प्रेगनेंसी के दौरान देखभाल
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान हर छोटी से छोटी बात का अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान बरती गई थोड़ी सी लापरवाही गर्भवती महिला के साथ शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। इसीलिए महिला को अपने उठने, बैठने, खाने, पीने, सोचने आदि सभी बातों का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि महिला जितना अच्छे से अपना ध्यान रखती है उतना ही गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है। इसके अलावा शिशु को डिलीवरी के समय होने वाली दिक्कतों से भी सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
गर्भ में शिशु के नीचे होने पर इन बातों का ध्यान रखें
प्रेगनेंसी के दौरान अच्छी तरह देखभाल करने के बाद भी कुछ केस में डिलीवरी का समय पास आने से पहले ही शिशु का भार नीचे की तरफ अधिक होने लगता है। जो की शिशु के लिए परेशानी का कारण हो सकता है, क्योंकि इसके कारण समय पूर्व प्रसव होने का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए महिला को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि शिशु का जन्म समय से पहले न हो और प्रेग्नेंट महिला और शिशु को किसी भी तरह की दिक्कत न हो। क्योंकि यदि शिशु का जन्म समय से पहले हो जाता है तो इससे शिशु को जन्म के समय होने वाली बीमारियां, शिशु के वजन में कमी जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भ में शिशु के नीचे होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
ज्यादा न चलें
गर्भ में शिशु के नीचे की तरफ होने पर महिला को ज्यादा चलने से परहेज करना चाहिए, सीढ़ियां तो बिल्कुल नहीं चढ़नी चाहिए, खाना खाने के बाद सैर आदि करने से भी परहेज करना चाहिए, खासकर प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उस दौरान शिशु का विकास बढ़ जाता है, जिससे शिशु का भार नीचे की तरफ अधिक महसूस हो सकता है, और महिला इसके कारण महिला को परेशानी का अनुभव हो सकता है, और ऐसा होने पर महिला को ऐसा भी महसूस हो सकता है की उसकी डिलीवरी होने वाली है।
व्यायाम न करें
वैसे प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में महिला को हलकी फुल्के व्यायाम की सलाह दी जाती है ताकि महिला को फिट रहने में मदद मिल सकें, लेकिन यदि आपके शिशु का भार नीचे की तरफ है तो आपको गलती से भी व्यायाम करने के बारे में सोचना नहीं चाहिए।
ट्रेवल
कितना भी जरुरी हो, यदि डॉक्टर ने आपको कहा है की आपके गर्भ में पल रहे शिशु का भार नीचे की तरफ है तो भी थोड़ी दूर की ट्रैवेलिंग से भी बचना चाहिए। क्योंकि ट्रेवलिंग से झटका आदि लगने के कारण पेट में दर्द या समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी के होने का खतरा बढ़ जाता है।
पेट के बल किसी भी काम को न करें
ऐसे किसी भी काम को करने से बचे जिसे करने से हल्का सा भी पेट पर जोर पड़ता है जैसे की भारी सामान उठाना, किसी चीज को सरकाना, झुककर किसी भी काम को करना, पेट के बल खड़े रहकर काम करना, आदि। क्योंकि पेट पर दबाव पड़ने के कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ज्यादा देर एक ही जगह पर खड़े न रहें
एक ही जगह पर महिला को बहुत देर तक खड़े भी नहीं रहना चाहिए, और न ही बहुत देर तक तक पैर को लटकाकर बैठना चाहिए। क्योंकि इसके कारण भी महिला को परेशानी हो सकती है।
सम्बन्ध न बनाएं
यदि आपको डॉक्टर ने बताया है की गर्भ में पल रहे शिशु का भार नीचे की तरफ है तो ऐसे में किसी भी तरह की परेशानी न हो। इससे बचने के लिए महिला को अपने पार्टनर के साथ सम्बन्ध बनाने से भी बचना चाहिए।
घर के काम से बचे
घर के काम जैसे की झाड़ू लगाना, पोछा लगाना, कपडे धोना आदि के लिए भी आपको काम वाली लगानी चाहिए, या घर के किसी सदस्य को इन कामों को करने देना चाहिए। क्योंकि इन सभी कामों को करने से महिला की परेशानी बढ़ सकती है, और समय से पहले शिशु के जन्म के होने का खतरा रहता है।
सोते समय रखें ध्यान
गर्भ में शिशु का भार यदि नीचे की तरफ है तो गर्भवती महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। की सोते समय अपने पैरों के नीचे दो सिरहाने रखकर सोएं, या फिर बेड में जिस तरफ आप पैर रखती है उस हिस्से को दूसरे के मुकाबले थोड़ा ऊँचा उठायें, ऐसा करने से महिला को इस परेशानी से बचने में मदद मिलती है।
डॉक्टर की राय
ऐसी स्थिति होने पर महिला को डॉक्टर से संपर्क में रहना चाहिए, समय समय पर अपनी जांच करवानी चाहिए, और डॉक्टर जो जो सावधानी बरतने की सलाह देते हैं उन्हें महिला को बरतना चाहिए, ताकि इस परेशानी के होने पर महिला या शिशु दोनों को ही किसी भी तरह की दिक्कत न हो।
तो यह हैं कुछ टिप्स जो महिला को गर्भ में शिशु के नीचे होने ओर ध्यान रखना चाहिए, ताकि शिशु को स्वस्थ रखने, समय पूर्व प्रसव की समस्या से बचाने में मदद मिल सके।