दस गलतियां जो गर्भवती महिला पहले तीन महीने के अंदर करती है, प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने, गर्भवती महिला पहले तीन महीनो में यह करने से बचे, प्रेगनेंसी टिप्स, गर्भवती महिला प्रेगनेंसी की शुरुआत में इन बातों का ध्यान रखें
जैसे ही महिला को पता चलता है की वो माँ बनने वाली हैं, और साथ ही यह खुशखबरी घर के बाकी सदस्यों को भी मिलती है। तो हर तरफ से प्रेगनेंसी से जुडी राय आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में क्या सही है और क्या गलत हैं इसे लेकर महिला काफी परेशान हो सकती है। खासकर जब पहली बार आप माँ बनने वाली हैं, क्योंकि दूसरी बार प्रेगनेंसी के दौरान तो आप खुद लोगो को राय देना शुरू कर देती हैं। ऐसे में आपको प्रेगनेंसी से जुडी जानकारी होना बहुत जरुरी है क्योंकि महिला द्वारा कुछ भी किये जाने का प्रभाव केवल महिला पर ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है।
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने गर्भवती महिला के लिए बहुत अहम होते हैं, क्योंकि इस दौरान गर्भ में शिशु के अंगो का बनना और उनका विकास होना शुरू होता है। लेकिन बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण महिला परेशानी में कई बार लापरवाही कर सकती है, और यह लापरवाही इस दौरान गर्भपात जैसी समस्या को खड़ी कर सकती है। और डॉक्टर्स के अनुसार जो महिला प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में अपना अच्छे से ध्यान रखती है, इससे शिशु के विकलांग और समय पूर्व प्रसव होने के चांस न के बराबर होते हैं। तो लीजिये आज हम आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में महिला कर सकती है और उसे ऐसा नहीं करना चाहिए।
खाने से परहेज
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण उल्टी, कमजोरी, जीभ में स्वाद में बदलाव आना, आदि होना आम बात होती है। ऐसे में उल्टी के डर या खाने का मन न करने के कारण महिला लापरवाही करती है। जो की आपकी परेशानी को बढ़ाता है, साथ ही इसे शिशु पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
गलत खाना
जीभ के स्वाद में परिवर्तन आना भी इस दौरान आम बात होती है, ऐसे में जंक फ़ूड का सेवन, कोल्ड ड्रिंक आदि का पीना, चाइनीज़ का सेवन करना, मसालेदार खाना, आदि का मन महिला का कर सकता है। और यदि महिला इसका सेवन अधिक करती है, जो की कुछ महिलाएं करती भी हैं, तो यह गर्भपात का कारण बन सकता है, खासकर चाइनीज़ फ़ूड में इस्तेमाल की जाने वाली सोया सॉस में मर्क्युरी की मात्रा अधिक होने के कारण बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
व्यायाम
फिटनेस को लेकर कुछ महिलाएं बहुत एक्टिव रहती है, लेकिन आपको इस बात का पता होना चाहिए की प्रेगनेंसी के तीन महीने में बॉडी में लगातार हार्मोनल बदलाव होते है, ऐसे में यदि आप शारीरिक श्रम भी अधिक करती है तो इससे गर्भ गिरने की समस्या या स्पॉटिंग जैसी परेशानी हो सकती है।
कैफीन का सेवन
चाय, कॉफ़ी कुछ महिलाओं के लिए पीना बहुत जरुरी होता है, क्योंकि उनके अनुसार चाय से ही दिन की शुरुआत होती है, और प्रेगनेंसी में होने वाले किसी भी दर्द से आराम दिलाने में यह आपकी मदद करती है। ऐसे में खाली पेट चाय का सेवन या चाय का अधिक सेवन दोनों ही गर्भवती महिला की सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। चाय के साथ कॉफ़ी के अधिक सेवन से भी गर्भवती महिला को परहेज करना चाहिए।
पानी की कमी
खाने के साथ पानी की कमी भी गर्भवती महिला को परेशानी में डाल सकती है। इसीलिए बॉडी में पर्याप्त मात्रा में पानी का होना जरुरी होता है, लेकिन कुछ महिलाएं उल्टी आने के डर या जानबूझकर पानी के सेवन को भरपूर मात्रा में नहीं करती है।
तनाव
प्रेगनेंसी के दौरान तनाव गर्भवती महिला को नुकसान पहुंचाने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में भी बाधा डाल सकता है। लेकिन शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण कुछ महिलाएं तनाव में आ जाती है, ऐसे में उन्हें इससे बचना चाहिए ताकि प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
कपड़ो में गलती
चाहे प्रेगनेंसी की शुरुआत हो या आखिरी महीना हो, प्रेगनेंसी में आपको थोड़े खुले, आरामदायक और जितना हो सके सूती कपडे पहनने चाहिए। क्योंकि ज्यादा टाइट कपडे भी पेट पर दबाव डाल सकते हैं, जिसके कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
तेजी से काम करना
प्रेगनेंसी कन्फर्म होते ही महिला को डॉक्टर्स भी तेजी से काम करने, झुककर काम करने, पेट पर दबाव पड़े ऐसे कामो को करने से मना करते हैं। और यदि कोई काम करना भी है तो आराम से काम करना चाहिए। लेकिन कुछ महिलाएं तेजी से काम करने के तरीके में बदलाव नहीं लाती है जो की महिला के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। साथ ही इस दौरान भी कुछ महिलाएं शॉपिंग करना घूमना पसंद करती है जो महिला के लिए गर्भपात होने चांस को बढ़ा सकता है।
गुस्सा करना
मूड स्विंग्स होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है, ऐसे में महिला को गुस्सा, चिड़चिड़ापन महसूस होना आम बात होती है। लेकिन अधिक गुस्सा महिला के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, ऐसे में महिला के पार्टनर को उनके व्यव्हार को समझना चाहिए और उन्हें खुश रखना चाहिए। और महिला को भी अपने आप को बिज़ी रखने की कोशिश करनी चाहिए, अपने आपको खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि गर्भवती महिला और शिशु दोनों को ही प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके।
सोने में दिक्कत
कुछ महिलाओं को आदत होती है रात को देर से सोना, उल्टा होकर सोना, बहुत अधिक सोना, कम सोना, आदि। ऐसे में गर्भवती महिला का ऐसा करना महिला में कमजोरी, थकान, दर्द, तनाव जैसी परेशानी को बढ़ा सकता है, इसीलिए गर्भवती महिला को समय से सोना चाहिए, समय से उठना चाहिए, और भरपूर नींद लेनी चाहिए। ताकि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
तो यह हैं कुछ गलतियां जो प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में गर्भवती महिला कर सकती है। ऐसे में यह गलतियां करना किसी भी गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु को भी दिक्कत में डाल सकता है। इसीलिए गर्भवती महिला को इन गलतियों को करने से बचना चाहिए, ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को हर परेशानी के बचने के साथ गर्भ में शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिल सके। साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर महिला को घर में खुद ही डॉक्टर नहीं बनना चाहिए बल्कि इसके लिए डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।