डिलीवरी का समय जैसे -जैसे पास आता है वैसे -वैसे प्रेग्नेंट महिला के मन में घबराहट हो सकती है, खासकर जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उन्हें ज्यादा डर महसूस हो सकता है। लेकिन डिलीवरी से पहले महिला का अधिक घबराना या तनाव लेना महिला की मुश्किलों को बढ़ा सकता है। ऐसे में महिला को डिलीवरी का समय पास आने पर केवल यह सोचना चाहिए की किस तरह प्रसव को आसान बनाया जा सकता है। साथ ही डिलीवरी से पहले महिला को कौन से जरुरी काम कर लेने चाहिए। ताकि डिलीवरी के दौरान महिला को किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
डिलीवरी डेट से पहले प्रेग्नेंट महिला करे यह काम
डिलीवरी डेट आने से पहले महिला को अपना ख्याल ज्यादा अच्छे से रखना चाहिए ताकि महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके, साथ ही महिला कुछ ऐसे काम जरूर करने चाहिए जिससे डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिल सके और डिलीवरी के दौरान आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
पानी भरपूर पीएं
प्रेगनेंसी में पानी का भरपूर सेवन करने से न केवल गर्भवती महिला को फायदा मिलता है बल्कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु को भी स्वस्थ रहने में मदद मदद मिलती है। ऐसे में दिन में आठ से दस गिलास पानी का सेवन गर्भवती महिला को जरूर करना चाहिए। लेकिन जैसे ही महिला की डिलीवरी का समय पास आता है तो महिला को दिन में कम से कम बारह गिलास पानी का सेवन शुरू कर देना चाहिए। क्योंकि गर्भ में शिशु जिस थैली में रहता है उसमे एमनियोटिक फ्लूड मौजूद होता है। जिससे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने के साथ शिशु को ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है। और यदि महिला पानी का भरपूर सेवन करती है है इससे एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को पर्याप्त बनाये रखने में मदद मिलती है। जिससे गर्भ में शिशु स्वस्थ रहता है।
कुछ गलत न खाएं
प्रेग्नेंट महिला को डिलीवरी का समय पास आने पर ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जो की पोषक तत्वों से भरपूर हो। जिससे गर्भवती महिला को कमजोरी या खून की कमी जैसी परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही महिला को ऐसी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए जिससे महिला की पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़े, और महिला को दस्त, उल्टी, सीने में जलन, गैस जैसी परेशानी का सामना करना पड़े।
सभी रिपोर्ट्स
गर्भावस्था के पहले दिन से लेकर जो भी आपने टेस्ट करवाएं हैं, जो भी जांच करवाई है, अल्ट्रासॉउन्ड स्कैन करवाया है, जो भी दवाइयां खाने की आपको सलाह दी गई हैं, उन सभी रिपोर्ट्स को इक्कठा कर लें। क्योंकि हो सकता है की डिलीवरी से पहले डॉक्टर आपकी इन रिपोर्ट्स को मांगे, ऐसे में आपको इसके कारण किसी तरह की दिक़्कत न हो इसके लिए आपके पास आपकी सभी रिपोर्ट्स मौजूद होनी चाहिए।
हॉस्पिटल बैग
जो आपको डिलीवरी डेट दी गई है उसी दिन आपकी डिलीवरी हो ऐसा होना जरुरी नहीं होता है, बल्कि उससे आगे पीछे भी आपकी डिलीवरी हो सकती है। ऐसे में आपको डिलीवरी का समय पास आने से पहले ही अपने डिलीवरी बैग को तैयार कर लेना चाहिए, जिसमे वो सभी सामान मौजूद होना चाहिए जिसकी जरुरत आपको डिलीवरी के बाद पड़ सकती है। जैसे की महिला को एक छोटा ब्लैंकेट, दो या तीन नाइटी, सेनेटरी पैड, अंडरवियर, शिशु के कपडे, तौलिया, कुछ कैश, अपना आइडेंटिटी प्रूफ, कोई बीमा हो उसके कागज़ आदि सभी याद करके रख लेने चाहिए। ताकि जैसे ही आपको लगे की डिलीवरी अब होने वाली है तो आप अपना बैग उठायें और डॉक्टर के पास जाएँ।
अपने शरीर के बदलाव का ध्यान रखें
ऐसा बिल्कुल नहीं होता है की आपकी डिलीवरी एक ही दम हो जाती है, बल्कि डिलीवरी होने से पहले बॉडी में कुछ लक्षण महसूस होते है, कुछ बदलाव नज़र आते हैं, जिन्हे देखकर आप जान सकते हैं की अब डिलीवरी होने वाली है। जैसे की एमनियोटिक फ्लूड निकलना, खून के दाग लगना, पेट में दर्द अधिक होना, पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होना, बार बार वाशरूम जाने की इच्छा होना, गर्भ में शिशु की मूवमेंट का अधिक होना, आदि। ऐसे में आपको प्रसव के इन बदलाव की जानकारी रखनी चाहिए जिससे आपको डिलीवरी का समय पास आ गया है इसके बारे में आसानी से जानने में मदद मिल सके।
प्रसव का दर्द न होने पर
यदि डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद भी आपको बॉडी में कोई भी प्रसव का लक्षण महसूस न हो तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। क्योंकि कुछ केस में ऐसा हो जाता है, ऐसे में डॉक्टर महिला को आर्टिफिशल दर्द देकर या सिजेरियन डिलीवरी से शिशु को जन्म दिलवाने की कोशिश करते हैं। क्योंकि ज्यादा समय होने पर गर्भ में शिशु को रिस्क हो सकता है ऐसे में डिलीवरी डेट आने पर महिला को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।
तो यह हैं कुछ काम जो गर्भवती महिला को डिलीवरी डेट से पहले करने चाहिए इससे महिला को प्रसव के दौरान आने वाली परेशानी से बचने के साथ प्रसव को आसान बनाने में भी मदद मिलती है। साथ ही महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वो डिलीवरी का समय पास आने पर डॉक्टर के संपर्क में रहे ताकि कोई भी दिक्कत होने पर महिला को जल्द से जल्द इलाज मिल सके।