भी तरह का इन्फेक्शन नहीं होता है तो महिला के नार्मल डिलीवरी के चांस भी बढ़ जाते है।
बच्चे की गर्भ में पोजीशन भी रखती है मायने:-
जब भी आप अल्ट्रासाउंड करवाते है तो आपको बच्चे की गर्भ में क्या स्थिति है इसके बारे में पता चलता रहता है। ऐसे में बच्चे की पोजीशन यदि प्रेगनेंसी के समय सही रहती है और डिलीवरी के समय शिशु बिल्कुल सही पोजीशन में होता है तो उसके नार्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते है।
प्रेगनेंसी में न हो कोई परेशानी:-
जिन महिलाओं की उम्र ज्यादा होती है, या उन्हें गर्भधारण करने में परेशानी का सामना करना पड़ा है। तो ऐसे में भी कहीं न कहीं महिला के नार्मल डिलीवरी होने के चांस कम हो जाते है। और साथ ही ऐसे में महिला को नार्मल डिलीवरी के लिए ज्यादा रिस्क उठाना भी नहीं चाहिए, बल्कि इसके लिए अपने डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। और यदि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी कोई भी परेशानी नहीं होती है तो ऐसे में महिला के नार्मल डिलीवरी होने के चांस भी बढ़ जाते है।
तो यह है कुछ बातें जिन्हे ध्यान में रखकर आप भी पहली सिजेरियन डिलीवरी के बाद नार्मल डिलीवरी करवा सकती है। और डॉक्टर्स यह भी कहते है उसके बाद यदि आप दुबारा गर्भधारण करना चाहे तो वो भी कर सकती है, और आपको किसी तरह की कोई परेशानी भी नहीं होती है। लेकिन इसके लिए सबसे जरुरी महिला की फिटनेस के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति होती है। और आपको दूसरी बार प्रेगनेंसी होने पर डॉक्टर की राय भी जरूर लेनी चाहिए ताकि आपको अपनी शारीरिक स्थिति का अच्छे से पता चल सके।