गर्भधारण में क्या खाये जिससे शिशु ठिगना ना हो, प्रेगनेंसी में क्या खुराक लेने से शिशु नाटा नहीं होगा, क्या खाये के शिशु का कद छोटा ना हो, Diet which increase baby height during Pregnancy
भारत सहित दक्षिण एशियाई देशो में 38 फीसदी बच्चो का कद छोटा रह जाता है या यु कहे की वह ठिगनेपन का शिकार हो जाते है। एक अध्ययन से पता चला है के भारत में सबसे ज्यादा लोग ठिगनेपन के शिकार होते है।
क्यों शिशु का कद छोटा होता है?
एक शोध के अनुसार गर्भवती महिला के पौष्टिक आहार ना खाने से या कुपोषित होने से उसके शिशु का कद छोटा रह जाता है। यदि गर्भावस्था में सही खानपान ना लिया जाए तो उसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। यही कारण है के कुछ बच्चे नाटे रह जाते है।
एक रिसर्च के अनुसार यह बताया गया हे के किसी भी महिला के गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनो में पौष्टिक आहार देकर उसके शिशु को ठिगनेपन और कुपोषण से बचाया जा सकता है। कुपोषण और नाटापन हमारे देश की लिए एक बड़ी चुनौती है। और साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए चिंता का विषय भी है।
गर्भावस्था में क्या खाने से शिशु नहीं होगा नाटा या ठिगना?
रिसर्च के अनुसार यह पता चलता हे के प्रेगनेंसी के दौरान लिपिड-आधारित माइक्रोन्यूट्रिएंट भोजन खाने से शिशु को सभी पौष्टिक आहार मिलते है और शिशु को कुपोषण छू भी नहीं पता जिससे बच्चे का और उसके कद का अच्छे से विकास हो पाता है।
माइक्रोन्यूट्रिएंट में सभी जरुरी विटामिन्स और मिनरल्स शामिल होते है। आइये जानते है किस किस भोजन में माइक्रोन्यूट्रिएंट पाया जाता है।
मिल्क प्रोडक्ट :
- मिल्क प्रोडक्ट यानि दूध और दूध से बनी चीजे, इनमे भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है यह तो हम सभी जानते है।
- कैल्शियम हमारे लिए बहुत जरुरी मिनरल होता है।
- कैल्शियम शिशु के बोनस के विकास के लिए बेहद जरुरी है।
- मिल्क में विटामिन बी 2 भी होता है।
ग्रीन वेजटेबल्स :
- हरी पत्तेदार सब्जिया विटामिन बी 3 ओर आयरन से भरपूर होती है।
- प्रेगनेंसी में डॉक्टर भी हरी सब्जिया खाने की सलाह देते है।
- गर्भवती महिलाओ व उनके शिशु को पोषित करने के लिए हरी सब्जिया बहुत जरुरी है।
बादाम :
- बादाम में विटामिन बी 7 और विटामिन इ होता है।
- गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनो में भीगे हुए बादाम का छिलका उतारकर खाना चाहिए।
- बादाम शिशु के दिमाग और कद के विकास के लिए अच्छा माना गया है।
गाजर :
- गाजर में विटामिन ए होता है।
- गर्भवती महिलाये इसे अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
शकरकंद :
- स्वीट पटैटो या शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है।
- प्रेगनेंसी के इसका सेवन करने से बच्चे के कद का भी विकास होता है।
सोयबीन्स :
- इसमें विटामिन के पाया जाता है।
- शिशु को पोषित करने के लिए सोयबीन्स को अपने खाने में जरूर लें.
केला :
- केले के अंदर भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है।
- इसका सेवन करने से खून की कमी नहीं होती।
- गर्भवती महिला को केले का सेवन जरूर करना चाहिए, इसे खाने से शिशु की मांसपेशियों का विकास होगा।
दही :
- दही में फॉस्फोरस होता है।
- फॉस्फोरस हमारी बोनस का विकास करता है।
- गर्भवती महिला के दही खाने से शिशु की हड्डियों का विकास होगा।
दाल :
- दालों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पायी जाती है।
- प्रोटीन हमारे हड्डियों और लिगामेंट्स को स्वस्थ रखता है।
- बच्चों के कद, दिमाग, और हड्डियों के विकास के लिए दाल का सेवन करना आवश्यक है।
यह सभी चीजे मिलकर एक गर्भवती महिला और उसके शिशु को पोषित रखने में मदद करते है। बाजार में लिपिड-आधारित माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंट्स भी मिलते है। हम फिर भी चाहेंगे के प्राकृतिक तौर से यानि फलो और सब्जियों द्वारा लिए गए माइक्रोन्यूट्रिएंट गर्भवती महिला और उनके शिशु के लिए ज्यादा फायदेमंद है। फिर भी अगर आप सप्लीमेंट लेना चाहती है तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।