गर्भावस्था के दौरान खान पान का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि बेहतर खान पान के जरिये ही गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषक तत्व मिलते हैं। जो प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को फिट रखने और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों को कम करने के साथ गर्भ में बच्चे के बेहतर शारीरिक विकास में भी मदद करते हैं।
लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है की गर्भवती महिला किसी भी चीज का सेवन कर सकती है बल्कि गर्भावस्था के दौरान क्या खाना बेहतर होता है और क्या नहीं, इस बात का ध्यान रखना भी जरुरी होता है। साथ ही ऐसा नहीं नहीं होता है की पूरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला को एक ही तरह का आहार खाना होता है।
बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान हर ट्राइमेस्टर में महिला को अपनी डाइट में थोड़ा थोड़ा बदलाव करना जरुरी होता है ताकि गर्भ में बच्चे के विकास में कोई कमी नहीं आये और प्रेग्नेंट महिला भी स्वस्थ रह सकें। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के हर ट्राइमेस्टर में महिला की डाइट क्या होनी चाहिए उस बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में क्या खाएं
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में बॉडी में हार्मोनल बदलाव बहुत तेजी से होते हैं। साथ ही महिला बहुत ज्यादा कमजोरी, थकान का अनुभव भी करती है। ऐसे में प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिससे महिला को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिल सकें। जैसे की:
डेयरी प्रोडक्ट्स
महिला को डेयरी प्रोडक्ट्स खासकर दूध व् दही का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि दही और दूध कैल्शियम और प्रोटीन का बेहतरीन स्त्रोत होते हैं। जो महिला की हड्डियों को मजबूत रखने और मांसपशियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। जिससे प्रेग्नेंट महिला को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिलती है।
सब्जियां व् फल
सब्जियों व् फलों का सेवन भी गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में भरपूर करना चाहिए। क्योंकि फलों और सब्जियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं।
दालें
दिन में एक समय की डाइट में महिला को एक या दो कटोरी दाल का सेवन भी जरूर करना चाहिए। क्योंकि दाल का सेवन करने से महिला को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। जो गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद होते है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज जैसे गेहूं, ओट, मक्का, ज्चार, आदि का सेवन भी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को जरूर करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भवती महिला को जरूरी विटमिन मिलते हैं जो महिला को स्वस्थ रखने के साथ बच्चे की गर्भनाल के विकास में योगदान देते हैं।
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में क्या खाएं
वो सभी चीजें गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला खाती है उन सभी चीजों का सेवन करने के साथ महिला को कुछ अन्य चीजों को भी प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। जैसे की:
अंडा
अंडा गर्भवती महिला के साथ गर्भ में शिशु के विकास के लिए भी फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। लेकिन ध्यान रखें की कच्चा या अधपका अंडा नहीं खाएं।
नॉन वेज
दूसरी तिमाही में में चाहे तो नॉन वेज का सेवन भी कर सकती है। क्योंकि नॉन वेज का सेवन करने से महिला को दुगुनी मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन यदि आप नॉन वेज नहीं खाती है तो परेशान न हो आप अपनी वेज डाइट से भी अपने आप को फिट रख सकती है।
ड्राई फ्रूट्स
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला को थोड़े बहुत ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी करना चाहिए। क्योंकि ड्राई फ्रूट्स में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, व् अन्य मिनरल्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। जो माँ व् बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।
आयरन व् फोलेट युक्त डाइट
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में महिला को उन खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करना चाहिए जिसमे आयरन व् फोलेट भरपूर मात्रा में मौजूद हो। क्योंकि आयरन युक्त डाइट से शरीर में खून की कमी नहीं होती है और फोलेट युक्त डाइट गर्भ में बच्चे के विकास के लिए बहुत जरुरी होता है। और इसके लिए महिला लो हरी सब्जियां, अनार, सेब, ड्राई फ्रूट्स, गाजर, चुकंदर आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए।
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में क्या खाएं
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में बच्चे का विकास तेजी से होता है और वजन बढ़ने के कारण महिला की शारीरिक परेशानियां भी बढ़ जाती है। ऐसे में महिला को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिससे बच्चे का विकास अच्छे हो, महिला के शरीर को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिल सकें साथ ही महिला की शारीरिक परेशानियों को कम करने में मदद मिल सकें। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में प्रेग्नेंट महिला क्या खाएं।
फाइबर युक्त आहार
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिला को गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट सम्बन्धी परेशानियां अधिक हो सकती है। ऐसे में महिला को ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिसमे फाइबर अधिक हो जिससे महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सके। और फाइबर के लिए महिला केला, सेब, संतरा, गाजर, ब्रोकली, दालें, हरी सब्जियों आदि का भरपूर सेवन कर सकती है।
घी
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिला को घी का सेवन भी शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे का विकास अच्छे से होता है, महिला के शरीर को पोषण मिलने के साथ महिला के शरीर को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। लेकिन ध्यान रखें की यदि आपका वजन ज्यादा है तो घी का सेवन अधिक नहीं करें।
दालें व् फलियां
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिला को दालों व् फलियों का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि इनमे प्रोटीन और फाइबर की अधिकता होती है जो महिला को स्वस्थ रखने में मदद करने के साथ महिला को पेट सम्बन्धी परेशानियों से भी प्रेगनेंसी के नौवें महीने में बचाव करने में मदद करती है।
गर्भावस्था में क्या नहीं खाएं
- गर्भवती महिला को कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए।
- बिना धुले फल व् सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कच्चे अंडे, कच्चा नॉन वेज नहीं खाना चाहिए।
- डिब्बाबंद जूस व् खाने से दूरी रखनी चाहिए।
- जंक फ़ूड का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मर्करी युक्त मछली नहीं खानी चाहिए।
- जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से गर्भवती महिला को एलर्जी होती है या जिन्हे पचाने में प्रेग्नेंट महिला को दिक्कत होती है उन चीजों का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।
- ठंडी चीजों का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
- बासी खाने का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जरुरत से ज्यादा मीठे व् नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कैफीन का सेवन, नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
तो यह हैं प्रेग्नेंट महिला के लिए प्रेगनेंसी में खान पान से जुड़े कुछ टिप्स, यदि प्रेग्नेंट महिला इन सभी बातों का ध्यान रखती है तो इससे माँ व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।