डिलीवरी की तारीख
प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने एक एक दिन और एक एक पल महिला उस लम्हे का इंतज़ार करती है की कब उसका शिशु इस दुनिया में आएगा। और उस दिन का अनुमान लगाने के लिए डिलीवरी की डेट कैलकुलेट की जाती है, यह तिथि आपको डॉक्टर्स द्वारा अल्ट्रासॉउन्ड स्कैन या माहवारी की आखिरी तारीख के हिसाब से बताई जाती है। और ऐसा भी कोई जरुरी नहीं होता है की जो तारीख आपको डॉक्टर्स ने बताई है उस दिन ही शिशु जन्म लें। बल्कि डिलीवरी डेट इसीलिए बताई जाती है, ताकि महिला डिलीवरी के लिए तैयार रहें। क्योंकि डॉक्टर्स द्वारा दी गई डिलीवरी की तिथि से एक हफ्ता पहले या एक हफ्ते बाद या फिर उस समय के आस पास किसी भी समय डिलीवरी हो सकती है। इसके अलावा कुछ ऐसे केस होते हैं जिनमे प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स होती है उन केस में डॉक्टर अपने हिसाब से महिला को सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दे सकते हैं।
डिलीवरी डेट कैलकुलेट करने का तरीका
क्या आप माँ बनने वाली है? यदि हाँ तो आप अपने आप भी घर में बैठे डिलीवरी कब होगी इसका अंदाज़ा लगा सकती है। क्योंकि महिला घर पर बैठे बैठे आसानी से डिलीवरी डेट कैलकुलेट कर सकती है। और इसके लिए सबसे पहले महिला को प्रेगनेंसी से पहले आखिरी माहवारी किस दिन हुई थी उस तारीख का पता होना चाहिए। फिर उस तारीख से लेकर चालीस हफ्ते (280 days) बाद जो तारीख आती है वह महिला की डिलीवरी डेट होती है। लेकिन इसके सही परिणाम के लिए महिला को अपने मासिक धर्म की आखिरी तारीख का सही पता होना चाहिए। ज्यादातर शिशु प्रेगनेंसी के अड़तीस हफ्ते यानी की 266 दिन से लेकर चालीस हफ्ते यानी 280 दिन के बीच जन्म ले सकते हैं।
और ऐसा भी कोई जरुरी नहीं होता है की जो तिथि आपने कैलकुलेट करके निकाली है उसी दिन बेबी हो बल्कि वह एक अंदाज़ा लगाई हुई डेट होती है जिसके आस पास बेबी कभी भी हो सकता है। यदि शिशु की डिलीवरी पूरे समय पर होती है तो शिशु का जन्म होने से शिशु के स्वस्थ होने चांस ज्यादा होते हैं। इसके अलावा डॉक्टर्स द्वारा अल्ट्रासॉउन्ड के दौरान भी डिलीवरी डेट का अंदाजा लगाया जाता है, ऐसे में इसके लिए आपको डॉक्टर भी बता सकते हैं। और कुछ केस में शिशु का जन्म 37 हफ्ते से पहले ही हो जाता है ऐसी डिलीवरी को प्रीमेच्योर डिलीवरी कहा जाता है, ऐसी डिलीवरी शिशु के वजन में कमी, शिशु को संक्रमण आदि की समस्या होने का खतरा अधिक होता है।
तो यदि आप भी चाहे तो घर पर आसानी से अपनी डिलीवरी डेट को कैलकुलेट कर सकती है। यह केवल अंदाज़े के लिए ही होता है, इसीलिए ऐसा बिल्कुल न सोचें की उसी दिन आपकी डिलीवरी होगी। लेकिन इसे कैलकुलेट जरूर करें ताकि आपको डिलीवरी के डेट का अंदाजा लग सके और आप डिलीवरी के लिए पूरी तरह तैयार रहे। और जैसे ही आपकी बॉडी में आपको प्रसव पीड़ा के लक्षण दिखाई दें तो आप तुरंत डॉक्टर के पास पहुँच जाये।