Dature Ke Fayde
धतूरे के फायदे, Benefits of Dhatura, धतूरे के फुल, पत्ते, रस और जड़ के औषधीय गुण, आयुर्वेद में धतूरे और उसके फुल पत्तों के फायदे, धतूरे के पत्तों के लाभ
हमारे आस-पास ऐसे बहुत से फल और पेड़ मौजूद है जिनका धर्मिक महत्व तो है ही साथ-साथ वे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होते है। धतूरा भी उन्ही फलों में से एक है जिसे हिन्दू धर्म के देवता महादेव पर चढ़ाया जाता है। यह एक सामान्य जंगली पौधा है जो कहीं भी अपने आप ही उग जाता है। इस पौधे के फल को भगवान शिव पर भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। क्योंकि शिव जी को धतूरा बेहद प्रिय है।
लेकिन क्या आप जानते है की यह पूजनीय होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होता है। इसका प्रयोग बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इसे विष वर्ग में रखा गया है। अगर इसकी बहुत कम मात्रा का इस्तेमाल किया जाए तो यह शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है।
धतूरे के पत्तों के अर्क को यदि कान में डाला जाए तो आंख दुखना बंद हो जाती है। केवल इसका फल ही नहीं अपितु उसकी जड़, फूल और पत्तों में भी बेहद लाभकारी औषधिये गुण पाए जाते है। पैरों में सूजन होने पर इसके पत्तों का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है। साँस के रोगों और जोड़ों के दर्द में भी यह काफी अच्छा होता है। परन्तु सभी को इसके गुणों के बारे में इतना सब पता नहीं होता। इसीलिए आज हम आपको धतूरे के फायदों के बारे में बताने जा रहे है। जिन्हे जानकर आप भी इस औषधि का निर्देशानुसार प्रयोग कर पाएंगे।
धतूरे के फायदे :-
1. जुएं खत्म करें :
प्रयोग के लिए आधा लीटर सरसों के तेल में 250 ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर और इतनी ही मात्रा में पत्तियों का कल्क बनाकर धीमी आंच पर पका लें। और जब केवल तेल बचे तो इसे बोतल में भरकर रख दें। अब इस तेल का इस्तेमाल अपने बालों में सिर धोने से कुछ घंटे पूर्व करें। जुएं समाप्त हो जाएंगी।
2. सूजन :
अगर शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो जाए तो धतूरे के पत्तों को हल्का गुनगना करके सूजन वाले स्थान पर बांध लें। इसके अतिरिक्त आप अन्य उपाय का भी प्रयोग कर सकते है। इसके लिए इसके फल, फूल, पत्ते, त्वक, कांड यानि पंचांग का रस निकालकर तिल के तेल में पका लें। जब केवल तेल बचें तो इसे अलग रख लें। और इसका इस्तेमाल जोड़ों में करें और पत्तों को बांध लें।
3. गठिया :
धतूरा गठिया रोग में भी बेहद लाभकारी होता है। दर्द होने पर धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लें। जब तेल रह जाए तो इस तेल से मालिश करें। जोड़ों और दर्द वाले हिस्सों पर अच्छे से मालिश करने के बाद उसपर धतूरे का पत्ता बांध लें। गठिया की समस्या ठीक हो जाएगी।
4. यौन :
धतूरे के बीज को अकरकरा और लौंग के साथ मिलाकर छोटी-छोटी गोलिया बना लें। यह S*x पॉवर को बढाने का काम करते है। धतूरे के बीजों के तेल की मालिश पैरों के तलवे पर करने से यह उत्तेजक का काम करता है। धतूरे, कपूर, शहद और पारे को बराबर मात्रा में मिलाकर बारीक पीस लें इस लेप को जननांग पर लगाने से संभोग शक्ति तेज होती है।
5. स्वप्नदोष :
धतूरे के फल को बीच से काटकर उसमे लौंग रखें और फिर मिटटी के बर्तन में भुने। जब वह अच्छी तरह भून जाए तो उसे पीसकर उसकी उड़द के बराबर की गोलिया बना लें और रोजाना दो बार इनका सेवन करें। इससे बुखार और मन के रोग दूर होते है साथ साथ स्वप्नदोष की समस्या भी ठीक होती है।
6. कान में दर्द :
250 ग्राम सरसों के तेल, 60 मिली गंधक और 500 ग्राम धतूरे के पत्तों का रस निकालकर इन्हे धीमी आंच पर पकाएं। जब केवल तेल बचे तो एक या दो बून्द कान में डालें। कान दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
7. घाव :
धतूरे के पत्तों का कल्क बनाकर संक्रमित घावों पर लगाने और उसकी पट्टी बांधने से घाव जल्दी भर जाता है।
8. गर्भधारण :
धतूरे के फलों की चरण की 2.5 मात्रा को आधा चम्मच गाय के घी और शहद के साथ चाटने से स्त्रियों को गर्भधारण में मदद मिलती है।
9. मिर्गी एवं दमा :
धतूरे की जड़ को सूंघने से मिर्गी शांत हो जाती है। धतूरे के पत्तों का धुंआ दमा शांत करता है।
10. सावधानियां :
माना धतूरे में बहुत से लाभकारी औषधिये गुण पाए जाते है लेकिन यह बात भी सच है की यह एक विष है और इसका अधिक सेवन करना आपके लिए मुसीबत की वजह बन सकता है। अधिक मात्रा का सेवन करने से होने वाले रोगों की लिस्ट में निम्न बीमारियां शामिल है – सिरदर्द, पागलपन और बेहोशी, आंखे व् चेहरा लाल होना, शरीर का तापमान बढ़ने आदि की समस्या हो सकती है।
11. बालों के लिए
बाल झड़ने की समस्या होने पर धतूरा आपके लिए बहुत फायेमंद हो सकता है। इसके लिए धतूरे के रस को सिर पर मलने से बाल उगते है। लेकिन उपाय का प्रयोग कुछ हफ़्तों तक लगातार करना चाहिए। धतूरे के पत्तों का रस सिर पर लगाने से गंजापन दूर होता है। साथ ही सिर की जुएं भी मर जाती है।