प्रेगनेंसी में शिशु की हलचल
प्रेगनेंसी की खबर किसी भी महिला के लिए बेहद ख़ुशी का लम्हा होता है, और यह ख़ुशी और भी बढ़ जाती है जब गर्भ ने महिला शिशु की हलचल का अनुभव करती है। क्योंकि शिशु की पहली हलचल शिशु के गर्भ में होने के अहसास को महिला को महसूस करवाने में मदद करती है। गर्भ में शिशु की हलचल का अनुभव गर्भवती महिला को पांचवें महीने में महसूस हो सकता है। जो महिलाएं पहली बार माँ बन रही होती है उनके लिए इस हलचल को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन दूसरी बार माँ बन रही महिला को इसकी समझ होती है और वो इसे अच्छे से समझ जाती है। कुछ महिलाएं चौथे महीने के आखिर में इस हलचल को महसूस कर सकती है।
गर्भ में शिशु का विकास जैसे जैसे बढ़ता है, जैसे जैसे शिशु के सुनने की क्षमता का विकास होता है, शिशु बाहर की चीजों पर प्रतिक्रिया देनी शुरू करता है, डिलीवरी का समय पास आने वाला होता है, आदि। वैसे वैसे गर्भवती महिला शिशु की हलचल का अनुभव अधिक कर सकती है। इसके अलावा महिला के गर्भ में शिशु के हलचल का अनुभव होना शिशु के बेहतर विकास और शिशु के स्वस्थ होने की निशानी होती है। साथ ही शिशु की गर्भ में हलचल महसूस केवल माँ को ही होती है, लेकिन घर के अन्य सदस्यों से महिला जब शिशु की गर्भ में हलचल के बारे में शेयर करती है। तो उनके लिए इन बातों को सुनना ही उन्हें शिशु के होने का अहसास करवाने में मदद करता है।
शिशु एक दिन में कितनी बार हलचल करता है?
दिन भर में काम करते समय, या जब आपका ध्यान कहीं और लगा हो, तो हो सकता है की शिशु हलचल तो कर रहा हो लेकिन उस तरफ आपका ध्यान न जाए। लेकिन जब आप आराम करती है, पेट पर हाथ फेरती है, ज्यादा रौशनी में जाती है, बहुत ज्यादा आवाज़ वाली जगह होती है, आदि। तो आपको शिशु की हलचल महसूस होती है क्योंकि गर्भ में पल रहा शिशु बाहर की चीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर देता है। केवल बाहर की चीजों पर ही नहीं आपका शिशु जो आप खाती है इस पर भी प्रतिक्रिया दे सकता है क्योंकि जो भी महिला खाती है वह गर्भनाल के रास्ते शिशु तक पहुंचाया जाता है। और यदि महिला बहुत अधिक मिर्ची का सेवन करती है तो हो सकता है की शिशु गर्भ में हलचल करने लगे।
इसके अलावा हर शिशु गर्भ में एक ही समय हलचल करे या एक जितनी हलचल करें ऐसा जरुरी नहीं होता है। क्योंकि यह हर भ्रूण के गर्भ में हो रहे विकास पर निर्भर करता है। इसके अलावा गर्भ में शिशु एक दिन में या एक घंटे में कितनी बार किक करता है इसका अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि गर्भ में शिशु के किक कारण शिशु पर ही निर्भर करता है। लेकिन आप चाहे तो प्रेगनेंसी के दौरान गिन सकती है की शिशु एक घंटे या एक दिन में कितनी बार किक करता है, लेकिन हर घंटे या हर दिन एक जितनी ही बार शिशु किक करे ऐसा जरुरी नहीं होता है। तो पूरी तरह से आप इस गिन तो नहीं सकते लेकिन आप इस अनुभव का भरपूर आनंद प्रेगनेंसी के दौरान जरूर उठा सकते हैं।
गर्भ में शिशु की हलचल का गर्भवती महिला को अच्छे से ध्यान रखना भी चाहिए, और यदि आपको कभी ऐसा महसूस हो की गर्भ में शिशु हलचल नहीं कर रहा है। या बहुत समय हो गया शिशु की कोई हलचल नहीं हुई तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके कारण शिशु को गर्भ में रिस्क हो सकता है इसीलिए गर्भ में शिशु की हलचल न महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।