गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से अपनी माँ पर निर्भर करता है ऐसे में गर्भ में शिशु के विकास में कोई कमी नहीं हो और माँ के पेट में शिशु को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए गर्भवती महिला को अपनी सेहत का ध्यान अच्छे से रखने की सलाह दी जाती है। ओर ऐसा कोई भी काम न करने की सलाह दी जाती है जिससे आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की परेशानी हो। साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है।
ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना जरुरी होता है की गर्भ में पल रहा शिशु महिला के साथ केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक व् भावनात्मक रूप से भी जुड़ जाता है। इसीलिए महिला के लिए और भी जरुरी हो जाता है की महिला किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें क्योंकि इससे शिशु के बढ़ते विकास में दिक्कत होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
गर्भ में विकास बढ़ने के साथ गर्भ में शिशु बहुत सी हरकतें भी करने लगता है जैसे की शिशु सिर घुमाता है, हिचकी लेता है, अंगड़ाई लेता है, हसता है, रोता है, सोता है, हाथ पैर मारता है, बाहर की चीजों को सुन सकता है और उन पर अपनी हलचल द्वारा प्रतिक्रिया भी देता है, आदि। इसके अलावा आपका शिशु गर्भ में डरता भी है अब आप सोच रहे होंगे की गर्भ में शिशु कैसे डरता है? क्योंकि गर्भ में तो शिशु सेफ होता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको गर्भ में शिशु कब डरता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
तेज आवाज़ सुनने पर
गर्भ में शिशु का शारीरिक विकास बढ़ने के साथ शिशु के अंग भी विकास करने लगते हैं और अपना काम गर्भ से ही करना शुरू कर देते हैं। जैसे की गर्भ में शिशु की सुनने की क्षमता का विकास बढ़ने लगता है। ऐसे में यदि कभी गाने की तेज आवाज़ सुनता है, आप ज्यादा शोरगुल में रहते हैं तो ऐसे माहौल में शिशु गर्भ में ज्यादा हलचल करने लगता है। और शिशु की ज्यादा हलचल करने का कारण शिशु का तेज आवाज़ के कारण डर जाना या चौंक जाना होता है।
यदि आप या कोई और लड़ाई कर रहा हो
किसी कारण यदि प्रेग्नेंट महिला तेज आवाज़ में चिल्ला चिल्ला कर लड़ाई कर रही हो या फिर महिला के आस पास कोई लड़ाई करके तेज तेज बोल रहा हो तो तेज आवाज़ सुनकर गर्भ में शिशु घबरा सकता है। जिसकी वजह से गर्भ में शिशु की हलचल बढ़ जाती है और शिशु गर्भ में डरा हुआ महसूस करता है।
अचानक से कोई काम करने पर
यदि कभी गर्भवती महिला अचानक से उठ जाती है, अचानक से बैठ जाती, तेजी से लेट जाती है तो ऐसे कुछ समय पर गर्भ में अचानक से चीजें होने पर चौंक जाता है या डर जाता है। साथ ही इन कामों को करने से और सावधानी नहीं बरतने से महिला को भी दिक्कत होने का खतरा होता है।
तेज रौशनी पड़ने पर
जब कहीं अचानक से गर्भ पर तेज रौशनी पड़ती है तो गर्भ में पल रहा शिशु उस रौशनी को महसूस कर सकता है। और अचानक से रौशनी पड़ने पर गर्भ में शिशु एक दम से चौंक जाता है या डर जाता है साथ ही शिशु की हलचल भी पहले से अधिक और तेज होने लगती है।
पेट पर दबाव पड़ने पर
यदि गर्भवती महिला के पेट पर दबाव पड़ता है तो इसके कारण भी गर्भ में शिशु असहज महसूस करता है और कई बार डर जाता है क्योंकि पेट पर दबाव पड़ने के कारण शिशु को गर्भ में परेशानी होती है।
यदि महिला को डर लगता है
कई बार ऐसा होता है सोते हुए कोई सपना आता है तो आप अचानक से सोकर उठ जाती है ऐसे में यदि गर्भवती महिला डर जाती है तो अचानक से महिला को घबराहट महसूस होने के कारण गर्भ में शिशु भी घबरा जाता है।
भारी सामान उठाने पर
यदि गर्भवती महिला भारी सामान उठाती है तो इसकी वजह से महिला के पेट पर दबाव पड़ने के साथ महिला को थकान महसूस अधिक होती है। जिसकी वजह से महिला का ब्लड प्रैशर हाई होने का खतरा भी बढ़ जाता है और महिला हाफने भी लगती है। इस कारण गर्भ में शिशु को भी दिक्कत जैसे की शिशु की हलचल में बढ़ोतरी, शिशु को गर्भ में डर आदि लग सकता है।
तेजी से काम करने पर
यदि गर्भवती महिला हर काम को करने में तेजी करती है तो इसकी वजह से भी गर्भ में शिशु को असहज महसूस होता है और हर चीज तेजी से होने के कारण गर्भ में शिशु डर भी महसूस कर सकता है।
भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने पर
यदि गर्भवती महिला किसी ऐसी जगह पर जाती है जहां बहुत ज्यादा भीड़भाड़ होती है, शोर होता है तो ऐसी जगह पर जाने पर शिशु को बाहर की चीजें महसूस होती है। जिसके कारण गर्भ में शिशु तेज हलचल करने लगता है और डर महसूस करता है।
महिला द्वारा लापरवाही करने पर
यदि गर्भवती महिला किसी तरह की लापरवाही करती है जैसे की खाना समय पर नहीं खाती है, उछल कूद करती है, नींद पूरी नहीं लेती है, यूरिन रोककर रखती है, ज्यादा व्यायाम करती है, ज्यादा चहलकदमी करती है, नशीले पदार्थों का सेवन करने पर, कैफीन का अधिक सेवन करने पर, आदि। ऐसे कुछ काम करने पर गर्भ में शिशु को दिक्कत महसूस हो सकती है जिसके कारण गर्भ में शिशु घबरा भी जाता है और डर भी जाता है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से गर्भ में शिशु डर जाता है यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन बातों का ध्यान रखें चाहिए। ताकि आपके गर्भ में शिशु को डर नहीं लगे और शिशु का विकास अच्छे तरीके से हो।