जब आप प्रेग्नेंट होती है तो आपको अधिकतर लोग यही कहते हैं की डिलीवरी के होते ही सब कुछ ठीक हो जायेगा। लेकिन सच तो यह होता है की ऐसा कुछ नहीं होता है। बल्कि डिलीवरी के बाद भी महिला को बहुत सी परेशानियां होती है साथ ही महिला का शरीर भी बहुत कमजोर हो जाता है। और उन परेशानियों से महिला को तभी निजात मिलता है जब डिलीवरी के बाद महिला भरपूर आराम करती है, अच्छे से अपने खान पान का ध्यान रखती है, आदि। लेकिन डिलीवरी के बाद के जो चौबीस घंटे होते हैं उस दौरान महिला के साथ बहुत कुछ होता है महिला को शरीर में बहुत से बदलाव महसूस होते हैं, परेशानियां होती है आदि। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की डिलीवरी के चौबीस घंटे बाद में महिला के साथ क्या-क्या होता है।
महिला का शरीर होता है सुन्न
डिलीवरी के दौरान महिला को बहुत से इंजेक्शंस लगाए जाते हैं खासकर सिजेरियन डिलीवरी महिलाओं का तो ब्रेस्ट से नीचे का हिस्सा बिल्कुल सुन्न कर दिया जाता है। जिसकी वजह से महिला का शरीर बहुत सुन्न हो जाता है। और शरीर के सुन्न होने के कारण महिला को महसूस होता है जैसे महिला के शरीर में जान ही नहीं है।
ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है
यह तो आप जानते ही हैं की प्रेगनेंसी के नौ महीने तक महिला को ब्लीडिंग नहीं होती है लेकिन बच्चे के जन्म के बाद महिला को शुरुआत चौबीस घंटे में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या होती है।
पेट में दर्द
ब्लीडिंग होने के कारण, पेल्विक एरिया और पेट की मांसपेशियों में आये ढीलेपन के कारण डिलीवरी के बाद महिला को पेट में दर्द महसूस हो सकता है। यदि आपको दर्द ज्यादा हो रहा हो तो आपको डॉक्टर को बोलना चाहिए।
कमजोरी
डिलीवरी के कम से कम चौबीस घंटे तक महिला को ऐसा महसूस होता है जैसे की उसके शरीर में बिल्कुल जान नहीं है। और महिला कुछ भी नहीं कर सकती है और महिला बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करती है।
स्तनों से रिसाव
बच्चे के जन्म के बाद स्तन दूध से भर जाते हैं जिसकी वजह से डिलीवरी के बाद महिला चाहे बच्चे को दूध पिला रही हो या नहीं पिला रही हो लेकिन थोड़ा थोड़ा दूध स्तन में से रिसता रहता है। कुछ महिलाओं के तो कपडे भी गीले होने लगते हैं।
उल्टी की समस्या
कुछ महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी उल्टी की समस्या होती है जिसके कारण महिला जब उल्टी करने के लिए जोर लगाती है तो इस कारण महिला के शरीर में भी दर्द महसूस होती है।
उठने बैठने में दिक्कत
डिलीवरी के तुरंत बाद वैसे तो महिला को इतनी हिम्मत ही नहीं होती है की वो अपने आप उठ जाये या बैठ जाए, जिसके कारण महिला को परेशानी होती है। ऐसे में इस दौरान महिला को किसी न किसी की मदद की जरुरत होती है। वैसे डॉक्टर्स भी आपको उठने या बैठने की सलाह नहीं देते हैं लेकिन बच्चे को फीड करवाने के लिए आपको बैठना पड़ता है।
यूरिन करने में दिक्कत
यदि आपकी डिलीवरी सिजेरियन हुई है तो आपको यूरिन पास करने जाने ही नहीं दिया जाता है और डॉक्टर द्वारा आपको पाइप लगाई जाती है। लेकिन नोर्मल डिलीवरी के बाद महिला के साथ ऐसा नहीं होता है और उसे अपने आप ही यूरिन पास करना होता है। और डिलीवरी के बाद यूरिन पास करने में महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही यदि आपको यूरिन पास करने में ज्यादा दिक्कत जैसे की जलन या दर्द महसूस हो रहा हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
कपकपी
कुछ महिलाओं को डिलीवरी के तुरंत बाद कपकपी भी महसूस होती है, लेकिन दरें नहीं यह बिल्कुल सामान्य बात होती है। थोड़ी देर आराम करने के बाद महिला बिल्कुल रिलैक्स महसूस करती है।
दवाइयां और इंजेक्शंस
डिलीवरी के पहले चौबीस घंटे के अंदर महिला को कुछ दवाइयां दी जा सकती है इंजेक्शंस लगाएं जाते हैं जो महिला को जल्दी रिकवर होने में मदद करते हैं।
डिलीवरी के बाद शिशु के साथ क्या -क्या होता है?
बच्चे का जन्म होने के बाद शिशु को नर्स या डॉक्टर पहले रुलाने की कोशिश करते है। उसके बाद शिशु को साफ़ किया जाता है। उसके बाद शिशु का वजन, सिर का नाप, हियरिंग टेस्ट (सुनने की क्षमता का टेस्ट) आदि किया जाता है। यदि सब कुछ ठीक होता है तो शिशु को आपको दे दिया जाता है। इसके अलावा शिशु को शुरूआती इंजेक्शंस भी दिए जाते हैं साथ हो डॉक्टर्स अड़तालीस घंटे तक बच्चे पर नज़र रखते हैं की बच्चा स्वस्थ है या नहीं।
तो यह हैं कुछ दिक्कतें जो डिलीवरी के चौबीस घंटे बाद तक महिला को होती है, उसके बाद धीरे धीरे महिला को थोड़ा आराम मसहूस होता है। लेकिन अच्छे से फिट होने के लिए डिलीवरी के बाद महिला को कम से कम एक से डेढ़ महीने तक अच्छे से आराम करना चाहिए।