आपके गर्भ में पल रहे शिशु का विकास कैसे होगा जानिए, गर्भ में शिशु का विकास, एक से नौ महीने तक शिशु का गर्भ में विकास, गर्भ में शिशु का विकास कैसे होता है, Development of unborn child during pregnancy
प्रेगनेंसी के दौरान हर गर्भवती महिला उत्साहित होती है की गर्भ में पल रहे शिशु का विकास कैसे हो रहा है, हर दिन हर महीने उसमे क्या क्या बदलाव आता है। खासकर जब महिला पहली बार माँ बनती है तो वह बहुत उत्सुक रहती है। जैसे ही उसे पता चलता है की वो प्रेग्नेंट है उसी दिन से उसके मन में गर्भ में पल रहे शिशु को लेकर तरह तरह के सपने बुनने की शुरुआत हो जाती है। अल्ट्रासॉउन्ड के माध्यम से आप गर्भ में शिशु का विकास देख सकते है। लेकिन हर महीने शिशु में क्या क्या बदलाव आते हैं और किस तरह उसका विकास होता है, आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
गर्भ में शिशु का पहला महीना
सबसे पहले गर्भशय की विभाजित कोशिकाएं एक बॉल के रूप में बन कर एक भ्रूण का आकार ले लेती हैं। उसके बाद गर्भनाल और शरीर में अल्पविकसित नाल जो की बच्चे को पोषण और ऑक्सीजन देती है, वो बॉडी में एक्टिव होने लग जाती है। दिल, मस्तिष्क, फेफड़े, रीढ़ की हड्डी, आदि गर्भावस्था के पहले महीने में ही शरीर में विकसित होने लग जाते हैं।
दूसरा महीना
दूसरे महीने में बच्चे के दिल की धड़कन आने लगती है, बच्चे की पाचन तंत्र प्रणाली, मूत्र प्रणाली, आकार लेने लगते है। साथ ही बच्चे के हाथ पैर भी बढ़ने लगते हैं, और बच्चे का चेहरा भी विकसित होने लगता है।
गर्भ में तीसरे महीने में शिशु का विकास
इस महीने में बच्चे के अंग थोड़े और मजबूत होने लगते हैं और कोहनी, घुटने, फेफड़े, आदि स्पष्ट रूप से दिखने लगते हैं। साथ ही इस दौरान बच्चे की आँखों की पलके भी विकसित होने लग जाती है।
चौथा महीना
तीसरे महीने के खत्म होने के बाद आपको अल्ट्रासॉउन्ड करवाना होता है, इस दौरान आप गर्भ में शिशु के विकास को देख सकते हैं। इस समय बच्चे के बाल व नाख़ून का विकास तेजी से होने लगता है साथ ही बच्चे के जोड़ो में मजबूती आने लगती है।
प्रेगनेंसी का पांचवे महीने में शिशु का विकास
पांचवे महीने के आखिर में भी आपको एक अल्ट्रासॉउन्ड करवाना होता हैं और इस समय बच्चे की उंगलियां अच्छे से विकसित होने लगती है, इस दौरान कुछ बच्चे अंगूठा भी चूसने लगते हैं। और इस समय कई बार आप भी गर्भ में बच्चे की हलचल को महसूस कर सकते हैं।
छठे महीने में शिशु का विकास
बच्चे का जबड़ा मजबूत होने लगता है, गर्भ में शिशु के सभी अंग अच्छे से विकसित हो जाते है, बच्चे की दिल की धड़कन तेज होने लगती है। और आप गर्भ में शिशु की हलचल को दिन में कई बार और थोड़ा बेहतर महसूस करने लगती हैं।
सातवे महीने में शिशु का विकास
इस महीने में शिशु का वजन भी तेजी से बढ़ने लगता हैं अब शिशु अच्छे से गर्भ में घूमने लगता है, व तेज आवाज़ होने पर तेजी से हलचल करता है, यानी उसके सुनने की क्षमता में विकास होने लग जाता है। अब वह अपने हाथ पैर को और अच्छे से घुमाने लगता है, और साथ ही आँखे भी खोलने और बंद करने में माहिर हो जाता है।
आठवें महीने में शिशु का विकास
प्रेगनेंसी का यह समय महिला के लिए सबसे खास होता है, क्योंकि इस दौरान शिशु का वजन भी तेजी से बढ़ता है, और बच्चा बहुत ही आसानी से गर्भ में मूव करने लगता है, और इस महीने के खत्म होते होते बच्चा अपनी सही पोजीशन लेना गर्भ में शुरू कर देता है।
नौवें महीने में शिशु का विकास
इस दौरान शिशु गर्भ से बाहर आने के लिए पूरी तरह तैयार होता है, और किसी भी समय उसका जन्म हो सकता है। साथ ही बच्चे का वजन, उसके सभी अंग, मस्तिष्क पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं।
तो यह है गर्भ में शिशु का एक से नौ महीने का सफर, जिसमे उसके सभी अंगो का विकास होता है। और गर्भ में शिशु किस तरह से विकसित होकर जन्म लेने के लिए अपने आप को तैयार करता है। गर्भ में शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। भरपूर पोषण अपने आप को देना चाहिए जिससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने में आपको मदद मिल सके।