गर्भावस्था के कुछ समय बहुत बेहतरीन होता है तो कुछ समय में महिला को बहुत सी परेशानियों का अनुभव भी करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला जितना बेहतरीन समय में एन्जॉय करती है महिला को उतना ही अन्य महीनों में महिला को अपना ध्यान भी रखना चाहिए। ताकि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रह सकें। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दो महीनों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनमे से एक महीना महिला के लिए थोड़ा खुशनुमा होता है तो एक महीने में महिला को थोड़ी परेशानी का अनुभव भी हो सकता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी का पांचवां महीना महिला के लिए बेहतरीन और सातवां महीना परेशानी से भरा क्यों होता है।
प्रेगनेंसी का पांचवा महीना क्यों होता है बेहतरीन?
वैसे तो प्रेगनेंसी का हर पल थोड़ा अच्छा और थोड़ा परेशान भरा हो सकता है। लेकिन पांचवां महीना महिला के लिए सबसे यादगार होता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी का पांचवां महीना बेहतरीन क्यों होता है।
शिशु की हलचल
गर्भावस्था के पांचवें महीने में महिला शिशु की हलचल का अनुभव कर सकती है। कुछ महिलाओं को यह हलचल प्रेगनेंसी के पांचवें महीने की शुरुआत तो कुछ को आखिर में महसूस हो सकती है। जो महिलाएं दूसरी बार माँ बन रही होती है उन्हें इस हलचल की समझ पहली बार माँ बन रही महिलाओं की अपेक्षा जल्दी समझ आ जाती है। ऐसे में आप यह कह सकते हैं की इस समय शिशु की हलचल महसूस होने के कारण महिला अपने बच्चे को करीब से अनुभव करती है और उसके होने के अहसास को महसूस करती है इसीलिए प्रेगनेंसी का पांचवा महीना महिला के लिए बहुत खास होता है।
भूख बढ़ती है
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला की भूख में कमी हो सकती है। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है की ऐसा हर महिला के साथ हो, कई महिलाओं की भूख इस दौरान बढ़ जाती है। लेकिन जिन महिलाओं का कुछ खाने का मन नहीं करता है उन महिलाओं के लिए यह बेहतरीन समय होता है क्योंकि बच्चे के विकास के बढ़ने के साथ महिला की खाने पीने की इच्छा में भी वृद्धि होती है।
शारीरिक परेशानियां कम होती है
पांचवें महीने में पहली तिमाही की अपेक्षा महिला की शारीरिक परेशानियां कम होने लगती है। जिसके कारण महिला को खुश रहने में मदद मिलती है और परेशानियों को भूल महिला अपनी प्रेगनेंसी को एन्जॉय करती है।
थोड़ा पेट निकल जाता है
पहली तिमाही में महिला का पेट नहीं निकलता है लेकिन चौथे पांचवे महीने में महिला का पेट थोड़ा सा आगे निकल जाता है। और पहली बार माँ बन रही महिलाएं इसे लेकर बहुत उत्साहित होती है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं के लिए पांचवां महीना बहुत बेहतरीन होता है।
शिशु की दिनचर्या
पांचवें महीने में शिशु की दिनचर्या भी थोड़ी बहुत बनने लगती है जैसे की गर्भ में भी शिशु के सोने उठने का समय हो जाता है। जिससे महिला को भी थोड़ा रिलैक्स रहने में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी का सातवां महीना क्यों होता है खतरनाक?
जिस तरह प्रेगनेंसी का पांचवां महीना महिला के लिए बेहतरीन होता है उसी तरह प्रेगनेंसी का सातवां महीना महिला के लिए थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी का सातवां महीना महिला के लिए खतरनाक क्यों होता है।
पेट बाहर निकल जाता है
प्रेगनेंसी के सातवें महीने में गर्भवती महिला का पेट बाहर की तरफ निकल जाता है, जिसके कारण महिला को चलने फिरने, उठने बैठने, में दिक्कत हो सकती है साथ ही पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने के कारण दर्द भी महसूस सकता है।
पीठ में दर्द
पेट के बाहर निकलने के कारण पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ सकता है। जिसके कारण महिला को पीठ में दर्द की परेशान अधिक हो सकती है, और जिन महिलाओं को पहले से ही पीठ में दर्द की परेशानी होती है उन्हें ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
कब्ज़ की समस्या
पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने के कारण महिला की पाचन क्षमता कमजोर पड़ सकती है। जिसकी वजह से गर्भवती महिला को कब्ज़, गैस आदि की समस्या का अधिक सामना करना पड़ सकता है।
बार बार यूरिन पास करने की इच्छा
प्रेगनेंसी के दौरान जैसे जैसे बच्चे का विकास बढ़ता है वैसे वैसे गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण बार बार महिला की यूरिन पास करने की इच्छा हो सकती है। और वजन बढ़ने का कारण, पेट बाहर आने के कारण बार बार बाथरूम में जाने की वजह से महिला को परेशानी का अधिक अनुभव हो सकता है।
सूजन की परेशानी
प्रेगनेंसी के सातवें महीने में कुछ महिलाओं को हाथों, पैरों में सूजन भी अधिक महसूस हो सकती है। और यदि कुछ महिलाओं को सूजन के साथ दर्द भी महसूस हो सकता है। जिसके कारण सातवें महीने में महिला की दिक्कतें बढ़ सकती है।
ब्रेस्ट से जुडी समस्या
ब्रेस्ट में भारीपन, स्तन में स्त्राव होना, दर्द महसूस होना आदि की समस्या प्रेगनेंसी के सातवें महीने में महिला अधिक महसूस कर सकती है। जिसकी वजह से प्रेग्नेंट महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
तनाव
प्रेगनेंसी के सातवें महीने में बच्चे के विकास को लेकर, शारीरिक परेशानियों को लेकर, डिलीवरी को लेकर डर के कारण प्रेग्नेंट महिला को तनाव महसूस हो सकता है। और इस दौरान महिला का तनाव लेना खतरनाक हो सकता है।
समय पूर्व प्रसव का भय
गर्भवती महिला यदि प्रेगनेंसी के सातवें महीने में अपनी केयर अच्छे से नहीं करती है। तो इसके कारण प्रेग्नेंट महिला के साथ बच्चे को भी दिक्कत हो सकती है, क्योंकि महिला द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण समय से पहले ही शिशु का जन्म हो सकता है। जिसके कारण माँ व् बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है। इसीलिए इन्ही कारणों की वजह से सातवां महीना प्रेग्नेंट महिला के लिए खतरनाक हो सकता है।
तो यह है प्रेगनेंसी के पांचवें महीने के बेहतरीन और सातवें महीने के खतरनाक होने का कारण ऐसे में यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। और यदि आप प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही इन बातों को समझ लेते हैं तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले बदलाव के कारण परेशान होने व् शारीरिक परेशानियों से बचे रहने में मदद मिलती है।