Disease Spread By Direct Contact
छुआछूत से होने वाली बीमारियां ये है, Disease Spread by Direct Contact, छुआछूत की बीमारियां, डायरेक्ट कांटेक्ट से होने वाली बीमारियां और उनके लक्षण
छुआछूत की बीमारी बड़ी आसानी से एक दूसरे में फ़ैल जाती है। विशेषकर ये बच्चों में बहुत तेजी से फैलती है। अगर किसी इंसान को या किसी बच्चे को निम्नलिखित बीमारियां हो तो उसके संपर्क में आने वाला भी उस बीमारी की चपेट में आ सकता है। यहाँ हम आपको उन्ही कुछ बिमारियों में बारे में विस्तार से बताने जा रहे है। ताकि आप खुद को और अपने बच्चों को इसके चपेट में आने से बचा सके।
क्योंकि बच्चों की स्किन ही नहीं बल्कि उनका शरीर भी काफी नाजुक होता है और उसमे कोई भी बीमारी बड़ी जल्दी से फैलती है। ऐसे में ग्रसित व्यक्ति को बच्चे से दूर रखना और भी जरुरी हो जाता है। छुआछूत की वे बीमारियां निम्न है :-
छुआछूत की बीमारी को फैलने से रोकने के कुछ टिप्स :
- किसी भी इन्फेक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छे से धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति द्वारा यूज किये गए टिश्यू को अच्छे से डिस्पोस कर दें।
- साबुन, या लिक्विड हैंडवाश का प्रयोग करें।
- किसी भी डिस्पोजेबल वस्तु को एक से अधिक बार प्रयोग न करें।
- बच्चों के टॉयज को रोजाना धोएं।
- प्रत्येक बच्चे के उसके खुद के सोने वाले मैट और शीट होनी चाहिए।
- ब्रश, कंघी, कम्बल, टोपी और कपडे आदि को शेयर करने से बचे।
- बच्चे के गंदे कपड़ों को अलग रखें। इधर उधर नहीं फेंके।
- बच्चे के घाव, कटने आदि के निशान को ढक कर रखें।
- समस्या के बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
सीधे संपर्क में आने से फैलने वाली बीमारियां :-
1. जुएं (Lice) :
जुएं बहुत ही छोटी परजीवी होती है जो बालों और जड़ों में जिंदा रहती है। पहले ये एक अंडे के रूप में होती है जो बालों की जड़ों से चिपकी रहती है जिसके बाद ये जुएं बन जाती है। जुओं नहीं दिखती लेकिन उनके अण्डों को देखा जा सकता है। यह लोगों के सर से सर मिलाने या संक्रमित व्यक्ति की टोपी, कंघी, बिस्तर और कपडे आदि शेयर करने से होती है। इसके होने पर व्यक्ति के सिर में तेज खुजली होती है और कई बार सिर से थोड़ा बहुत खून भी आ जाता है। इसे आप घरेलू नुस्खों द्वारा दूर कर सकते है।
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2. खाज (Scabies) :
यह एक तरह का स्किन इन्फेक्शन होता है जो मकड़ी के परिवार के एक छोटे से जीव के कारण फैलता है। यह समस्या भी इन्फेक्टेड व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इस बीमारी के होने का सबसे बड़ा लक्षण स्किन में खुजली होती है जो विशेषकर रात्रि के समय होती है।
बच्चों में यह सिर, गले, हथेलियों या पैरों के तलवे में होती है। इस बीमारी का इलाज दवाओं का सेवन द्वारा किया जा सकता है। बच्चे के संक्रमित हिस्से को गर्म पानी में साफ़ करें और 72 घंटों तक उसे छेड़े नहीं। लेकिन एक बात का ध्यान रखे, अगर समस्या गंभीर है तो शुरुआत में ही डॉक्टर को दिखा लें। अन्यथा परेशानी आपको ही उठानी पड़ेगी।
3. Impetigo :
यह एक तरह का बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन होता है जो अधिकतर होंठों और लिप्स पर होता है परन्तु ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। सामान्यतौर पर ये छालों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। इस समस्या के होने पर शरीर में अजीब से छाले हो जाते है जो लाल और गोल होते है इनमे बहुत खुजली भी होती है।
शुरू शुरू में ये नाक के आस पास छोटे छोटे छाले होते है है जो बाद में पपड़ी बन जाते है। इसका इलाज एंटी बायोटिक्स का सेवन करके किया जा सकता है। समस्या के होने का अंदेशा होते है डॉक्टरी परामर्श लें क्योंकि ये समस्या बढ़ने पर स्किन को ही प्रभावित करती है।
4. दाद (Ringworm) :
यह एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है जो बालों और त्वचा पर होता है। वैसे तो ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है और इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन ये बहुत ही इर्रिटेटिंग होती है। जिसमे काफी खुजली होती है। यह बीमारी भी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग की गयी वस्तुओं का इस्तेमाल आदि करने से भी ये बीमारी फ़ैल सकती है।
इस बीमारी के होने पर स्किन पर रशेस और एक गोलाकार बन जाता है जिसमे छोटे छोटे दाने होते है। वे लाल होने के साथ-साथ काफी अजीब भी होने है। इसके किनारों पर बहुत खुजली होती है। जबकि इसका मध्य बिलकुल सामान्य स्किन की ही तरह दिखता है। इस बीमारी का पता चलते है डॉक्टर से ट्रीटमेंट लेना चाहिए। साथ ही उस व्यक्ति द्वारा प्रयोग की जाने वाली चीजों को अलग रखना चाहिए जिससे संक्रमण फैले नहीं।
5. लाल आँखे (Conjunctivitis) :
यह एक तरह की सूजन होती है जो आई बाल के ऊपर की पतली झिल्ली में होती है। ये किसी भी वायरस या बैक्टीरिया के कारण हो सकती है। यह बीमारी भी अन्य बिमारियों की तरह संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में रहने या उस व्यक्ति द्वारा प्रयोग की गयी टॉवल आदि का प्रयोग करने से फैलती है। इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण आँखों के सफ़ेद हिस्से का लाल हो जाना होताहै।
संक्रमित आँख से आंसू और एक अजीब पदार्थ का स्त्राव होता रहता है। जिसके साथ ही खुजली और सूजन भी होती है। कई बार इस बीमारी के कारण सुबह जागने पर आँखे चिपक भी जाती है। ये बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में 24 घंटे के अंदर ही फ़ैल जाती है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि उसे बढ़ने से बचाया जा सके। साथ ही आँखों से निकलने वाले पदार्थ को रुमाल से साफ़ करते रहना चाहिए ताकि वह चेहरे के बाकी हिस्सों पर नहीं फैले।