माँ के गर्भ में शिशु का पूरा विकास अपनी माँ पर ही निर्भर करता है इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान जितना ज्यादा अच्छे से महिला अपना ध्यान रखती है। उतना ही ज्यादा गर्भ में पल रहे शिशु का विकास अच्छे तरीके से होता है। लेकिन कई बार प्रेगनेंसी के दौरान लापरवाही करने से, महिला का अपनी सेहत के प्रति अच्छे से ध्यान नहीं रखने से, खान पान में लापरवाही बरतने से गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है। ऐसे में गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो रहा है या नहीं, गर्भ में शिशु बीमार या कमजोर तो नहीं है इसके बारे में महिला कैसे जान सकती है इसके बारे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं।
गर्भ में शिशु के बीमार होने पर महसूस होते हैं यह लक्षण
माँ के गर्भ में पल रहा शिशु यदि बीमार होता है तो ऐसा होने पर महिला के शरीर में कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे की:
महिला का पेट बाहर नहीं आता है
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का पेट महीने दर महीने आगे की और निकलने लगता है। लेकिन यदि महिला का प्रेगनेंसी का टाइम तो आगे बढ़ रहा होता है परन्तु महिला का पेट उस तरह से नहीं बढ़ता है। तो ऐसा होना गर्भ में शिशु के विकास में कमी यानी की गर्भ में शिशु के बीमार होने की तरफ इशारा करता है।
शिशु की मूवमेंट में कमी
यदि गर्भ में शिशु बीमार होता है या शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो पाता है तो ऐसा होने पर महिला को शिशु के मूवमेंट में कमी महसूस हो सकती है। क्योंकि शिशु के स्वस्थ होने पर प्रेगनेंसी के टाइम के आगे बढ़ने के साथ गर्भ में शिशु की मूवमेंट भी बढ़ने लगती है। और यदि शिशु की मूवमेंट नहीं बढ़ती है तो इसका कारण गर्भ में शिशु का बीमार होना हो सकता है।
महिला का वजन नहीं बढ़ता है
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन बढ़ना जरुरी होता है क्योंकि उसमे महिला के वजन के साथ शिशु का वजन भी जुड़ जाता है। लेकिन यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन नहीं बढ़ता है बल्कि महिला कमजोर हो जाती है तो ऐसा होना भी गर्भ में शिशु के बीमार होने का ही लक्षण होता है।
ब्लीडिंग होना
प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को स्पॉटिंग की समस्या हो सकती है और ऐसा होना आम बात होती है। लेकिन यदि यह समय पूरी प्रेगनेंसी के दौरान होती है तो यह लक्षण गर्भ में शिशु के अस्वस्थ होने की और इशारा करता है। साथ ही ब्लीडिंग बढ़ने के कारण गर्भपात, स्पॉटिंग की समस्या होने के कारण महिला को प्रेगनेंसी में ज्यादा कॉम्प्लीकेशन्स का सामना करना पड़ सकता है।
महिला बीमार पड़ सकती है
यदि गर्भ में शिशु स्वस्थ नहीं होता है तो इसकी वजह से महिला की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है जिसके कारण महिला भी बीमार महसूस कर सकती है। ऐसे में महिला को अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि माँ या शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो।
तो यह हैं कुछ लक्षण जो इस बात की और इशारा करते हैं की गर्भ में पल रहा शिशु स्वस्थ नहीं है या शिशु का विकास अच्छे से नहीं हो रहा है। ऐसे में महिला को प्रेगनेंसी के दौरान इन लक्षणों के महसूस होने पर इन्हे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ताकि समय रहते बच्चे को सही ट्रीटमेंट मिल सके जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।