गर्भ में शिशु का विकास जैसे जैसे बढ़ता है वैसे वैसे शिशु मूव करना शुरू कर देता है। और शिशु का हलचल करना गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे अनमोल पल होता है। उसके बाद शिशु का विकास और तेजी से होने लगता है और फिर वो पल आता है जब गर्भ में शिशु अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आ जाता है। और उसके बाद आपका नन्हा मेहमान आपकी बाहों में भी आ जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको गर्भ में शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में कब आता है और इस दौरान महिला को क्या- क्या सावधानी बरतनी चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
माँ के गर्भ में शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में कब आता है?
हर एक महिला की गर्भावस्था अलग होती है, हर एक महिला के गर्भ में पल रहे शिशु का विकास अलग होता है, हर एक गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान परेशानियां अलग होती हैं, वैसे ही गर्भ में पल रहे शिशु के जन्म लेने की पोजीशन का समय भी अलग अलग ही होता है। जैसे की गर्भ में कुछ शिशु आठवें महीने के आखिर में जन्म लेने की सही पोजीशन में आने लगते हैं।
तो कुछ शिशु प्रेगनेंसी के नौवें महीने की शुरुआत में जन्म लेने की सही पोजीशन में आते हैं साथ ही कुछ शिशु डिलीवरी के समय से थोड़ी देर पहले ही जन्म लेने की सही पोजीशन में आ सकते हैं। यहां तक की ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं है की सभी बच्चे जन्म लेने की पोजीशन में आये क्योंकि कुछ बच्चे या तो पेट में उल्टे हो जाते हैं तो कुछ का सिर नीचे की तरफ नहीं आता बल्कि ऊपर की तरफ ही रहता है।
ऐसे में हर एक महिला के पेट में बच्चे के जन्म लेने की सही पोजीशन में आने का समय एक नहीं होता है। साथ ही कई बार जब बच्चे जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आते हैं तो डॉक्टर्स भी अपने तरीके लगाते हैं जिससे बच्चे सही पोजीशन में आ जाते हैं। ऐसे में बच्चे के जन्म लेने की सही पोजीशन में आना पूरी तरह से महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है।
गर्भ में शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन में आने पर बरतें यह सावधानियां
माँ के गर्भ में जब शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में आ जाता है तो महिला को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि माँ व् बच्चे दोनों को किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।
पेट पर दबाव नहीं पड़ने दें
महिला को अपने पेट पर दबाव नहीं पड़ने देना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से गर्भ में शिशु को दिक्कत महसूस हो सकती है। साथ ही महिला को भी पेट दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
महिला को सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए
जब महिला के गर्भ में पल रहा शिशु जन्म लेने की पोजीशन में आ जाता है तो उसके बाद महिला को सम्बन्ध बनाने की गलती भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से पेट पर दबाव पड़ने के साथ गर्भाशय को चोट लगने का खतरा भी हो सकता है।
यूरिन रोककर नहीं रखना चाहिए
बच्चे के जन्म लेने की सही पोजीशन में आने पर पेट के निचले हिस्से पर दबाव अधिक बढ़ जाता है जिसकी वजह से महिला की यूरिन पास करने की इच्छा में बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला यूरिन को बिल्कुल भी कण्ट्रोल नहीं करें क्योंकि इसकी वजह से महिला को पेट दर्द, बीच में यूरिन निकलने की समस्या, इन्फेक्शन आदि होने का खतरा हो सकता है।
स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए
गर्भ में शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन में आने का मतलब होता है की अब शिशु का जन्म अब किसी भी वक्त हो सकता है ऐसे में महिला को बिल्कुल भी स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए बल्कि अपने आप को शांत रखना चाहिए। क्योंकि यदि महिला स्ट्रेस लेती है तो इससे महिला की परेशानियां बढ़ सकती है। साथ ही यदि महिला शांत रहती है तो इससे डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
तो यह हैं गर्भ में शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में कब आता है और शिशु के गर्भ में जन्म लेने की सही पोजीशन में आने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए उससे जुड़े टिप्स, यदि आप भी माँ बनने वाली हैं तो आपको भी यह जानकारी जरूर होनी चाहिए ताकि आपको अपने शरीर में हो रहे बदलाव को समझने में आसानी हो सके और आप अपना अच्छे से ध्यान रख सकें।