शिशु के जन्म के बाद महिला के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं, ऐसे में महिला अपनी बॉडी शेप, शिशु की केयर आदि को लेकर परेशान हो सकती है। इसके अलावा पीरियड्स को लेकर भी महिला के मन में तरह तरह के प्रश्न आते हैं। क्योंकि प्रसव के बाद महिला को दो से तीन हफ्ते तक ब्लीडिंग होती है। ऐसे में उसके बाद मासिक धर्म कब आएगा, समय से पहले आएगा, समय के बाद आएगा, क्या पीरियड्स न आने का मतलब महिला का प्रेग्नेंट होना तो नहीं है, इस बारे में महिला सोचती रहती है। तो लीजिये आज हम आपको डिलीवरी के बाद पीरियड्स से जुड़े कुछ सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।
डिलीवरी के बाद कब आता है पीरियड
डिलीवरी के बाद महिला को पीरियड आना और शिशु को स्तनपान करवाना दोनों में सम्बन्ध होता है। क्योंकि महिला शिशु को स्तनपान करवा रही है, कम करवा रही है या ज्यादा करवा रही है, या नहीं करवा रही है, इससे ही पीरियड्स का पता चलता है। क्योंकि यदि महिला शिशु को स्तनपान नहीं करवाती है या बहुत कम करवाती है तो डिलीवरी के बाद जब ब्लीडिंग खत्म होती है उससे चार या छह हफ्तों के बीच ही महिला को पीरियड्स आ सकते हैं।
लेकिन यदि महिला शिशु को बेहतर तरीके से स्तनपान करवाती है तो पीरियड्स को आने में छह महीने तक का समय लग सकता हैं, या हो सकता है इससे पहले भी आ जाए। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि प्रोलैक्टिन हॉर्मोन जो की दुग्ध उत्पादन के लिए जिम्मेवार होता है वो ओवुलेशन को रोक देता है। ऐसे में आप यह कह सकते हैं की जो महिलाएं शिशु को स्तनपान करवाती है उन्हें डिलीवरी के बाद पीरियड आने में समय लगता है।
प्रसव के बाद पीरियड्स में बदलाव आता है या नहीं
यह हर महिला के बॉडी में होने वाले बदलाव पर निर्भर करता है क्योंकि हो सकता है की आपके पीरियड में बदलाव आये यानी की रक्तस्त्राव ज्यादा या कम हो या फिर पीरियड्स दो तीन दिन आगे पीछे हो जाये, दर्द व् ऐंठन कम या अधिक हो आदि। और ऐसा भी हो सकता है की आपको पहले जैसे आये और किसी भी तरह का परिवर्तन न हो। प्रसव के बाद गर्भाशय के आकार में भी बदलाव आता है इसके कारण हो सकता है आपको थोड़ा बदलाव लगे, उसके बाद जैसे जैसे गर्भाशय अपने सही आकार में आता है वैसे वैसे पीरियड्स भी नियमित होने लगते है।
क्या प्रसव के बाद पीरियड आने से पहले महिला गर्भवती हो सकती है
जी हाँ, ऐसा बिल्कुल हो सकता है यदि आप प्रसव के बाद ब्लीडिंग के खत्म होने पर सम्बन्ध बनाते हैं तो इस दौरान भी आप गर्भवती हो सकती है। क्योंकि उस दौरान भी ओवुलेशन पीरियड होता है और प्रजनन क्षमता भी अधिक होती है, ऐसे में महिला को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन साथ ही गर्भनिरोधक गोलियों आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से शिशु के दूध उत्पादन में कमी आ सकती है। क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियों में एस्ट्रोजन का स्तर अधिक होता है।
तो यह हैं डिलीवरी के बाद पीरियड्स से जुडी बातें, ऐसे में यदि आपको पीरियड्स न आए, पीरियड्स बहुत ज्यादा आए, दर्द का अनुभव या या कोई भी असहज लक्षण महसूस हो तो एक बार डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।