प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने महिला उस समय का इंतज़ार करती है की कब उसका शिशु जन्म लेगा। उसके बाद जैसे ही प्रेगनेंसी का समय पूरा होने लगता है और डिलीवरी का समय नजदीक आता है तो यह इंतज़ार और भी मुश्किल होने लगता है। लेकिन डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को अपना और ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है।
ताकि गर्भवती महिला और शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो। और यदि आप अपना अच्छे से ध्यान रखती है तो गर्भ में शिशु धीरे धीरे जन्म लेने की सही पोजीशन में भी आने लगता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में जानते हैं की गर्भ में शिशु का सिर कौन से महीने में नीचे आता है क्योंकि यह शिशु के जन्म लेने की सही पोजीशन होती है।
गर्भ में बच्चा सिर नीचे की तरफ कब करता है?
प्रेगनेंसी के पांचवें महिला में लगभग अधिकतर शिशु मूव करना शुरू कर देते हैं और गर्भ में होने वाली इस हलचल का अहसास महिला भी महसूस कर सकती है। उसके बाद जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है और शिशु जन्म लेने के लिए पूरा तैयार हो जाता है और उसके बाद धीरे धीरे शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में आने लगता है। लेकिन गर्भ में शिशु कब सिर नीचे करेगा इसका कोई एक समय नहीं है।
क्योंकि कुछ शिशु प्रेगनेंसी के आखिरी हफ्ते में सिर नीचे करते हैं तो कुछ बच्चे चौंतीस से छतीसवें हफ्ते के दौरान भी सिर नीचे की तरफ कर सकते हैं। ऐसे में गर्भ में शिशु सिर नीचे कब करेगा यह पूरी तरह से गर्भ में शिशु पर ही निर्भर करता है। साथ ही कई बार ऐसा भी होता है की डिलीवरी का समय बिल्कुल पास आ जाता है और शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है। ऐसे में कई बार डॉक्टर्स को सिजेरियन डिलीवरी भी करनी पड़ती है। इसीलिए बच्चा कब सिर नीचे करेगा इसका कोई एक समय बता पाना मुश्किल होता है।
कैसे पता चलता है की बच्चे नीचे की तरफ आ गया है?
यदि गर्भ में शिशु नीचे की तरफ खिसक रहा है तो इस दौरान आपको शरीर में कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे की:
पेल्विक एरिया पर जोर पड़ना: यदि प्रेग्नेंट महिला के पेल्विक एरिया पर ज्यादा दबाव महसूस हो रहा है तो इसका मतलब होता है की शिशु नीचे की तरफ आ गया है।
सांस लेने में आसानी: यदि महिला को सांस लेने में तकलीफ नहीं हो रही है और सांस लेने में हल्का महसूस हो रहा है तो इसका मतलब भी यही होता है की शिशु अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आ गया है। क्योंकि बच्चे के नीचे खिसकने के कारण महिला को सांस लेने में आसानी होती है।
पेट का नीचे की तरफ झुकना: यदि प्रेग्नेंट महिला का पेट ज्यादा नीचे की तरफ झुकने लगता है तो इसका मतलब भी यही होता है की बच्चा नीचे की तरफ आ गया है।
स्त्राव होना: यदि महिला को प्राइवेट पार्ट से स्त्राव होता है तो यह लक्षण भी इस और इशारा करता है की बच्चा नीचे की तरफ आ गया है। और यदि सफ़ेद पानी का स्त्राव ज्यादा हो या खून के धब्बे लग रहे हो तो इसका यह मतलब होता है की डिलीवरी का समय नजदीक है ऐसे में महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए।
यूरिन ज्यादा आना: यदि महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा हो रही है तो इसका मतलब भी यही होता है की बच्चे के नीचे आने की वजह से मूत्राशय पर दबाव पड़ रहा है। जिसकी वजह से यूरिन ज्यादा पास करने की इच्छा हो रही है।
भूख बढ़ना: बच्चे के नीचे की तरफ होने की वजह से महिला को सीने में जलन की समस्या कम हो जाती है जिसकी वजह से महिला को भूख अधिक लग सकती है।
पीठ में दर्द: बच्चे के नीचे खिसकने की वजह से पीठ की मांसपेशियों पर ज्यादा जोर बढ़ने लगता है जिसकी वजह से महिला को पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
तो यह हैं गर्भ मे बच्चा कब नीचे की तरफ आता है व् उसके क्या लक्षण होते हैं उससे जुड़े टिप्स, यदि आपकी डिलीवरी का समय भी नजदीक आ रहा है तो आपको भी इन टिप्स का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपको यह पता चल सकें की अब बच्चा जन्म लेने की सही पोजीशन में आ रहा है और अब डिलीवरी किसी भी समय हो सकती है।