गर्भ में बेबी का विकास रुकने के कारण, गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान केवल एक ही बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंता करती है। की गर्भ में शिशु का विकास सही से ही रहा है या नहीं। शिशु को गर्भ में किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं है। ऐसे में शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए प्रेग्नेंट महिला अपना दुगुना ध्यान रखती है। लेकिन फिर भी कुछ केस ऐसे आते हैं जिसमे शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है या रुक जाता है। और इस बारे में अल्ट्रासॉउन्ड के बाद महिला का बताया जाता है या फिर बॉडी भी कुछ ऐसे संकेत देती है जो यह बताते हैं की शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो रहा है ।
शिशु का विकास रुकने या अच्छे से न होने के लक्षण
- बच्चे की धड़कन का महसूस न होना।
- महिला के वजन का सही न बढ़ना।
- पेट का आकार कम होना।
- बॉडी में एचसीजी हॉर्मोन का लेवल कम होना।
- पेट का बहुत ज्यादा टाइट महसूस होना।
- प्रेग्नेंट महिला को ब्लीडिंग की समस्या अधिक होना।
- सफ़ेद पानी की समस्या का गर्भवती महिला को अधिक होना।
- पेट व् कमर में बहुत अधिक दर्द की समस्या होना।
- ब्रेस्ट का आकार घटना।
- गर्भ में शिशु की हलचल में कमी होना।
- मॉर्निंग सिकनेस की समस्या का अनुभव न होना।
गर्भ में शिशु का विकास रुकने का कारण
प्रेगनेंसी के दौरान कई बार गर्भ में शिशु का विकास उस तरह से नहीं हो पाता है जिस तरह से होना चाहिए। और गर्भ में शिशु का विकास में कमी होने का कोई एक कारण नहीं होता है। तो आइये अब जानते हैं गर्भ में शिशु का विकास रुकने के क्या कारण होते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
- प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
- लेकिन यदि गर्भवती महिला अपनी डाइट में लापरवाही करती है।
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार की जगह महिला जंक फ़ूड, ज्यादा मिर्च मसालों, तेलीय आहार आदि का सेवन करती है तो इसके कारण शिशु को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है।
- या फिर यदि महिला वजन बढ़ने के चक्कर में डाइट करने लगती है तो इसके कारण भी शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
- ऐसे में जब शिशु के विकास के लिए जरुरी पोषक तत्व शिशु को नहीं मिलते हैं तो इसके कारण शिशु के विकास में कमी या शिशु के विकास रुकने की समस्या हो सकती है।
गर्भ में बेबी का विकास रुकने का कारण है पानी की कमी
- गर्भावस्था के दौरान महिला को बॉडी को हाइड्रेटेड रखने की सलाह दी जाती है।
- क्योंकि बॉडी में तरल पदार्थों का भरपूर होना न केवल गर्भवती महिला की परेशानियों को कम करने में मदद करता है।
- बल्कि इससे गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा को सही रखने में भी मदद मिलती है।
- और एमनियोटिक फ्लूड शिशु के विकास को बढ़ाने में मदद करता है।
- लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला पानी का भरपूर सेवन नहीं करती है तो इसके कारण गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की कमी हो सकती है।
- जिसके कारण शिशु के विकास में कमी व् शिशु का विकास रुकने जैसी परेशानी हो सकती है।
गलत खाद्य पदार्थों का सेवन
- प्रेगनेंसी के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों की मनाही होती है क्योंकि उनके सेवन से शिशु का विकास बहुत बुरी तरह प्रभावित हो सकता है।
- जैसे की शराब, कच्चा पपीता, कच्चा मास, कच्चे अंडे, कटे गले सड़े फल व् सब्जियां, चाइनीज़ फ़ूड, आदि।
- यदि प्रेग्नेंट महिला इनका सेवन करती है तो इसके कारण शिशु के विकास में कमी आ सकती है।
- साथ ही इसके कारण शिशु का विकास रुकने के कारण गर्भपात, समय पूर्व प्रसव जैसी समस्या भी हो सकती है।
गर्भ में बेबी का विकास रुकने का कारण है महिला का तनाव लेना
- गर्भवती महिला यदि प्रेगनेंसी के दौरान तनाव में रहती है तो इसके कारण बॉडी में हार्मोनल अंसतुलन की समस्या हो सकती है।
- और बॉडी में हार्मोनल अंसतुलन का होना गर्भ पर बुरा असर डाल सकता है जिसके कारण शिशु के विकास में कमी जैसी परेशानी हो सकती है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है। तो यदि आप चाहते हैं की गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो सके तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना बहुत अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए, डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।