डिलीवरी डेट कैसे कैलकुलेट करें, प्रसव की तारीख ऐसे पता करें, डिलीवरी डेट घर पर ऐसे पता करें, कैसे करते हैं डिलीवरी डेट कैलकुलेट
यदि किसी शिशु के जन्म की बात की जाये तो हमेशा यही कहा जाता है की शिशु माँ गर्भ में नौ महीने रहने के बाद जन्म लेता हैं जो की गकत है, क्योंकि एक स्वस्थ शिशु कम से कम 38 से चालीस हफ्ते तक माँ के गर्भ में रहता है, जिसके कारण पूरे नौ महीने कहना गलत होगा। कई बचे ऐसे भी होते हैं जो समय से पहले जन्म ले लेते हैं, तो कुछ नौ महीने पूरे होने के बाद जन्म लेते हैं। साथ ही ऐसा भी नहीं होता है की महिला और पुरुष ने एक बार सम्बन्ध बनाया और महिला गर्भवती हो गई, बल्कि कई बार सम्बन्ध बनाने के बाद महिला का गर्भ ठहरता है।
ऐसे में किस दिन सम्बन्ध बनाने के बाद महिला गर्भवती हुई है इसका पता करना डॉक्टर्स के लिए भी मुश्किल होता है। क्योंकि जिस दिन महिला और पुरुष के बीच सम्बन्ध बनने के बाद महिला शुक्राणु आपस में मिले होंगे उस दिन निषेचन होने के कारण महिला का गर्भ ठहरता है। ऐसे में महिला के प्रसव डेट का पता करने के लिए महिला के लास्ट पीरियड्स की डेट के अनुसार उसका पता किया जाता है, आप घर पर भी आसानी से अपनी डिलीवरी डेट का पता कर सकते हैं। तो आइये आज हम आपको डिलीवरी डेट का पता करते हैं इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
ऐसे करें डिलीवरी डेट कैलकुलेट
डिलीवरी डेट कैलकुलेट करने के लिए आप अपने लास्ट पीरियड के पहले दिन की तारीख याद रखनी होती है। उसके बाद उसमे नौ महीने जोड़ दें, और फिर जो तारीख आएगी उसमे सात दिन और जोड़ दें, जैसे की आपको लास्ट पीरियड 15 जनवरी को आया था तो 15 अक्टूबर में साथ दिन जोड़कर यह डेट 22 अक्टूबर हो जाएगी। ऐसे आप घर पर आसानी से डेट कैलकुलेट कर सकते है, लेकिन कई बार अल्ट्रासॉउन्ड में शिशु की ग्रोथ को देखकर डिलीवरी डेट डॉक्टर बदल देते हैं, क्योंकि शिशु की ग्रोथ से उन्हें यह पता चलता है की शायद निषेचन की क्रिया महीने की शुरुआत में नहीं थोड़ा लेट हुई है, इसका अंदाजा केवल डॉक्टर ही लगा पाते हैं।
तो यह हैं वो आसान तरीका जिससे आप घर पर बैठे आसानी से अपने शिशु के जन्म की डेट का पता कर सकते है, लेकिन ऐसा जरुरी नहीं होता है की शिशु उसी दिन जन्म लें क्योंकि यह महिला के शरीर पर और गर्भ में शिशु की पोजीशन पर निर्भर करता है, ऐसे में हो सकता है शिशु थोड़ा पहले या बाद में जन्म ले ले।