दांतों में ठंडा गर्म लगना, सेंसिटिविटी का इलाज, सेंसिटिविटी के घरेलू उपचार, सेंसिटिविटी के लिए क्या करें, दांतों में ठंडा गर्म लगने पर क्या करें, सेंसिटिविटी होने पर क्या करें और क्या नहीं, सेंसिटिविटी के घरेलू इलाज, दांतों में ठंडा गर्म लगने के घरेलू इलाज, सेंसिटिविटी को दूर करने के तरीके, दांतों में ठंडा गर्म क्यों लगता है, सेंसिटिविटी के कारण, सेंसिटिविटी का उपचार, सेंसिटिविटी कैसे ठीक करें और क्या कारण है
दांतों को हमारी खूबसूरती माना जाता है। लेकिन अगर हमारे इन्ही दांतों में कुछ परेशानी आ जाए तो कितनी समस्या होती है। इन्हीं समस्यायों में से एक है डेंटन में ठंडा गर्म लगना। जी हां, सामान्यतौर पर ये एक आम समस्या लगती है लेकिन दांतों में होने वाली इस समस्या से सभी तौबा करते है।
क्योंकि जिन लोगों के दांतों में ठंडा गर्म लगता है वे न तो ठीक तरह से खा पाते है और न ही ठीक से पी पाते है। हर गर्म या ठंडी चीज उनके दांतों में दर्द या झनझनाहट पैदा करती है। जिसका मुख्य कारण है हमारा खान पान।
दरअसल हमारे दांतों के ऊपर एक परत होती है जिसे इनेमल कहते है। उसे दांतों का सुरक्षा कवच भी कहा जा सकता है क्योंकि वे दांतों को कठोर से कठोर चीजों से बचाने का काम करता है। लेकिन लगातार जोर-जोर से टूथब्रश करने और खान पान का ध्यान न रखने की वजह से वह परत घिस जाती है। जिसके चलते हमारे दांतों में हर चीज लगने लगती है।
दांतों पर से इनेमल के हट जाने से किसी भी ठंडी या गर्म चीज का सेवन करने पर दांतों में टीस मचती है। आप चाहे तो इसे महसूस कर सकते है, अपना मुंह खोले और जोरो से साँस लें। दांतों में सेंसिटिविटी आज के समय की आम समस्या बनता जा रहा है। विशेषकर बच्चों में।
खान पान के अतिरिक्त इसका एक कारण मुंह में मौजूद बैक्टीरिया और प्लेग भी होते है। जो दांतों पर से इनेमल हटाने का काम करते है। अगर आपके दांतों में भी ठंडा गर्म लगता है तो इसके लिए नीचे बताये घरेलू उपायों का प्रयोग करके देखें।
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दांतों में ठंडा गर्म लगने के उपचार :-
1. टूथपेस्ट :
आजकल बाजार में ऐसे बहुत से ब्रांड है जो सेंसिटिव दांतों के लिए स्पेशल टूथपेस्ट बनाते है। आप उन टूथपेस्ट का इस्तेमाल कर सकते है। साधारण टूथपेस्ट की जगह इन्हीं टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। व्हाइटनर वाले टूथपेस्ट का प्रयोग करने से बचें, यह दांतों को कमजोर करता है जिससे तकलीफ बढ़ सकती है। लेकिन, टूथपेस्ट चुनते वक्त ब्रांड का ध्यान रखें।
2. सॉफ्ट ब्रश :
हमारे ब्रश का प्रकार भी दांतों की इनेमल को प्रभावित करता है। जी हां, अगर आपका टूथब्रश बहुत अधिक हार्श हुआ तो ये आपके दांतों के लिए उपयुक्त नहीं है। सेंसिटिव दांतों के लिए ही नहीं बल्कि सामान्य स्थिति में भी सॉफ्ट ब्रिसेल्स वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा ब्रश हमेशा हलके हाथों से करें। जोर जोर से करने से नुक्सान आपका ही होगा।
3. फ्लोराइड माउथवाश और टूथपेस्ट :
फ्लोराइड दांतों की सड़न को दूर करने और टूथ इनेमल को डैमेज होने से बचाता है। और सेंसिटिव दांतों के lie यह बहुत जरुरी है। इसके लिए आप ऐसे माउथवाश और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें जिसमे फ्लोराइड सम्मिलित हो। ये आपके दांतों को अधिक कमजोर होने से बचाएगा।
4. सफाई :
दांतों में किसी भी प्रकार की समस्या होने का मुख्य कारण साफ़ सफाई का ध्यान नहीं रखना होता है। अगर आपको लगता है की समस्या सफाई न रखने के कारण हुई है। तो अभी से सतर्क हो जाए। रोजाना दिन में दो बार ब्रश करें और रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें। साथ ही दिन में एक बार फ्लॉस भी करें। ये आपके दांतों की उम्र बढ़ने में मदद करेगा।
5. विटामिन की व् खट्टी चीजों का सेवन :
अगर आपके दांतों में पिछले काफी समय से सेंसिटिविटी है तो कोशिश करें की बहुत अधिक गर्म व् बहुत अधिक ठंडी चीजों का सेवन नहीं करें। बहुत अधिक चीनी वाले या मीठे पदार्थों का सेवन करने से बचें। क्योंकि इस तरह की चीजें दांतों में बहुत जोरो से लगती है। साथ ही खट्टी चीजों को खाने से भी बचें। इनमे मौजूद विटामिन की दांतों की इनेमल को नुकसान पहुंचाता है।
6. एसिडिक खाद्य पदार्थ और पेय :
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खट्टे फलों का रस, बहुत ठंडा पानी, रेड वाइन, कोल्ड ड्रिंक्स, सिरका, चाय, आइस क्रीम, और खट्टे फल जैसे टमाटर, सलाद की ड्रेसिंग और अचार आदि का सेवन तुरंत बंद कर दें। क्योंकि ये सभी खाद्य पदार्थ और पेय आपके दांतों को नुकसान पहुंचा सकते है। इनका खट्टा पान और इनका एसिडिक नेचर आपके दांतों की इनेमल को नुकसान पहुंचाता है। इसीलिए इन सभी खान पान से बचें।
7. नमक और पानी :
दांतों से जुडी समस्या के लिए इस उपचार का सदियों से प्रयोग किया जाता आ रहा है। सेंसिटिविटी के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते है। प्रयोग के लिए हलके गर्म पानी में 2 चम्मच नामक मिलाएं। अब इस घोल से सुबह और शाम को सोने जाने से पूर्व कुल्ला करें। यह एक तरह का आयुर्वेदिक उपचार है जिसके कोई दुष्परिणाम नहीं है।
8. सरसों तेल और सेंधा नमक :
इसका प्रयोग भी हमारे पूर्वज किया करते है। आज भी गावों में दांतों की समस्या के लिए इस उपाय का प्रयोग किया जाता है। प्रयोग के लिए 1 चम्मच सरसों के तेल में 1 छोटा चम्मच सेंधा नमक । अब इस मिश्रण से अपने दांतों और मसूड़ों को हलके हलके रगड़ें। 5 मिनट की मसाज के बाद कुल्ला करके मुंह साफ़ कर लें।
9. काले तिल :
दिन में दो बार एक-एक चम्मच काले तिल को चबाने से भी सेंसिटिविटी खत्म हो जाती है। सेंसिटिविटी दूर करने का यह तरीका भी काफी प्रभावी है।
10. खाने के बाद कुल्ला :
हमेशा खाना खाने के 20 मिनट बाद कुल्ला कर लें। क्योंकि अगर आप तुरंत कुल्ला करते है तो खाने में मौजूद पार्टिकल्स मुंह से बाहर निकल जाएंगे और दांतों को पोषण नहीं दे पाएंगे जिससे वे कमजोर होने लगेंगे। इसीलिए खाना खाने के 20 मिनट बाद ही कुल्ला करें।