देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाने के अभियान की शुरुआत हो चुकी है। जिससे अब कोरोना को खत्म करने की जंग हो चुकी है। ऐसे में देशभर के लोगो के लिए यह वैक्सीन लगवाना जरुरी है ताकि जल्द से जल्द इस माहमारी को खत्म किया जा सके। कोरोना वैक्सीन दो तरह की लगाईं जा रही है एक है कोविशील्ड और दूसरी है कोवैक्सीन, आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको वैक्सीन क्यों लगाईं जाती है साथ ही इन दोनों वैक्सीन में क्या अंतर है उसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
वैक्सीन क्यों लगाईं जाती है?
वैक्सीन लगाने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है साथ ही शरीर में एंटीबाडी दुगुनी तिगुनी तेजी से बनती है। जिससे आपको हर तरह की बीमारी व् संक्रमण से बचे रहने में मदद मिलती है। और आप स्वस्थ, फिट, हेल्दी व् तंदरुस्त रहते हैं। तो आप भी कोरोना से बचे रहने के लिए कोरोना वैक्सीन को जरूर लगवाएं।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन में क्या-क्या अंतर हैं?
यदि आपके मन में भी यह सवाल चल रहा है की कोविशील्ड और कोवैक्सीन में क्या अंतर हैं, दोनों में से कौन सी ज्यादा असरदार है, तो आइये अब आपके इन सवालों का जवाब हम देने जा रहे हैं।
कोविडशील्ड | कोवैक्सीन |
यह वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और और ब्रिटेन स्वीडन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्रेजेनेका ने तैयार किया है। | यह वैक्सीन भारत बायोटेक और आईसीए ने तैयार किया है। |
यह वैक्सीन 70% से 90% तक असरदार है। | यह वैक्सीन 70% से 100% तक असरदार है। |
यह इंजेक्शन डॉक्टर्स की मौजूदगी में ही लगाया जायेगा। | यह इंजेक्शन डॉक्टर्स की मौजूदगी में ही लगाया जायेगा। |
इस वैक्सीन की कीमत 500 से 600 रुपये की बीच हो सकती है | कोवैक्सीन की कीमत 100 रुपये से भी कम हो सकती है। |
इस इंजेक्शन की दूसरी डोज़ चार से आठ हफ्ते में लगाईं जाएगी। | इस इंजेक्शन की दूसरी डोज़ चार से छह हफ्ते में लगाईं जाएगी। |
यह इंजेक्शन 12 साल से ऊपर के लोगो को लगाया जा सकता है। | यह इंजेक्शन 18 साल से ऊपर के लोगो को लगाया जा सकता है। |
यह वैक्सीन को 2 डिग्री सेल्सियस से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखी जा सकती है। | यह वैक्सीन को 2 डिग्री सेल्सियस से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखी जा सकती है। |
तो यह हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन में अंतर, लेकिन दोनों ही असरदार है ऐसे में जो भी आपके नजदीकी टीकाकरण की जगह पर उपलब्ध हो आप जरूर लगवाएं।