माँ बनना हर महिला की जिंदगी का एक अनमोल अहसास होता है। और जैसे ही महिला को पता चलता है की वो माँ बनने वाली है और उसके गर्भ में एक नन्ही जान पल रही है। तभी से महिला अपना और ज्यादा ध्यान रखना शुरू कर देती है। अभी गर्भ में शिशु की हलचल भी शुरू नहीं होती है लेकिन महिला अपने बच्चे से भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है। और महिला को मातृत्व का अहसास होने लगता है। फिर उसके बाद जब गर्भ में शिशु की पहली बार हलचल महिला को महसूस होती है।
तो महिला और भी ज्यादा उत्सुक हो जाती है और पूरा दिन गर्भ में नन्हा शिशु जब जब हलचल करता है तब तब उस लम्हे को एन्जॉय करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की गर्भ में शिशु हलचल करने के साथ और भी ऐसी हरकतें करता है जिसे महिला न तो देख सकती है न ही महसूस करती है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम गर्भ में शिशु द्वारा की जाने वाली ऐसी ही हरकतों के बारे में बताने जा रहे हैं।
हिचकी: गर्भ में शिशु का जैसे जैसे विकास बढ़ता है वैसे ही गर्भ में शिशु अलग अलग हरकतें करता है जैसे की आपका शिशु गर्भ में हिचकी लेता है।
अंगड़ाई: घूमने के बाद जब गर्भ में शिशु थक जाता है और सुस्ती महसूस करता है तब आपका शिशु गर्भ में अंगड़ाई भी लेता है।
अंगूठा चूसता है: आपने कई बच्चों को देखा होगा जिनमे जन्म के बाद अंगूठा चूसने की आदत होती है लेकिन कई बच्चे जन्म के बाद नहीं बल्कि माँ के पेट जब होते हैं तब भी अंगूठा चूसते हैं।
उल्टा सीधा होना: यदि आप ऐसा सोचती है की गर्भ में शिशु केवल ही जगह पर रहता है और केवल वहीँ पर मूवमेंट करता है। तो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं बल्कि आपके गर्भ में पल रहा शिशु गर्भ में अपनी पोजीशन बदल सकता है। और वो उल्टा सीधा होकर गर्भ में घूमता रहता है।
आराम भी करता है: ऐसा नहीं है की गर्भ में शिशु सोता नहीं है बल्कि जब घूमने के बाद शिशु थक जाता है तो माँ के पेट में शिशु शांति से आराम भी करता है।
चौंक जाता है: जैसे जैसे शिशु की सुनने की क्षमता में वृद्धि होती है तो शिशु बाहर की आवाज़ों को महसूस करता है। और यदि आपके आस पास बहुत तेज आवाज़ होती है तो उसे सुनकर गर्भ में शिशु चौंक जाता है। जिसके कारण कुछ शिशु गर्भ में हलचल भी अधिक करने लगते हैं।
आँखे घूमाना: माँ के गर्भ में ही शिशु चेहरे के हाव भाव के बारे में सीख लेता है और शिशु गर्भ में अपनी आँखों को झपकाना, आँखों को घूमाना जैसी गतिविधियां भी गर्भ में करने लगता है।
हँसते और रोते हैं बच्चे: आपको यह जानकर हैरानी होगी की गर्भ में बच्चा हँसता भी है और रोता भी है। यदि महिला खुश होती है तो बच्चा भी खुश होता है। यदि आप परेशान होती है तो आपका बच्चा भी परेशान होता है।
स्वाद का अनुभव: माँ के गर्भ में बच्चा स्वाद का अनुभव भी करता है। यानि महिला जो भी खाती है उसका स्वाद केवल महिला ही नहीं लेती है बल्कि जब वह स्वाद एमनियोटिक फ्लूड से बच्चे तक पहुँचता है तो बच्चा भी उसका स्वाद उठाता है।
हाथ पैर मारना: बच्चे जा माँ के पेट में होता है तो बच्चा अपने हाथों पैरों को अच्छे से खोल सकता है और उन्हें तेजी से इधर उधर मारता भी है। और बच्चा जब इधर उधर तेजी से हाथ पैर मारता है। तभी गर्भ में शिशु की हलचल महिला को महसूस होती है।
तो यह हैं वो हरकतें जो गर्भ में शिशु करता है लेकिन महिला इन्हे देख नहीं सकती है। लेकिन जब आप अल्ट्रासॉउन्ड करवाने जाती है तो डॉक्टर आपको स्कैनर की मदद से यह बता देती है की आपका बच्चा गर्भ में क्या कर रहा है।