प्रेगनेंसी हर महिला के लिए बहुत ही बेहतरीन अनुभव होता है और पहली प्रेगनेंसी के दौरान महिला बहुत से ऐसे अनुभव करती है। जो थोड़े परेशानी भरे तो कुछ बहुत खुशनुमा होते हैं। लेकिन दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला उतना परेशान नहीं होती है जितना की पहली प्रेगनेंसी के दौरान होती है या फिर परेशानियां पहली प्रेगनेंसी से ज्यादा भी हो सकती है।
इसके अलावा पहली प्रेगनेंसी के समय महिला को बहुत सी चीजों का पता नहीं होता है जबकि दूसरी प्रेगनेंसी में बहुत सी चीजें पता चल जाती है। साथ ही दूसरी प्रेगनेंसी में महिला शरीर में कुछ ऐसे लक्षणों को महसूस करती है जो प्रेग्नेंट महिला को पहली प्रेगनेंसी में नहीं होते हैं। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको दूसरी प्रेगनेंसी में महिला को शरीर में कौन से लक्षण महसूस होते हैं उस बारे में बताने जा रहे हैं।
थकान होती है ज्यादा
पहले बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के साथ उसकी केयर का पूरा ध्यान रखना और साथ ही आपका गर्भवती होना, ऐसे में आपको थकान की परेशानी पहली प्रेगनेंसी की अपेक्षा ज्यादा होती है। क्योंकि पहली प्रेगनेंसी के दौरान आपको पहले बच्चे की केयर को लेकर ऐसी दिक्कत नहीं होती है। और तब आपका पूरा ध्यान सिर्फ अपनी केयर पर ही होता है।
पेट के निचले हिस्से पर ज्यादा भार महसूस होना
पहले बच्चे के जन्म लेने के बाद यूटेरस के आस पास की मांसपेशियों में ढीलापन आ जाता है। जिसके कारण पहली प्रेगनेंसी में जितना मजबूती से मसल्स स्पोर्ट करती है उतना दूसरी प्रेगनेंसी में नहीं कर पाती है। जिसकी वजह से पेट के निचले हिस्से में गर्भवती महिला को भार ज्यादा महसूस होता है। ऐसे में दूसरी प्रेगनेंसी के दौरान महिला चाहे तो मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल कर सकती हैं।
पेट का जल्दी बाहर आना
मांसपशियों में आये ढीलेपन के कारण दूसरी प्रेगनेंसी में आपका पेट जल्दी बाहर की तरफ निकलता है। जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है उतना ही जल्दी पेट बाहर निकलता है।
ब्रेस्ट में बदलाव
बच्चे को स्तनपान करवाने के कारण ब्रेस्ट में थोड़ा ढीलापन आना बहुत आम बात होती है। आप ऐसा भी कह सकते हैं की पहली प्रेगनेंसी के बाद ब्रेस्ट थोड़ी नाजुक भी हो जाती है। जिसके कारण दूसरी प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट को छूने पर ज्यादा दर्द, सूजन, भारीपन आदि महसूस होता है।
शिशु की हलचल
पहली प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में शिशु की हलचल को समझने में महिला को थोड़ा समय लग सकता है। जबकि दूसरी प्रेगनेंसी में महिला को शिशु की हलचल का आराम से पता चल जाता है।
डिलीवरी टाइम में कमी
जब महिला की पहली डिलीवरी होती है तो महिला को प्रसव में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। लेकिन दूसरी प्रेगनेंसी में महिला को पहली बार बच्चे के जन्म में जितना समय लगा था उससे कम समय लगता है। क्योंकि बच्चेदानी का मुँह आराम से खुल जाता है।
पीठ में दर्द
पहली बार माँ बनने पर यदि आपको थोड़ी बहुत पीठ में दर्द की समस्या थी तो वो दूसरी बार माँ बनने पर बढ़ सकती है। क्योंकि दूसरी बार प्रेगनेंसी होने पर पेट जल्दी बाहर निकलता है।
ब्रेस्टफीडिंग में नहीं होती दिक्कत
पहले बच्चे के जन्म के बाद अधिकतर महिलाएं बच्चे को दूध पिलाने में परेशानियों का सामना करती है। साथ ही बच्चे को कब और कितना दूध पिलाएं इस बारे में भी महिला को समझने में दिक्कत होती है। जबकि दूसरी बार बच्चे को जन्म देने पर महिला को इन सभी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
तो यह हैं कुछ लक्षण जो दूसरी प्रेगनेंसी में महिला को शरीर में महसूस होते हैं। तो यदि आप भी दूसरी बार माँ बन रही है तो आप भी बॉडी में होने वाले इन लक्षणों महसूस कर सकती है।