प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने महिला अलग अलग परेशानियों का सामना कर सकती है क्योंकि इस दौरान महिला के गर्भ में एक नन्ही जान पल रही होती है, शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं, शारीरिक रूप से बदलाव हो रहे होते हैं, ऐसे में थोड़ी बहुत परेशानी होना बहुत आम बात होती है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला अपना अच्छे से ध्यान रखती है तो इससे गर्भवती महिला को फिट रहने और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
साथ ही अच्छे से केयर करने की वजह से महिला की परेशानियों को भी कुछ हद तक कम किया जा सकता है। और यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपना अच्छे से ध्यान रखती है तो इससे प्रेगनेंसी को आसान बनाने के साथ महिला के प्रसव को आसान बनाने में भी मदद मिलती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षण बताने जा रहे हैं जो यह बताते हैं की आपकी डिलीवरी में परेशानियां कम होंगी या बिल्कुल नहीं होंगी।
प्रसव के लक्षण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के लिए सबसे ज्यादा जरुरी होता है की महिला प्रेगनेंसी व् प्रसव से जुडी साड़ी जानकारी इक्कठी करें। क्योंकि जितना ज्यादा जानकारी होती है उतना ही ज्यादा प्रेगनेंसी व् प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है। तो आइये अब महिला को प्रसव अब होने वाला है उसके क्या लक्षण होते हैं उसके बारे में जानते हैं।
- गर्भ में शिशु एमनियोटिक फ्लूड में होता है ऐसे में जब महिला को प्रसव होने वाला होता है तो महिला के प्राइवेट पार्ट से यह फ्लूड निकलने लगता है जिसे की पानी की थैली का फटना कहा जाता है। यदि ऐसा होता है तो इसका मतलब होता है की महिला की डिलीवरी होने वाली है।
- महिला को पेट के निचले हिस्से या कमर में बहुत तेजी से दर्द महसूस होना।
- बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होना और यूरिन कण्ट्रोल नहीं होना।
- हल्के खून के धब्बे महसूस होना।
- बच्चे का भार नीचे की तरफ ज्यादा महसूस होना और ऐसा लगना की शायद अभी बच्चा गिर जायेगा।
- पेट के ऊपर के हिस्से में खालीपन महसूस होना और महिला को सांस लेने ज्यादा दिक्कत नहीं होना।
- गर्भ में शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन में आना।
महिला की डिलीवरी आसानी से होगी इसके क्या लक्षण होते हैं?
प्रेग्नेंट महिला जैसे तैसे प्रेगनेंसी का समय निकाल लेती है लेकिन जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है वैसे वैसे महिला के मन में डर बढ़ने लगता है। लेकिन इस डर का कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि महिला जितना अपने आप को शांत रखती है उतना ही महिला को फायदा मिलता है। साथ ही ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है की हर महिला को डिलीवरी के दौरान बहुत परेशानी होती है बल्कि कुछ महिलाएं बहुत कम परेशानी के ही बच्चे को जन्म दे देती है। और महिला की डिलीवरी आसान होगी इसके कुछ लक्षण महिला अपने शरीर में महसूस कर सकती है। जैसे की:
आयरन की कमी नहीं होना
बिना कॉम्प्लीकेशन्स के डिलीवरी हो जाये इसके लिए बहुत जरुरी होता है की महिला के शरीर में खून की कमी नहीं हो। ऐसे में जिन महिलाओं के शरीर में खून की कमी बिल्कुल नहीं होती है और प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन भरपूर रहता है। उन महिलाओं को डिलीवरी के समय ज्यादा दिक्कत नहीं होती है।
एक्टिव रहना
कुछ गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा सुस्त रहती हैं जिसकी वजह से कई बार महिला को लेबर पेन तो शुरू हो जाता है लेकिन बच्चेदानी का मुँह नहीं खुलता है। ऐसे में महिला को बहुत ज्यादा परेशानी होती है लेकिन यदि महिला एक्टिव रहती है तो इससे बच्चेदानी के मुँह को आसानी से खुलने में मदद मिलती है जिससे डिलीवरी आसानी से हो जाती है। (एक्टिव रहने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है की महिला उछल कूद करें)
बच्चे का जन्म लेने की सही पोजीशन में आना
यदि गर्भ में पल रहा शिशु डिलीवरी के टाइम तक अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आ जाता है तो इसका यह मतलब होता है की महिला की डिलीवरी आसानी से हो जाएगी।
ब्लीडिंग होना
यदि महिला को डिलीवरी का समय पास आने पर प्राइवेट पार्ट से हल्के खून के धब्बे या भूरे रंग के महसूस होते हैं तो समझ लेना चाहिए की गर्भाशय का मुँह खुल गया है और अब डिलीवरी होने में ज्यादा समय नहीं है साथ ही डिलीवरी में दिक्कत भी नहीं होगी क्योंकि गर्भाशय का मुँह खुल चूका है।
बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होना
यदि प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में महिला को यूरिन बहुत ज्यादा आने लगता है साथ ही महिला को मल भी पतला आने लगता है। तो इसका मतलब होता है की बच्चा अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में है और बच्चे का भार नीचे की तरफ बढ़ रहा है। और बच्चे का जन्म आसानी से होने वाला है।
एमनियोटिक फ्लूड का रिसाव होना
यदि गर्भवती महिला के प्राइवेट पार्ट से सफ़ेद रंग के चिपचिपे पदार्थ का रिसाव होना शुरू हो जाता है। तो इसका मतलब होता है की एमनियोटिक बैग फट गया है और डिलीवरी होने वाली है साथ ही ऐसा होने पर डिलीवरी को आसानी से होने में मदद मिलती है।
प्रसव के लक्षण न दिखाई देने पर क्या करें?
कई महिलाओं को डिलीवरी का समय पास आने पर भी डिलीवरी पेन शुरू नहीं होता है। साथ ही शरीर में प्रसव का कोई अन्य लक्षण भी दिखाई नहीं देता है। ऐसा होने पर महिलाओं को घबराना नहीं चाहिए बल्कि यदि महिला को डॉक्टर द्वारा बताई गई डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी से, आर्टिफिशल पेन देकर महिला की डिलीवरी करवा सकें। क्योंकि यदि शिशु समय पूरा होने के बाद भी गर्भ में रहता है तो इससे गर्भ में शिशु को खतरा हो सकता है।
नोर्मल डिलीवरी के लिए महिला को क्या-क्या करना चाहिए?
यदि कोई महिला नोर्मल डिलीवरी करवाना चाहती है तो इसके लिए महिला ट्राई कर सकती है। और इसके लिए महिला को पूरी प्रेगनेंसी के दौरान कुछ आसान टिप्स को फॉलो करना चाहिए। ताकि महिला को नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने में मदद मिल सके। तो आइये अब जानते हैं की महिला को नोर्मल डिलीवरी के लिए क्या-क्या करना चाहिए।
- महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपने शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
- नोर्मल डिलीवरी के लिए महिला को अपने वजन को सही रखना चाहिए।
- यदि महिला सामान्य प्रसव से शिशु को जन्म देना चाहती है तो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान एक्टिव रहना चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिला को अपने खान पान, व्यायाम, नींद, आदि का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
- नौवें महीने में प्रसव को प्रेरित करने वाली डाइट लेनी चाहिए जैसे केसर दूध, खजूर, आदि।
- पानी का भरपूर सेवन करें।
- निचले हिस्से की मसाज करें।
- स्ट्रेचिंग जरूर करें इससे शरीर को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।
तो यह हैं प्रसव से जुडी जानकारी, जो हर गर्भवती महिला को पता होनी जरुरी होती है ताकि महिला की डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिल सके। इसके अलावा यदि महिला को डिलीवरी से जुड़े कुछ भी सवाल परेशान कर रहे हो तो महिला को परेशान होने की बजाय अपने डॉक्टर से उस बारे में बात करनी चाहिए ताकि महिला की डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिल सकें।
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