प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से अपनी माँ पर निर्भर करता है। इसीलिए तो कहा जाता है की प्रेगनेंसी बहुत ही नाजुक समय होता है। क्योंकि अब महिला को केवल अपना ध्यान नहीं रखना होता है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की केयर भी करनी होती है। ऐसे में यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला किसी भी तरह की लापरवाही करती है तो इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है।
ऐसे में गर्भावस्था के दौरान जरुरी होता है की महिला अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि गर्भ में शिशु के विकास में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आये। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे काम के बारे में बताने जा रहे हैं जो गर्भवती महिला को नहीं करने चाहिए। क्योंकि उन्हें करने से गर्भ में पल रहे शिशु को गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है।
पेट पर दबाव डालने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान किसी कारण यदि पेट पर दबाव पड़ता है तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु को दिक्कत होती है। ऐसे में यदि महिला झुककर काम करती है, पेट को किसी चीज से सटकर काम करती है, पैरों के भार बैठकर काम करती है, किचन शेल्फ से सटकर काम करती है, भारी सामान उठाने के कारण, भारी चीजों को सरकाने के कारण, आदि तो इन सभी में महिला के पेट पर दबाव पड़ने का खतरा रहता है। और जब महिला के पेट पर दाबाव पड़ता है तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु को चोट पहुँचने का खतरा रहता है।
तेजी से सीढ़ियां उतरने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को सीढ़ियां ज्यादा चढ़ने व् उतरने के लिए मना किया जाता है क्योंकि इसके कारण पेट पर झटका आदि लगने का खतरा होता है। खासकर महिला को तेजी से तो बिल्कुल भी सीढ़ियां चढ़नी या उतरनी नहीं चाहिए। क्योंकि तेजी से सीढ़ियां चढ़ने व् उतरने के कारण गिरने का खतरा रहता है, पेट में झटके लग सकते हैं, जिसके कारण गर्भ में पल रहे शिशु को चोट लगने का खतरा होता है।
सम्बन्ध बनाने के कारण
गर्भ में शिशु एमनियोटिक फ्लूड में बिल्कुल सेफ होता है ऐसे में गर्भावस्था के दौरान यदि पूरी सुरक्षा का ध्यान रखा जाये तो प्रेग्नेंट महिला इस दौरान सम्बन्ध बना सकती है। लेकिन यदि सम्बन्ध बनाने में किसी तरह की लापरवाही की जाती है जैसे की ज्यादा तेजी की जाती है, पेट पर दबाव डाला जाता है, कोई नया एक्सपेरिमेंट किया जाता है तो इसके कारण गर्भ में शिशु को चोट लगने का खतरा होता है।
ज्यादा उछल कूद करने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को उठने बैठने में ज्यादा तेजी नहीं करनी चाहिए बल्कि किसी चीजे का सहारा लेकर आराम से बैठना चाहिए ताकि महिला को कोई दिक्कत नहीं हो। ऐसे में यदि कोई महिला बैठने उठने में तेजी करती है, ज्यादा उछल कूद करती है, बिना सोचें समझें कभी भी झुक जाती है तो इस कारण महिला के पेट पर असर पड़ता है जिसके कारण गर्भ में शिशु असहज महसूस करता है साथ ही शिशु को गर्भ में चोट लगने का खतरा होता है।
जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को थोड़ा बहुत व्यायाम जरूर करना चाहिए क्योंकि व्यायाम करना, योगा करना महिला के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन यदि महिला बिना सोचें समझें कोई भी एक्सरसाइज या योगा करती है और जरुरत से ज्यादा योगा व् एक्सरसाइज करती है तो इसके कारण गर्भ में शिशु को चोट पहुंचने का खतरा रहता है।
गिरने के कारण
यदि प्रेगनेंसी के दौरान महिला चलते फिरते समय या काम करते समय अपना अच्छे से ध्यान नहीं रखती है। और गिर जाती है तो इस कारण गर्भवती महिला को पेट पर चोट लगने का खतरा होता है जिसका नुकसान गर्भ में पल रहे शिशु को होता है। यहां तक की पेट के बल गिरने के कारण गर्भपात व् समय से पहले डिलीवरी जैसी परेशानी होने का भी खतरा होता है।
तेज आवाज़ में रहने के कारण
गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी धीरे धीरे बढ़ता है और विकास बढ़ने के साथ शिशु की सुनने की क्षमता भी बढ़ती है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला बहुत तेज आवाज़ में गाने सुनती है या ऐसी किसी जगह पर अधिक जाती है जहां पर शोर अधिक होता है। तो इस कारण शिशु की सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
नशीले पदार्थों का सेवन
प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला किसी भी तरह के नशीले पदार्थों जैसे की धूम्रपान, अल्कोहल आदि का सेवन करती है या ऐसी किसी जगह पर जाती है जहां इसका सेवन हो रहा होता है। तो इनका बुरा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है जिसके कारण शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में कमी आने का खतरा होता है।
ट्रेवल करना
प्रेगनेंसी के समय महिला को यात्रा करने की मनाही होती है। क्योंकि यात्रा करते समय किसी भी तरह का झटका आदि लगने के कारण पेट पर चोट लगने का खतरा होता है। जिसकी वजह से गर्भपात, ब्लीडिंग जैसी समस्या महिला को हो सकती है।
ऊँचे हील पहनने के कारण
गर्भावस्था के दौरान महिला को आरामदायक जूते चप्पल पहनने की सलाह दी जाती है। क्योंकि ऊँची हील वाले जूते चप्पल पहनने के कारण महिला के गिरने का खतरा होता है जिसकी वजह से महिला को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है। और जब महिला गिर जाती है तो महिला के पेट पर चोट लगने का खतरा होता है जिस कारण बच्चे को भी चोट लग सकती है। यहां तक की गर्भपात और समय पूर्व प्रसव होने जैसी समस्या भी हो सकती है।
गलत पोजीशन में सोने के कारण
गर्भावस्था के दौरान गलत पोजीशन जैसे की पेट के बल सोने के कारण, लम्बे समय तक दाईं और करवट लेकर सोने के कारण भी पेट पर दबाव बढ़ जाता है। जिसके कारण गर्भ में शिशु को चोट लगने का खतरा होता है।
तो यह हैं कुछ काम जो प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चहिये क्योंकि इन्हे करने से गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में दिक्कत आने का खतरा रहता है। साथ ही जितना हो सके महिला प्रेगनेंसी के दौरान अच्छे से ध्यान रखें ताकि महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिल सके।