गर्भ में शिशु का वजन बढ़ाने के 10 उपाय

प्रेगनेंसी कन्फर्म होने के बाद से ही महिला को अपने लाइफस्टाइल, खान पान, रहन सहन पर अच्छे से ध्यान देना होता है। क्योंकि इससे महिला को प्रेगनेंसी के दौरान फिट रहने में मदद मिलती है। साथ ही गर्भ में शिशु के विकास के लिए महिला को अपने लाइफस्टाइल, खान पान, रहन सहन, व्यायाम करने के तरीके पर अच्छे से ध्यान देना होता है। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले अल्ट्रासॉउन्ड के माध्यम से महिला अपने बच्चे के विकास को देख सकती है। और बच्चे के वजन के बारे में भी जान सकती है। महीने दर महीने बच्चे का विकास और वजन धीरे धीरे बढ़ता जाता है। लेकिन कुछ केस में महिला द्वारा प्रेगनेंसी के दौरान अच्छे से खान पान, या अन्य गतिविधियों पर ध्यान न देने के कारण बच्चे के वजन में कमी आ सकती है।

और बच्चे के वजन में कमी परेशानी का विषय भी होता है। ऐसे में यदि आपको डॉक्टर द्वारा बताया गया है की आपके बच्चे का वजन कम हैं। तो इसमें घबराने की बात नहीं है बल्कि जब आपको पता चले की बच्चे का वजन कम है तो उसके बाद से आपको अपनी और ज्यादा केयर करनी चाहिए, खान पान बेहतर करना चाहिए। ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन बढ़ने में मदद मिल सके। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको गर्भ में शिशु का वजन बढ़ाने के लिए महिला क्या क्या कर सकती है उस बारे में बताने जा रहे हैं।

प्रीनेटल विटामिन लें

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को स्वस्थ रहने और बच्चे की सही वृद्धि और विकास के लिए आपको प्रीनेटल विटामिन लेने की सलाह दी जाती है। ये विटामिन महिला के शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा को सही रखने और बच्चे का वजन बढ़ाने में भी मदद करते हैं। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का वजन बढ़ाने के लिए महिला को नियमित रूप से इनका सेवन करना चाहिए।

ड्राई फ्रूट्स

गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए ड्राई फ्रूट्स का भरपूर सेवन करें। क्योंकि ड्राई फ्रूट्स में आयरन, कैल्शियम, एंटी ऑक्सीडेंट्स व् अन्य मिनरल्स भरपूर मात्रा में होते हैं। जो शिशु के वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं।

छैना

ऐसा माना जाता है की यदि गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कम हो तो प्रेग्नेंट महिला को छैना खाना चाहिए। क्योंकि छैना का सेवन करने से बच्चे के वजन में तेजी से बढ़ोतरी होती है। लेकिन ध्यान रखें की छैना मीठा होता है तो जरुरत से ज्यादा छैना का सेवन न करें।

आयरन युक्त आहार

गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी के कारण भी बच्चे के विकास और वजन में कमी आ सकती है। ऐसे में महिला को आयरन युक्त डाइट जैसे पालक व् अन्य हरी सब्जियां, ब्रोकली, अनार, सेब का भरपूर सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में खून की कमी पूरी होती है साथ ही बच्चे तक ब्लड व् ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुँचते हैं। जिससे बच्चे का विकास और वजन तेजी से बढ़ता है।

पोषक तत्वों से भरपूर डाइट

गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं को उल्टी, कब्ज़ की परेशानी अधिक होती है उन गर्भवती महिलाओं को भूख में कमी की समस्या होती है। जिसके कारण महिला ढंग से अपनी डाइट नहीं लेती है और इसका असर गर्भ में बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए हर गर्भवती महिला को हर दो से तीन घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाना चाहिए ध्यान रखें की वह डाइट पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। क्योंकि जितना अच्छे से महिला अपनी डाइट का ध्यान रखती है। उतना ही ज्यादा बच्चे को भी जरुरी पोषक तत्व मिलते हैं जिससे बच्चे का वजन सही रखने में मदद मिलती है।

दालों का सेवन

बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए रोजाना की डाइट में महिला को किसी न किसी दाल को भी जरूर शामिल करना चाहिए। क्योंकि दालें प्रोटीन, कैल्शियम व् अन्य मिनरल्स का बेहतरीन स्त्रोत होती है। जो गर्भ में शिशु की हड्डियों, मांसपेशियों के बेहतर विकास में मदद करती है। जिससे बच्चे के वजन में बढ़ोतरी होने में मदद मिलती है।

तनाव नहीं लें

गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं तनाव लेती है उन महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे के वजन में कमी का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में आपको अपने बच्चे के वजन को सही रखने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान तनाव नहीं लेना चाहिए, खुश रहना चाहिए।

हाइड्रेटेड रहें

बच्चे के वजन को सही रखने के लिए गर्भवती महिला को पानी व् अन्य तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करने से गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा सही रहती है। और एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा सही रहने से बच्चे के विकास के लिए जरुरी पोषक तत्व बच्चा अच्छे से लेता है। जिससे बच्चे के वजन को भी सही रहने में मदद मिलती है।

भरपूर आराम

गर्भावस्था के दौरान महिला का जरुरत से ज्यादा काम करना महिला के शरीर में मौजूद ऊर्जा की खपत अधिक करता है। जिससे महिला को शारीरिक कमजोरी हो जाती है और इसका असर बच्चे पर भी पड़ता है। ऐसे में महिला को गर्भ में शिशु का वजन सही रखने के लिए जरुरत से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए और भरपूर आराम करना चाहिए यानी दिन में में कम से कम आठ से दस घंटे महिला को जरूर सोना चाहिए। ऐसा करने से भी गर्भ में बच्चे के वजन को सही रहने और बच्चे के बेहतर विकास में मदद मिलती है।

डॉक्टर की राय

घरेलू तरीको का ध्यान रखने के साथ प्रेग्नेंट महिला को गर्भ में शिशु का वजन बढ़ाने के लिए डॉक्टर की राय भी जरूर लेनी चाहिए। यदि गर्भवती महिला डॉक्टर के बताये गए टिप्स को फॉलो करती है तो इससे भी गर्भ में शिशु का वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ आसान टिप्स जिन्हे फॉलो करने से प्रेग्नेंट महिला को अपने बच्चे के वजन को सही रखने में मदद मिलती है। तो यदि आप भी चाहती है की गर्भ में आपके बच्चे का वजन सही रहे तो इसके लिए आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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