प्रेगनेंसी के तीसरे और आठवें महीने में यह गलतियां नहीं करें

प्रेगनेंसी के तीसरे और आठवें महीने में यह गलतियां नहीं करें


प्रेगनेंसी के दौरान बरती गई एक छोटी सी लापरवाही माँ और बच्चे दोनों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। ऐसे में गर्भावस्था की शुरुआत से लेकर आखिर तक प्रेग्नेंट महिला को अपनी सेहत, फिटनेस, रूटीन, दिनचर्या सभी का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। ताकि महिला व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

प्रेगनेंसी का तीसरा व् आठवां महीना बहुत ही अहम होता है इसीलिए इन दो महीनों में प्रेग्नेंट महिला को अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो तीसरे व् आठवें महीने में गर्भवती महिला को नहीं करनी चाहिए।

डाइट: बेहतर खान पान प्रेगनेंसी के दौरान बहुत जरुरी होता है ऐसे में महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। खासकर प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शिशु के अंगों की आकृतियां बन रही होती है जबकि आठवें महीने में शिशु का विकास तेजी से हो रहा होता है। ऐसे में महिला यदि खान पान में लापरवाही करती है तो इसके कारण बच्चे के विकास में कमी आने के साथ महिला की शारीरिक परेशानियां भी बढ़ सकती है।

झाड़ू पोछा न लगाएं: गर्भवती महिला को झाड़ू पोछा लगाने से बचना चाहिए। क्योंकि तीसरे महीने में इस दौरान जहां गर्भपात का खतरा हो सकता है वहीँ आठवें महीने में पेट पर दबाव पड़ने के कारण महिला व् शिशु को दिक्कत हो सकती है। जिसके कारण समय से पहले प्रसव भी हो सकता है।

यात्रा न करें: ट्रैवेलिंग के दौरान बहुत देर तक एक पोजीशन में बैठने के कारण, झटका आदि लगने के कारण गर्भवती महिला को गर्भ गिरने, ब्लीडिंग होने, पेट में दर्द होना, समय से पहले डिलीवरी होने जैसी समस्या हो सकती है।

भारी सामान: प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में गर्भवती महिला को भरी सामान नहीं उठाना चाहिए साथ ही प्रेगनेंसी के आठवें महीने में भी ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि भारी सामान उठाने से पेट पर दबाव पड़ता है जिसके कारण महिला व् बच्चे को दिक्कत हो सकती है।

उछल कूद: गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के तीसरे व् आठवें महीने के अलावा बाकी समय में भी उछल कूद नहीं करना चाहिए। क्योंकि उछल कूद करने के कारण भी प्रेग्नेंट महिला को दिक्कत हो सकती है।

व्यायाम: प्रेग्नेंट महिला को इन महीनों में व्यायाम करने से भी बचना चाहिए। व्यायाम करने से प्रेग्नेंट महिला की शारीरिक परेशानी बढ़ने के साथ, ब्लीडिंग, बॉडी में दर्द, थकान आदि की परेशानी हो सकती है।

सम्बन्ध: स्वस्थ प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाया जा सकता है लेकिन प्रेगनेंसी के तीसरे व् आठवें महीने में गर्भवती महिला को सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए। क्योंकि सम्बन्ध बनाने पर गर्भाशय पर चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। जिसके कारण महिला व् बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है क्योंकि इसके कारण गर्भपात व् समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी हो सकती है।

गलत तरीके से सोना: प्रेगनेंसी के दौरान आराम करना बहुत जरुरी होता है। लेकिन आराम करते समय महिला को अपनी पोजीशन का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि गलत तरीके से सोने के कारण महिला व् बच्चे को दिक्कत हो सकती है।

तनाव: शारीरिक रूप से फिटनेस के साथ महिला को मानसिक रूप से भी रिलैक्स रहना चाहिए। क्योंकि यदि प्रेग्नेंट महिला तनाव लेती है तो प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में जहां इसके कारण गर्भ गिरने की परेशानी हो सकती है वही आठवें महीने में शिशु के विकास में कमी, समय से पहले शिशु का जन्म जैसी दिक्क्तें हो सकती है।

जांच: प्रेगनेंसी के किसी भी महीने की जांच में प्रेग्नेंट महिला को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। या किसी भी दिक्कत को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि हो सकता है की इसके कारण आपकी दिक्कतें बढ़ जाएँ। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए महिला को अपनी सभी जांच समय से करवानी चाहिए।

ऐसे में गर्भवती महिला को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो इससे बचने के लिए प्रेग्नेंट महिला को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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