प्रेगनेंसी के आखिरी समय में महिला को यही डर सताता है की पता नहीं उसकी डिलीवरी कैसे होगी, प्रसव का समय आ गया है इस बारे में कैसे पता चलेगा, आदि। ऐसा डर ज्यादातर पहली बार माँ बन रही महिलाओं को महसूस हो सकता है, क्योंकि दूसरी बार उन्हें प्रसव पीड़ा के संकेत के बारे में जानकारी हो जाती है। साथ ही प्रेगनेंसी के आखिरी समय में डॉक्टर से भी जांच करवाते रहना चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति और गर्भवती महिला की हालत का पता चलता रहे। इसके अलावा आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे गर्भवती महिला को अंदाजा लग सकता है की डिलीवरी का समय पास आ गया है, और उसे जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, तो आइये अब जानते हैं की प्रसव का समय पास आने के लक्षण कौन से हैं।

शिशु का भार नीचे की तरफ महसूस हो

प्रेगनेंसी के दौरान लगातार पेट का आकार बढ़ता रहता है, ऐसे में डिलीवरी का समय पास आने के दौरान कुछ महिलाओं को महसूस को सकता है, कि बच्चे का सर पेडू की हड्डी के नीचे बीच में आ गया है। साथ ही कुछ महिलाओं को ऐसा भी महसूस हो सकता है की शिशु नीचे गिरने वाला है, ऐसे में डरने की कोई बात नहीं होती है। बल्कि यह लक्षण डिलीवरी का समय नजदीक आने का संकेत होता है।

यूरिन पास करने की इच्छा अधिक होना

शिशु के नीचे की तरफ आने और पेडू पर दबाव पड़ने के कारण बार बार यूरिन पास करने की इच्छा हो सकती है। और यदि हर दस मिनट बाद ही यूरिन पास करने की इच्छा होती है तो यह भी महिला के प्रसव का समय नजदीक आ गया है इस बात की और इशारा करता है।

पीठ में दर्द

जैसे जैसे शिशु पेट से नीचे की तरफ आने लगता है वैसे वैसे मांसपेशियों में अधिक खिंचाव महसूस होने लगता है। जिसके कारण गर्भवती महिला को बहुत पेडू पर अधिक दबाव महसूस होने के साथ पीठ में भी दर्द की समस्या अधिक हो सकती है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला को यदि पीठ में भी बहुत अधिक दर्द महसूस हो तो यह भी प्रसव पीड़ा का संकेत देता है।

पेट के आकार में बदलाव

डिलीवरी का समय पास आने पर पेट के आकार में भी बदलाव महसूस होता है, यदि गर्भवती महिला को महसूस हो की पेट नीचे की तरफ झुकता जा रहा है। तो यह भी शिशु के गर्भ में प्रसव के लिए अपनी सही पोजीशन में आने का संकेत होता है। साथ ही यदि में कम फिर ज्यादा पेट में दर्द का अनुभव हो या रुक रुक कर दर्द का अहसास हो तो यह भी शिशु के जन्म होने का संकेत देता है।

प्राइवेट पार्ट से स्त्राव

शिशु गर्भ में एमनियोटिक फ्लूड में होता है, ऐसे में जब शिशु गर्भ में बाहर आने के लिए तैयार होता है तो एमनियोटिक बैग खुल जाता है और प्राइवेट पार्ट से गाढ़ा चिपचिपा स्त्राव होना शुरू हो जाता है। हो सकता है की महिला को इसमें खून के धब्बे भी दिखाई दें, ऐसे में यह स्त्राव लगातार महसूस हो तो आपको बिना देरी किये डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह इस बात का संकेत देता है की डिलीवरी का समय पास आ गया है और किसी भी समय अब शिशु हो सकता है।

शरीर के अन्य भागो में आराम महसूस होना

तीसरी तिमाही के आख्रिर समय में एक अच्छी बात यह होती है की जैसे जैसे शिशु नीचे की तरफ होता है वैसे वैसे शरीर के बाकी अंगो को आराम महसूस होता है। और यदि गर्भवती महिला को पेट पर अधिक जोर महसूस हो और बाकी अंग रिलैक्स हो तो भी यह प्रसव पीड़ा अब किसी भी समय शुरू हो सकती है इस बात की और इशारा करती है।

तो यह हैं कुछ लक्षण जो यदि गर्भवती महिला बॉडी में महसूस करती है, तो यह इस बात का संकेत देती है की अब जल्द ही नन्हा मेहमान उनकी जिंदगी में आने वाला है। साथ ही ऐसा भी हो सकता है की डिलीवरी की दी गई तारीख के बाद भी महिला को बॉडी में कोई ऐसा लक्षण महसूस न हो तो भी ज्यादा देरी न करते हुए एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।

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Delivery Symtoms in 9th Month

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